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अगर ट्रेन में TTE करे बदतमीज़ी तो क्या करें? जानिए शिकायत का सही तरीका और रेलवे का नियम

भारतीय रेलवे ने यात्रियों को सशक्त बनाने के लिए बनाए हैं कड़े नियम अगर ट्रेन में कोई टीटीई करे दुर्व्यवहार, तो बस उठाइए फोन, बनाइए वीडियो और पाइए इंसाफ। जानिए वो सारे आसान तरीके, जिससे आप भी बना सकते हैं अपने हक का इस्तेमाल।

By Saloni uniyal
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अगर ट्रेन में TTE करे बदतमीज़ी तो क्या करें? जानिए शिकायत का सही तरीका और रेलवे का नियम
अगर ट्रेन में TTE करे बदतमीज़ी तो क्या करें? जानिए शिकायत का सही तरीका और रेलवे का नियम

भारतीय रेलवे (Indian Railways) देश की जीवनरेखा कही जाती है, जो रोजाना लाखों लोगों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाती है। लाखों यात्री ट्रेनों में सफर करते हैं और उनके अनुभव को सहज और सुरक्षित बनाने के लिए हजारों रेलवे कर्मचारी, खासतौर पर टिकट निरीक्षक यानी टीटीई (TTE), हर ट्रेन में तैनात रहते हैं। लेकिन कई बार यात्रियों को ऐसे अनुभवों से गुजरना पड़ता है जहां टीटीई द्वारा बदतमीजी, दुर्व्यवहार या मारपीट की घटनाएं सामने आती हैं। अगर ट्रेन में कोई टीटीई आपके साथ बदसलूकी करता है, तो जरूरी है कि आप घबराएं नहीं, बल्कि रेलवे के बनाए गए नियमों (Railway Rules) के तहत उचित जवाब दें।

वीडियो और फोटो: सबूत बनाएं, तभी मिलेगा न्याय

अगर ट्रेन में किसी टीटीई द्वारा आपके साथ दुर्व्यवहार किया जाए, तो सबसे पहले उसकी वीडियो या तस्वीर लेना जरूरी है। यह आपका पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम होना चाहिए, क्योंकि यही आपके पास सबूत के रूप में काम करेगा। वीडियो लेने में हिचकिचाएं नहीं, क्योंकि जब आपके पास ठोस प्रमाण होगा, तभी रेलवे प्रशासन आपकी शिकायत को गंभीरता से लेगा।

साथ ही, टीटीई की वर्दी पर लिखे हुए उसके नाम, बैच नंबर या आईडी नंबर को नोट करें। घटना का समय और स्थान भी याद रखें या लिख लें। ये सभी जानकारियां आपकी शिकायत को मजबूत बनाएंगी और रेलवे अधिकारी जांच में इन्हीं सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई करेंगे।

गार्ड या पुलिस के पास दें शिकायत

हर ट्रेन में एक गार्ड होता है जो उस ट्रेन का वरिष्ठ अधिकारी होता है। यदि आपके साथ ट्रेन में कोई टीटीई दुर्व्यवहार करता है, तो आप सीधे गार्ड के पास जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत गार्ड रजिस्टर में लिखित में दी जाती है, जो आगे उच्च अधिकारियों तक भेजी जाती है।

अगर गार्ड तक पहुंचना संभव न हो, तो आप जीआरपी (GRP) या आरपीएफ (RPF) के किसी भी जवान से संपर्क कर सकते हैं। ये सुरक्षा बल यात्रियों की सुरक्षा के लिए ट्रेन और स्टेशन पर तैनात रहते हैं और आपकी शिकायत को गंभीरता से लेते हैं। अगर ट्रेन में कोई सुरक्षाकर्मी उपलब्ध नहीं है, तो आप नजदीकी स्टेशन पर उतरकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

हेल्पलाइन नंबर से करें फौरन शिकायत

भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सहायता के लिए कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। अगर आप ट्रेन में हैं और तुरंत सहायता चाहते हैं, तो रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 पर कॉल करें। यहां पर आपकी शिकायत तुरंत दर्ज की जाती है और संबंधित विभाग को फॉरवर्ड कर दी जाती है।

इसके अलावा, सुरक्षा संबंधित किसी भी शिकायत के लिए रेलवे सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर 182 पर संपर्क किया जा सकता है। यह नंबर खासतौर पर ट्रेन में होने वाली घटनाओं, जैसे छेड़छाड़, धमकी, या टीटीई द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के लिए है।

रेल मदद ऐप से भी करें शिकायत

रेलवे ने डिजिटल इंडिया की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए ‘रेल मदद’ (Rail Madad) नामक मोबाइल ऐप और वेबसाइट शुरू की है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से यात्री ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं, जिसका ट्रैक रिकॉर्ड भी मिलता है। यात्री अपनी यात्रा से संबंधित जानकारी जैसे पीएनआर नंबर, ट्रेन नंबर, घटना की तारीख और समय आदि डालकर सीधे शिकायत कर सकते हैं।

यह ऐप यूज़र फ्रेंडली है और आपकी शिकायत को विभागीय अधिकारियों तक पहुंचाता है। साथ ही, शिकायत का स्टेटस भी यात्री को समय-समय पर अपडेट होता रहता है।

रेलवे के नियम यात्रियों के साथ

भारतीय रेलवे के नियम स्पष्ट रूप से यह तय करते हैं कि किसी भी यात्री के साथ कोई भी कर्मचारी बदतमीजी नहीं कर सकता। भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 के तहत अगर कोई टीटीई यात्रियों के साथ मारपीट या दुर्व्यवहार करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। यह सस्पेंशन से लेकर नौकरी से बर्खास्तगी तक हो सकती है।

रेलवे बोर्ड के अनुसार, सभी कर्मचारियों को यात्रियों के साथ शालीन व्यवहार करना आवश्यक है और ऐसा न करने पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। यात्री की शिकायत पर जांच के बाद दोषी पाए जाने पर कर्मचारी को दंडित किया जाता है।

आम नागरिक के अधिकार और जागरूकता

भारत में हर नागरिक को गरिमा से यात्रा करने का अधिकार है, चाहे वह सामान्य कोच में हो या एसी फर्स्ट क्लास में। अगर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी उस गरिमा को ठेस पहुंचाता है, तो आप पूरी तरह से अधिकार रखते हैं कि उसके खिलाफ शिकायत करें। रेलवे का सिस्टम अब पहले से ज्यादा जवाबदेह बना है और डिजिटल माध्यम से शिकायतें दर्ज करना पहले से आसान हो गया है।

इसलिए जरूरी है कि यात्री अपने अधिकारों को जानें और अगर कोई अधिकारी उन्हें अनदेखा करता है या उनका दुरुपयोग करता है, तो बिना डरे कार्रवाई करें।

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