
हाल के दिनों में कई वाहन मालिकों ने शिकायत की है कि उनकी गाड़ियाँ घर में पार्क होने के बावजूद Fastag वॉलेट से टोल कटौती के संदेश प्राप्त हो रहे हैं। यह समस्या न केवल वाहन मालिकों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि टोल प्रबंधन के लिए भी एक चुनौती बन गई है।
NHAI की प्रतिक्रिया और उठाए गए कदम
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की है। अधिकारियों के अनुसार, टोल कलेक्टरों की गलतियों के कारण ऐसी घटनाएँ हो रही हैं। उदाहरण के लिए, कभी-कभी कर्मचारी गलती से किसी अन्य वाहन का नंबर दर्ज कर देते हैं, जिससे गलत टोल कटौती होती है।
टोल कलेक्टरों पर सख्त कार्रवाई
NHAI ने टोल कलेक्टरों की गलतियों पर सख्त रुख अपनाते हुए, उल्लंघन करने पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है। अधिकारियों का कहना है कि इतनी बड़ी राशि का जुर्माना लगाने से टोल कलेक्टर अधिक सतर्क होकर काम कर रहे हैं, जिससे झूठी कटौती की घटनाओं में 70% की कमी आई है।
हालिया आँकड़े और शिकायतें
पिछले एक महीने में लगभग 30 करोड़ Fastag ट्रांजेक्शन हुए हैं, जिनमें से केवल 50 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। यह दर्शाता है कि NHAI के सख्त कदमों के बाद झूठी टोल कटौती की घटनाएँ काफी हद तक कम हुई हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ और हेल्पलाइन नंबर
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने झूठी Fastag कटौती को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी। इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए NHAI ने एक हेल्पलाइन नंबर (1033) जारी किया है, ताकि वाहन मालिक अपनी समस्याओं का समाधान पा सकें।
समस्या के संभावित कारण
अधिकारियों के अनुसार, झूठी टोल कटौती के पीछे कई कारण हो सकते हैं। कभी-कभी कर्मचारी गलती से गलत वाहन नंबर दर्ज कर देते हैं। इसके अलावा, कुछ लोग Fastag टैग को अपने पर्स में रखकर घूमते हैं, जिससे अनजाने में टोल कटौती हो सकती है।
NHAI की भविष्य की योजनाएँ
NHAI इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए तकनीकी सुधारों पर विचार कर रहा है। टोल प्लाज़ा पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली (ANPR) जैसी तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है, जिससे गलतियों की संभावना कम होगी।
वाहन मालिकों के लिए सुझाव
वाहन मालिकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने Fastag टैग को वाहन में ही रखें और नियमित रूप से अपने Fastag वॉलेट की गतिविधियों की जाँच करें। यदि कोई अनधिकृत टोल कटौती होती है, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।