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गर्मी के साथ बढ़ता है इन 3 बीमारियों का खतरा! डॉक्टर बता रहे अभी से कैसे करें बचाव

मार्च में ही तापमान 30 डिग्री पार, तो सोचिए मई-जून में क्या होगा! डॉक्टरों ने चेताया है कि अगर अभी से सतर्क नहीं हुए तो लू, डिहाइड्रेशन और फूड पॉइजनिंग जैसी बीमारियां बना सकती हैं अस्पताल का रास्ता। जानिए क्या हैं लक्षण, क्या करें बचाव और कौन-से उपाय अपनाएं इस गर्मी को सुरक्षित बनाने के लिए।

By Saloni uniyal
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गर्मी के साथ बढ़ता है इन 3 बीमारियों का खतरा! डॉक्टर बता रहे अभी से कैसे करें बचाव
गर्मी के साथ बढ़ता है इन 3 बीमारियों का खतरा! डॉक्टर बता रहे अभी से कैसे करें बचाव

गर्मी शुरू होते ही बढ़ जाता है इन 3 बीमारियों का खतरा, और इस साल तो मौसम के मिजाज ने मार्च में ही लोगों को सतर्क कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार इस बार पिछले साल की तुलना में ज्यादा गर्मी पड़ने की संभावना है। मार्च के महीने में ही तापमान 30 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है, जिससे साफ हो गया है कि आने वाले दिन और भी गर्म हो सकते हैं। ऐसे में डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर पहले से सतर्कता न बरती गई तो कुछ सामान्य दिखने वाली गर्मियों की परेशानियां गंभीर बीमारियों का रूप ले सकती हैं।

क्यों बढ़ जाता है बीमारियों का खतरा गर्मी में

जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, वैसे-वैसे शरीर को ठंडा रखने के लिए पसीने की मात्रा भी बढ़ जाती है। तेज धूप, बढ़ता तापमान और शरीर से आवश्यक लवणों की कमी, हमारे स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं। दिल्ली के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अजय कुमार बताते हैं कि हर साल गर्मी में सबसे अधिक मरीज लू लगना (Heat Stroke), डिहाइड्रेशन (Dehydration) और फूड पॉइजनिंग (Food Poisoning) के देखे जाते हैं। समय पर सही देखभाल की जाए तो इनसे बचा जा सकता है।

लू लगने का खतरा और बचाव के उपाय

तेज धूप और उमस के कारण शरीर का तापमान बहुत तेजी से बढ़ता है। जब शरीर की यह गर्मी बाहर नहीं निकल पाती तो लू लगने (Heat Stroke) की स्थिति बन जाती है। इससे सिरदर्द, चक्कर आना, कमजोरी, उल्टी और यहां तक कि बुखार भी आ सकता है। कई बार यह स्थिति अस्पताल में भर्ती होने तक पहुंचा देती है।

डॉक्टरों की सलाह है कि दोपहर के समय 12 बजे से 4 बजे के बीच घर से बाहर न निकलें। अगर निकलना ज़रूरी हो तो हल्के और ढीले कपड़े पहनें, छाता, टोपी या स्कार्फ का प्रयोग करें। शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए लगातार पानी पीते रहें। इसके अलावा नारियल पानी (Coconut Water), शिकंजी (Lemon Water), बेल का शरबत और घर के बने ठंडे पेय पदार्थों का सेवन शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है।

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पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन और उससे जुड़ी समस्याएं

गर्मी में सबसे ज्यादा जो परेशानी सामने आती है वह है डिहाइड्रेशन (Dehydration)। शरीर से ज्यादा पसीना निकलने की वजह से जरूरी लवण और पानी की कमी हो जाती है। इसके लक्षणों में होठों का सूखना, पेशाब का रंग गहरा होना, चक्कर आना, थकावट और सिरदर्द शामिल हैं।

डॉ. अजय कुमार के अनुसार इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि व्यक्ति दिनभर में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पिए। इसके अलावा नींबू पानी, छाछ, जूस, लस्सी और तरबूज, खीरा जैसे पानी वाले फल खाएं। ये शरीर को न सिर्फ ठंडा रखते हैं बल्कि शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस भी बनाए रखते हैं। बाहर का खाना (Street Food) और बहुत अधिक तला-भुना खाना इस स्थिति को और बिगाड़ सकता है।

फूड पॉइजनिंग का बढ़ता खतरा

गर्मी के मौसम में खाना जल्दी खराब हो जाता है। बाहर का खाना या बासी खाना खाने से पेट दर्द, उल्टी-दस्त और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा दूषित पानी (Contaminated Water) पीने से भी पेट से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं।

डॉक्टरों की सलाह है कि ताजा और स्वच्छ खाना ही खाएं। खाने से पहले हाथ धोना न भूलें और खुले में बिक रहे खाने-पीने की चीजों से दूरी बनाएं। खासतौर पर सड़क किनारे मिलने वाले गोलगप्पे, चाट, पानी पूरी जैसी चीजों का सेवन करने से बचें क्योंकि इनमें इस्तेमाल होने वाला पानी शुद्ध नहीं होता।

खुद को कैसे रखें सुरक्षित

गर्मी में स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि शरीर को हाइड्रेट रखा जाए, हेल्दी और ताजा खाना खाया जाए और धूप से बचा जाए। अगर किसी भी प्रकार की परेशानी महसूस हो जैसे ज्यादा पसीना, थकान, सिरदर्द या दस्त—तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

डॉ. अजय कुमार कहते हैं कि गर्मी का मौसम अगर सतर्कता और सही खान-पान के साथ जिया जाए तो यह भी आनंददायक हो सकता है। ध्यान रहे कि स्वास्थ्य से बड़ा कोई मजा नहीं है। जरूरी नहीं कि हर परेशानी बड़ी बीमारी बन जाए, लेकिन शुरुआत में ही सावधानी बरतने से हम कई बड़ी दिक्कतों से बच सकते हैं।

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