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ट्रंप सरकार का बड़ा ऐलान! चुन-चुनकर चीनी छात्रों के वीजा होंगे रद्द – जानिए क्या है वजह

ट्रंप प्रशासन ने ऐसा बड़ा कदम उठाया है जिससे अमेरिका और चीन के बीच तनाव और बढ़ सकता है। हजारों चीनी छात्रों का अमेरिका में पढ़ाई का सपना टूट सकता है। आखिर क्यों उठाया गया यह कदम? क्या वाकई राष्ट्रीय सुरक्षा पर इतना बड़ा खतरा है? जानिए इस फैसले के पीछे की असली वजह

By Saloni uniyal
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ट्रंप सरकार का बड़ा ऐलान! चुन-चुनकर चीनी छात्रों के वीजा होंगे रद्द – जानिए क्या है वजह
ट्रंप सरकार का बड़ा ऐलान! चुन-चुनकर चीनी छात्रों के वीजा होंगे रद्द – जानिए क्या है वजह

अमेरिका की पूर्ववर्ती ट्रंप सरकार ने चीनी छात्रों के वीजा रद्द करने का बड़ा ऐलान किया है, इस फैसले के पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कई अहम कारण बताए जा रहे हैं, ट्रंप प्रशासन का कहना है कि चीनी छात्रों और शोधकर्ताओं का अमेरिका में आना कुछ संवेदनशील तकनीकों और अनुसंधान क्षेत्रों में जासूसी का खतरा बढ़ा सकता है। इसके चलते चुन-चुनकर उन छात्रों के वीजा रद्द किए जाएंगे, जिन पर संदेह है कि वे चीनी सैन्य और सुरक्षा एजेंसियों के लिए काम कर सकते हैं।

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राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर सख्ती

अमेरिका की सरकार ने यह कदम उठाते हुए स्पष्ट किया कि यह निर्णय किसी भी तरह की नस्लीय या राष्ट्रीयता आधारित भेदभाव का परिणाम नहीं है। बल्कि, यह केवल उन्हीं छात्रों और शोधकर्ताओं पर लागू होगा, जिनके बारे में विश्वसनीय जानकारी है कि वे चीन की सेना या उससे जुड़े संगठनों के लिए काम कर सकते हैं। ट्रंप सरकार का तर्क है कि इस तरह के छात्र अमेरिका में रहकर महत्वपूर्ण शोध और संवेदनशील तकनीकों तक पहुंच बना सकते हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

ट्रंप प्रशासन की नीति और नई रणनीति

इस नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अमेरिका की उच्च तकनीक और अनुसंधान में चीन का हस्तक्षेप कम से कम हो। ट्रंप सरकार पहले भी चीन के खिलाफ सख्त रुख अपनाती रही है, चाहे वह व्यापार युद्ध हो या Huawei जैसी कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंध। इसी कड़ी में चीनी छात्रों के वीजा रद्द करना एक और बड़ा कदम है। सरकार ने स्पष्ट किया कि जिन छात्रों और शोधकर्ताओं का चीन की सेना से कोई संबंध नहीं है, उनके वीजा और अध्ययन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

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चीनी छात्रों पर क्यों संदेह?

हाल के वर्षों में अमेरिका में यह चिंता बढ़ती गई है कि चीन अपनी सैन्य और औद्योगिक ताकत बढ़ाने के लिए विदेशी छात्रों और शोधकर्ताओं का इस्तेमाल कर सकता है। खासकर साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) और बायोटेक्नोलॉजी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में। ऐसे में उन छात्रों की गतिविधियों पर विशेष नजर रखने की जरूरत है, जिनके चीन की सेना या सरकारी संगठनों से जुड़ाव के संकेत मिले हैं।

कितने छात्रों पर असर?

ट्रंप सरकार के इस फैसले का असर हजारों चीनी छात्रों पर पड़ सकता है। हालांकि, सटीक संख्या का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार करीब 3,000 से ज्यादा छात्रों के वीजा रद्द किए जा सकते हैं। इनमें से कई छात्र अमेरिका की शीर्ष यूनिवर्सिटी और शोध संस्थानों में पढ़ाई और शोध कर रहे हैं।

चीन की प्रतिक्रिया

चीन ने अमेरिका के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। चीन के विदेश मंत्रालय ने इसे शिक्षा और विज्ञान में सहयोग के खिलाफ करार दिया और कहा कि इससे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और शैक्षणिक आदान-प्रदान पर बुरा असर पड़ेगा। चीन ने अमेरिका से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की है और इसे अनुचित बताया है।

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क्या है इसका बड़ा असर?

इस कदम का असर अमेरिका-चीन संबंधों पर गहरा पड़ सकता है। जहां एक ओर अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता को देखते हुए इस नीति को उचित ठहराया जा सकता है, वहीं दूसरी ओर इससे अमेरिका की यूनिवर्सिटी और शोध संस्थानों में चीनी छात्रों की संख्या में गिरावट आ सकती है। इससे शोध और नवाचार की दुनिया में एक अंतरराष्ट्रीय संतुलन पर असर पड़ सकता है।

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