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मकान मालिक बार-बार करता है परेशान? किरायेदारों के ये 5 कानूनी अधिकार जानिए

अगर आप किराए पर रहते हैं और मकान मालिक बार-बार बेवजह परेशान करता है, तो ये 5 कानूनी अधिकार आपके लिए ढाल बन सकते हैं। जानिए कैसे बिना डर के रहें और अपने हक की पूरी सुरक्षा पाएं।

By Saloni uniyal
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मकान मालिक बार-बार करता है परेशान? किरायेदारों के ये 5 कानूनी अधिकार जानिए
मकान मालिक बार-बार करता है परेशान? किरायेदारों के ये 5 कानूनी अधिकार जानिए

आज के दौर में Tenant Rights यानी किराएदारों के अधिकारों को जानना बेहद जरूरी हो गया है। खासकर जब दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु जैसे मेट्रोपॉलिटन शहरों में रहने वाले लाखों लोग किराए के मकानों में जीवन यापन कर रहे हैं। होम लोन और फ्लैट की बढ़ती कीमतों के चलते हर किसी के लिए मकान खरीदना आसान नहीं है, इसलिए किराए पर रहना एक सामान्य बात हो चुकी है। लेकिन इस बीच कई बार मकान मालिक अपनी मनमानी करने लगते हैं। कभी अचानक किराया बढ़ाना, कभी बिना वजह घर खाली करवाना, तो कभी बुनियादी सुविधाओं से वंचित करना ये सभी समस्याएं आम होती जा रही हैं।

ऐसे में अगर आप किराएदार हैं और आपके पास सही जानकारी नहीं है, तो आप आसानी से शोषण का शिकार बन सकते हैं। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं Tenant Rights in India से जुड़े ऐसे 5 महत्वपूर्ण अधिकार जिनके बारे में जानकर आप मकान मालिक की मनमानी से खुद को बचा सकते हैं।

बिना कारण किराएदार को नहीं निकाल सकता मकान मालिक

कानून के अनुसार, जब तक Rent Agreement यानी किराया अनुबंध की अवधि समाप्त नहीं हो जाती, तब तक कोई भी मकान मालिक किराएदार को घर से बेदखल नहीं कर सकता। केवल कुछ विशेष परिस्थितियों में ही मकान मालिक ऐसा कर सकता है। उदाहरण के लिए, यदि किराएदार दो महीने या उससे अधिक समय तक किराया नहीं देता या फिर रिहायशी मकान में व्यावसायिक गतिविधियां (Commercial Use) करता है, तो मकान मालिक घर खाली करवाने के लिए कह सकता है। लेकिन इस स्थिति में भी उसे कम से कम 15 दिन पहले का नोटिस देना जरूरी होता है।

यह नियम किराएदार को सुरक्षा देता है कि बिना किसी वैध कारण और पूर्व सूचना के उन्हें घर से नहीं निकाला जा सकता।

किराया बढ़ाने के लिए तीन महीने का नोटिस देना जरूरी

मकान मालिक अगर किराया बढ़ाना चाहता है तो वो भी एक तय प्रक्रिया के तहत ही हो सकता है। इसके लिए मकान मालिक को तीन महीने पहले किराएदार को लिखित में नोटिस देना जरूरी होता है। अचानक किराया बढ़ाना कानूनन गलत है। इसके साथ ही किराएदार को बिजली, पानी, पार्किंग जैसी मूलभूत सुविधाएं मिलना भी उसका अधिकार है। Tenant Rights in India के तहत कोई भी मकान मालिक इन सुविधाओं से मना नहीं कर सकता।

इसलिए अगर मकान मालिक बिना नोटिस किराया बढ़ाता है या पानी-बिजली की सुविधा से इनकार करता है, तो आप इसके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं।

सिक्योरिटी मनी का भी है नियम

अक्सर देखा गया है कि मकान मालिक किराएदार से मनमाने ढंग से सिक्योरिटी डिपॉजिट (Security Money) की मांग करते हैं। लेकिन कानून कहता है कि सिक्योरिटी मनी दो महीने के किराए से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। यदि मकान मालिक इससे अधिक रकम की मांग करता है, तो उसका उल्लेख Rent Agreement में होना चाहिए।

घर खाली करने पर मकान मालिक को एक महीने के भीतर पूरी सिक्योरिटी मनी लौटानी होती है। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो किराएदार Consumer Forum में शिकायत कर सकता है।

मकान की मरम्मत कराना मकान मालिक की जिम्मेदारी

अगर रेंट एग्रीमेंट साइन करने के बाद मकान में कोई structural damage होता है या घर की हालत खराब हो जाती है, तो उसकी मरम्मत करवाना मकान मालिक की जिम्मेदारी होती है। अगर मकान मालिक मरम्मत नहीं करवाता, तो किराएदार को अधिकार है कि वह किराए में छूट की मांग करे या फिर Rent Authority में शिकायत दर्ज कराए।

यह अधिकार खासकर उन किराएदारों के लिए अहम है, जो लंबे समय से एक ही घर में रह रहे हैं और जिनके मकान में दीवारें, छत या पाइपलाइन जैसी चीजें खराब हो गई हैं।

किराएदार को बार-बार परेशान नहीं कर सकता मकान मालिक

एक बार जब किराएदार Rent Agreement के तहत मकान में रहने लगता है, तब मकान मालिक को यह अधिकार नहीं होता कि वह बिना कारण घर पर आकर परेशान करे। अगर मकान मालिक किसी काम जैसे मरम्मत आदि के लिए घर आना चाहता है, तो उसे कम से कम 24 घंटे पहले लिखित में सूचना देनी होगी।

इसके अलावा अगर किराएदार घर पर नहीं है, तो मकान मालिक उसके घर के ताले नहीं तोड़ सकता और न ही बिना उसकी इजाजत के सामान बाहर निकाल सकता है। यह एक गंभीर कानूनी उल्लंघन माना जाएगा और इसके खिलाफ किराएदार कोर्ट का सहारा ले सकता है।

जागरूक किराएदार ही सुरक्षित रहता है

Tenant Rights in India के बारे में जानकारी होना आज के समय में बेहद जरूरी हो गया है। मकान मालिक और किराएदार के संबंधों में पारदर्शिता और कानून का पालन जरूरी है, ताकि दोनों पक्षों को उनके अधिकार मिल सकें। अगर आप इन पांच अधिकारों को समझ लें, तो किसी भी मकान मालिक की मनमानी से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। एक समझदार और जागरूक किराएदार ही अपने अधिकारों की रक्षा कर सकता है और एक सुखद किरायेदारी अनुभव प्राप्त कर सकता है।

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