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BPL List Shock: सरकार के लाख दावों के बाद भी बढ़े गरीब! इस जिले में सबसे ज्यादा बुरा हाल – नाम जानकर चौंक जाएंगे

सरकार की चेतावनी के बावजूद क्यों बढ़ गई गरीबों की संख्या? क्या सिस्टम में गड़बड़ी है या वाकई बढ़ रही है गरीबी? जानिए किन जिलों में सबसे ज्यादा नए बीपीएल परिवार जुड़े और अब सरकार क्या जांच करने जा रही है पूरी जानकारी पढ़ें यहां।

By Saloni uniyal
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BPL List Shock: सरकार के लाख दावों के बाद भी बढ़े गरीब! इस जिले में सबसे ज्यादा बुरा हाल – नाम जानकर चौंक जाएंगे
BPL List Shock: सरकार के लाख दावों के बाद भी बढ़े गरीब! इस जिले में सबसे ज्यादा बुरा हाल – नाम जानकर चौंक जाएंगे

Haryana BPL List Update: हरियाणा सरकार की चेतावनी के बावजूद प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे (Below Poverty Line – BPL) आने वाले परिवारों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है। सरकार ने अप्रैल महीने में स्पष्ट रूप से निर्देश दिए थे कि वे परिवार जो गलत तरीके से बीपीएल सूची में शामिल हैं, वे स्वयं 20 अप्रैल तक अपना नाम सूची से हटवा लें। बावजूद इसके, मई के महीने में 54,360 नए परिवार गरीबी रेखा के नीचे पंजीकृत किए गए हैं।

अप्रैल में हटाए गए कार्ड, मई में 54 हजार नए परिवार शामिल

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2025 में कुल 1,609 राशन कार्ड रद्द किए गए थे। इन कार्डों को गलत आय विवरण या अपात्रता के कारण हटाया गया था। लेकिन हैरानी की बात यह है कि मई में इनसे कई गुना अधिक, 54,360 नए बीपीएल कार्ड बनाए गए हैं। इसका सीधा अर्थ है कि सिर्फ एक महीने में गरीबों की संख्या में बड़ी उछाल आई है। अब ये सभी नए परिवार मई से राशन वितरण योजना के तहत लाभ प्राप्त करेंगे।

PPP के जरिए ऑटोमेटिक बने बीपीएल कार्ड, अब होगी गहन जांच

परिवार पहचान पत्र (Parivar Pehchan Patra – PPP) के राज्य समन्वयक डॉ. सतीश खोला के अनुसार जिन परिवारों की वार्षिक आय ₹1.80 लाख से कम है, उनके बीपीएल कार्ड अपने आप बन जाते हैं। मई में ऐसे 54 हजार से ज्यादा नए परिवार सामने आए हैं, जिनकी आय इस मानक के भीतर है। हालांकि, अब विभाग यह भी जांच करेगा कि ये आंकड़े वास्तविक हैं या नहीं। जांच में यह देखा जाएगा कि कहीं बीपीएल कार्ड पाने के लिए जानबूझकर कम आय दर्शाकर प्रणाली का दुरुपयोग तो नहीं किया गया।

गरीब परिवारों की संख्या पहुंची 52.5 लाख के पार

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में बीपीएल, एएवाई (Antyodaya Anna Yojana) और एसबीपीएल (State BPL) कार्डधारी परिवारों की संख्या अब 52,50,740 हो चुकी है। अप्रैल 2025 में यह आंकड़ा 51,96,380 था। वहीं राशन कार्ड यूनिट, यानी इन परिवारों के कुल सदस्यों की संख्या भी बढ़कर 1,99,36,943 हो गई है, जो अप्रैल में 1,97,20,071 थी। यह वृद्धि दर्शाती है कि सिर्फ कार्ड नहीं, बल्कि लाभार्थियों की कुल संख्या भी तेज़ी से बढ़ रही है।

फरीदाबाद में सबसे ज्यादा, चरखी दादरी में सबसे कम नए गरीब

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, मई महीने में फरीदाबाद जिले में सबसे अधिक 10,752 नए गरीब परिवार बीपीएल सूची में शामिल किए गए। वहीं हर जिले में कम से कम एक हजार नए बीपीएल कार्ड जारी हुए हैं। चरखी दादरी जिला इसमें अपवाद है, जहां सिर्फ 808 नए परिवार ही सूची में जोड़े गए हैं। यह दर्शाता है कि आर्थिक संकट का असर हर जिले पर समान रूप से नहीं पड़ा है।

सरकार की सतर्कता और पारदर्शिता पर सवाल

इस अप्रत्याशित वृद्धि के बाद सरकार ने निगरानी और समीक्षा की प्रक्रिया तेज कर दी है। डॉ. सतीश खोला ने यह स्पष्ट किया कि जल्द ही यह समीक्षा की जाएगी कि इतने बड़े पैमाने पर नए बीपीएल कार्ड किस आधार पर बने हैं। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जो भी लाभार्थी सूची में शामिल हुए हैं, वे वास्तव में पात्र हैं या नहीं। इसके साथ ही, यह भी जांच की जाएगी कि पारदर्शिता की प्रक्रिया का पालन हुआ है या नहीं।

तकनीकी और सिस्टम पर निर्भरता: वरदान या खतरा?

हरियाणा सरकार की PPP प्रणाली को पारदर्शिता बढ़ाने और पात्र लाभार्थियों की पहचान में सुधार के लिए लाया गया था। लेकिन इस प्रणाली की ऑटोमेटिक प्रक्रिया का गलत लाभ उठाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। यदि किसी व्यक्ति ने जानबूझकर आय कम दिखाकर बीपीएल कार्ड हासिल किया है, तो यह न केवल सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग है, बल्कि उन वास्तविक गरीबों के अधिकारों पर भी कुठाराघात है जो सचमुच इस सहायता के पात्र हैं।

सरकार की अगली रणनीति और भविष्य की दिशा

अब सरकार दोहरी रणनीति पर काम कर रही है — एक ओर योग्य गरीबों को राहत देना और दूसरी ओर प्रणाली का दुरुपयोग करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करना। सरकार की आगामी समीक्षा रिपोर्ट और उसमें सुझाए गए सुधार, प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की पारदर्शिता और प्रभावशीलता को सीधे तौर पर प्रभावित करेंगे।

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