
चीन के भूवैज्ञानिकों ने देश में अब तक का सबसे बड़ा थोरियम (Thorium) भंडार खोजा है। यह खोज चीन की ऊर्जा जरूरतों को 60,000 वर्षों तक पूरा कर सकती है। यह नया भंडार जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels) पर दुनिया की निर्भरता को कम करने और ऊर्जा उत्पादन में क्रांति लाने की क्षमता रखता है। यह सर्वेक्षण साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट में सामने आया है, जिसमें बताया गया है कि यह थोरियम भंडार चीन के लिए एक नई ऊर्जा क्रांति का द्वार खोल सकता है।
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भारत के पास है दुनिया का सबसे बड़ा थोरियम भंडार
हालांकि, दुनिया में सबसे ज्यादा थोरियम का भंडार भारत के पास है। भारत के पास उपलब्ध थोरियम भंडार अमेरिका की घरेलू ऊर्जा जरूरतों को 1,000 वर्षों तक पूरा कर सकता है। चीन की नई खोज के बाद अब वह भी इस सूची में शामिल हो गया है। लेकिन चीन के लिए इस भंडार का उपयोग करना आसान नहीं होगा।
क्या है थोरियम?
थोरियम एक चांदी जैसी चमकने वाली धातु है, जिसका नाम स्कैंडिनेवियन देवता ‘थॉर’ के नाम पर रखा गया है। यह यूरेनियम (Uranium) की तुलना में 200 गुना अधिक ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है। थोरियम आधारित रिएक्टर (Thorium Reactor) सामान्य यूरेनियम रिएक्टरों की तुलना में अधिक सुरक्षित होते हैं, क्योंकि यह आसानी से पिघलते नहीं हैं और इसके लिए पानी की आवश्यकता भी कम होती है। इसके अतिरिक्त, थोरियम से रेडियोधर्मी अपशिष्ट (Radioactive Waste) भी बहुत कम मात्रा में निकलता है, जिससे यह एक अधिक पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा स्रोत बन सकता है।
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चीन में थोरियम के खनन की चुनौतियां
चीन में थोरियम भंडार के खनन में कई चुनौतियां होंगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, पूरे चीन में 233 थोरियम भंडार की पहचान की गई है, जिन्हें पांच प्रमुख क्षेत्रों में बांटा गया है। लेकिन दुर्लभ मृदा अयस्कों से थोरियम को अलग करना आसान नहीं होगा। इसे शुद्ध करने के लिए भारी मात्रा में एसिड और ऊर्जा की आवश्यकता होगी। अनुमान के मुताबिक, एक ग्राम थोरियम को शुद्ध करने के लिए सैकड़ों लीटर अपशिष्ट जल की जरूरत पड़ेगी।
थोरियम से दुनिया की ऊर्जा निर्भरता में बदलाव
अगर चीन और भारत अपने थोरियम भंडार का सही इस्तेमाल कर पाते हैं, तो यह पूरी दुनिया की ऊर्जा निर्भरता को बदल सकता है। जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होने से ग्लोबल वॉर्मिंग (Global Warming) और प्रदूषण जैसी समस्याओं में कमी आ सकती है। थोरियम आधारित रिएक्टरों के विकास से यह एक स्थायी और दीर्घकालिक ऊर्जा समाधान बन सकता है।
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चीन की नई खोज से वैश्विक ऊर्जा पर असर
चीन की इस नई खोज से वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में बड़ा बदलाव हो सकता है। यह खोज चीन को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही भविष्य की रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) तकनीकों को विकसित करने में भी मदद कर सकती है। हालांकि, इसका व्यावसायिक रूप से उपयोग करने में अभी कई तकनीकी और पर्यावरणीय चुनौतियां हैं। लेकिन अगर इन चुनौतियों से पार पाया गया, तो यह पूरी दुनिया के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकता है।
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थोरियम ऊर्जा के फायदे:
- यूरेनियम से अधिक ऊर्जा दक्षता: यह यूरेनियम की तुलना में 200 गुना अधिक ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है।
- सुरक्षित परमाणु रिएक्टर: थोरियम आधारित रिएक्टर अधिक सुरक्षित होते हैं और रेडियोधर्मी रिसाव की संभावना कम होती है।
- पर्यावरण अनुकूल: यह कम रेडियोधर्मी अपशिष्ट उत्पन्न करता है, जिससे पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ता है।
- पानी की कम जरूरत: इसे ठंडा करने के लिए बहुत अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती।
- दीर्घकालिक ऊर्जा समाधान: यह 60,000 वर्षों तक चीन की बिजली जरूरतों को पूरा कर सकता है।