महाकुंभ का प्रभाव वाराणसी में अब भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। श्रद्धालुओं के पलट प्रवाह को देखते हुए प्रशासन ने आठवीं तक के स्कूलों को 8 फरवरी तक बंद रखने का निर्णय लिया है। इस दौरान विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का निर्देश दिया गया है। हालांकि, यह आदेश केवल शहरी क्षेत्र के स्कूलों पर लागू होगा, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल पहले की तरह खुले रहेंगे।
स्कूलों की बंदी की अवधि बढ़ाई गई
इससे पहले, 27 जनवरी से 5 फरवरी तक सभी बोर्डों के कक्षा 12 तक के स्कूलों को बंद रखने के निर्देश जारी किए गए थे। अब जिला प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए यह अवधि बढ़ाकर 8 फरवरी तक कर दी है। बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) डॉ. अरविंद कुमार पाठक ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए बताया कि जिलाधिकारी के आदेश के बाद यह नया निर्देश लागू किया गया है।
कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों के लिए नया आदेश
बीएसए ने कहा कि इस आदेश के अंतर्गत शहरी क्षेत्र के सभी बोर्डों के कक्षा 8 तक के छात्रों के लिए स्कूल बंद रहेंगे और उनकी पढ़ाई ऑनलाइन मोड में जारी रहेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि माध्यमिक विद्यालयों यानी कक्षा 9 से 12 तक के लिए फिलहाल कोई नया आदेश नहीं आया है। जिला विद्यालय निरीक्षक की तरफ से किसी भी प्रकार का निर्देश जारी न होने के कारण इन कक्षाओं का संचालन पूर्ववत जारी रहेगा।
शहरी क्षेत्र में स्कूल बंद रखने का मुख्य कारण
महाकुंभ से लौटने और वहां जाने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ वाराणसी में लगातार बनी हुई है। काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा घाटों पर उमड़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने शहरी इलाके में भीड़ नियंत्रण के उपायों को लागू किया है। इन्हीं प्रयासों के तहत कक्षा 8 तक के स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है, जिससे विद्यार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और भीड़ प्रबंधन में कोई समस्या उत्पन्न न हो।
शिक्षकों के लिए निर्देश
इस आदेश के तहत, नगरीय क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को समय से स्कूल पहुंचने और विभागीय दायित्वों का पालन करने का निर्देश दिया गया है। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल पहले की तरह चलते रहेंगे, क्योंकि वहां श्रद्धालुओं की आवाजाही उतनी अधिक नहीं देखी जा रही है।