
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) में स्नातक (Undergraduate) की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए एक बड़ा बदलाव सामने आया है। अब B.A., B.Sc., और B.Com. जैसे प्रमुख कोर्स तीन साल में नहीं, बल्कि चार साल में पूरे होंगे। यह बदलाव नई शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy-NEP 2020) के तहत किया गया है, जिसके अंतर्गत पूरे देश में उच्च शिक्षा के स्वरूप को व्यापक रूप से बदला जा रहा है।
नई शिक्षा नीति के तहत लागू हुआ नया पैटर्न
BHU में यह बदलाव शुक्रवार देर शाम जारी किए गए CUET-UG प्रवेश बुलेटिन में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुष्टि की है कि अब बीए, बीएससी, बीकॉम, बीएफए, बीपीएड जैसे कोर्स चार साल यानी आठ सेमेस्टर में पूरे होंगे। इसके साथ ही शास्त्री कोर्स, जो अब तक तीन साल में पूरा होता था, अब इसकी अवधि भी चार साल कर दी गई है।
UG कोर्स होंगे दो श्रेणी में विभाजित: ऑनर्स और रिसर्च
नई प्रणाली के अंतर्गत स्नातक पाठ्यक्रमों को दो श्रेणी में विभाजित किया गया है—UG ऑनर्स (UG Honours) और UG रिसर्च (UG Research)। जो छात्र पहले तीन वर्षों तक सामान्य पढ़ाई करेंगे और चौथे वर्ष में यदि वे रिसर्च आधारित प्रोजेक्ट करते हैं, तो उन्हें UG रिसर्च की डिग्री मिलेगी। वहीं, जो छात्र चौथे वर्ष में सामान्य विषयों की पढ़ाई करना चाहेंगे, उन्हें UG ऑनर्स डिग्री दी जाएगी।
UG रिसर्च वाले छात्रों को मिलेगा सीधे PhD में प्रवेश
सबसे बड़ा और क्रांतिकारी बदलाव यह है कि UG रिसर्च डिग्री धारक छात्रों को अब पोस्ट ग्रेजुएशन की आवश्यकता नहीं होगी। वे चार साल की स्नातक पढ़ाई पूरी करने के बाद सीधे PhD में प्रवेश ले सकेंगे। इस सुविधा के अंतर्गत छात्रों को कौशल विकास (Skill Development), क्षमता विकास (Capacity Building) और वैल्यू एडेड कोर्स (Value Added Courses) की सुविधा भी दी जाएगी।
फीस स्ट्रक्चर और सीटों में नहीं किया गया बदलाव
यह ध्यान देने योग्य बात है कि BHU प्रशासन ने UG कोर्स की अवधि बढ़ाने के बावजूद फीस स्ट्रक्चर या सीटों की संख्या में कोई बदलाव नहीं किया है। छात्रों को पहले की तरह ही फीस देनी होगी और सीटों की संख्या भी यथावत रहेगी।
अभी भी NEP से बाहर हैं BHU के 7 कोर्स
हालांकि BHU के अधिकांश पाठ्यक्रम अब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत आ चुके हैं, लेकिन अभी भी 7 ऐसे कोर्स हैं जो इस ढांचे में नहीं शामिल किए गए हैं। इनमें B.Sc Agriculture, B.Sc Medical Radiology, BA LLB, B.Sc Radiotherapy, BVoc, Imaging Technology, Dairy Technology और Food Technology में B.Tech की डिग्रियां शामिल हैं। इन कोर्सों में फिलहाल पुरानी प्रणाली के अनुसार ही पढ़ाई होगी।
विदेशी छात्रों के लिए विशेष सुविधा: बिना परीक्षा के होगा प्रवेश
BHU में विदेशी छात्रों को एक और बड़ी सुविधा दी गई है। अब उन्हें विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए किसी प्रवेश परीक्षा (Entrance Exam) की आवश्यकता नहीं होगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया है कि विदेशी छात्र मेरिट के आधार पर सीधे एडमिशन ले सकेंगे। इससे विश्वविद्यालय का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव बढ़ेगा और ग्लोबल स्टूडेंट्स की भागीदारी में भी इजाफा होगा।
शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की ओर BHU
इस नई व्यवस्था के साथ BHU ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि वह भारत में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और नवाचार के लिए प्रतिबद्ध है। नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के साथ विश्वविद्यालय छात्रों को अधिक गहराई में ज्ञान प्राप्त करने, रिसर्च के अवसर और सीधे पीएचडी जैसी उच्च शिक्षा की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है।