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School Holiday: स्कूलों में 26 अप्रैल को छुट्टी का ऐलान! क्यों रहेंगे स्कूल बंद देखें

दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक नेता के निधन से गमगीन है पूरा विश्व… राजस्थान में स्कूलों की छुट्टी, जयपुर में शोक सभा का आयोजन… पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर!

By Saloni uniyal
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School Holiday: स्कूलों में 26 अप्रैल को छुट्टी का ऐलान! क्यों रहेंगे स्कूल बंद देखें
School Holiday: स्कूलों में 26 अप्रैल को छुट्टी का ऐलान! क्यों रहेंगे स्कूल बंद देखें

राजस्थान में School Holiday को लेकर एक महत्वपूर्ण सूचना सामने आई है। राज्य के सभी कैथोलिक स्कूलों (Catholic Schools) में 26 अप्रैल को अवकाश घोषित किया गया है। यह अवकाश कैथोलिक समुदाय के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस (Pope Francis) के निधन के कारण रखा गया है। पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल को निधन हो गया था, और 26 अप्रैल को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए, राजस्थान में कैथोलिक संस्थानों द्वारा यह निर्णय लिया गया है।

पोप फ्रांसिस: कैथोलिक समुदाय के प्रेरणास्रोत

पोप फ्रांसिस, जो वेटिकन सिटी के राष्ट्राध्यक्ष और रोमन कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्मगुरु थे, ने अपने जीवन को मानवता, सहिष्णुता और भाईचारे के संदेश के प्रचार में समर्पित किया। उनका वास्तविक नाम जॉर्ज मारियो बेर्गोलियो (Jorge Mario Bergoglio) था, लेकिन वे पूरी दुनिया में पोप फ्रांसिस के नाम से जाने जाते थे। 2013 में उन्होंने पोप के रूप में कार्यभार संभाला और अपने कार्यकाल के दौरान पर्यावरण संरक्षण, गरीबी उन्मूलन और सामाजिक न्याय जैसे विषयों पर विशेष रूप से जोर दिया।

26 अप्रैल को रहेगा राज्यव्यापी अवकाश

26 अप्रैल 2025 को जब पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार वेटिकन सिटी में संपन्न होगा, तब राजस्थान के सभी कैथोलिक स्कूल बंद रहेंगे। यह निर्णय धर्मप्रांतीय अधिकारियों द्वारा लिया गया है। यह दिन पूरी दुनिया के ईसाई समुदाय के लिए अत्यंत भावुक और श्रद्धासुमन अर्पण करने का दिन होगा।

राज्य के बड़े शहरों जैसे जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, कोटा, अजमेर में स्थित प्रमुख कैथोलिक स्कूलों जैसे सेंट जेवियर्स, सेंट एंसलम्स, सेंट जोसेफ्स आदि सभी संस्थानों में भी यह अवकाश लागू रहेगा।

जयपुर में विशेष शोक सभा का आयोजन

राजधानी जयपुर में 25 अप्रैल को शाम 6 बजे एक विशेष शोक सभा का आयोजन किया जाएगा। यह सभा सेंट एंसलम्स पिंक सिटी स्कूल, मालवीय नगर स्थित गिरजाघर प्रांगण में संपन्न होगी। इस सभा में पोप फ्रांसिस के जीवन से प्रेरित किस्से, उनके द्वारा दिए गए शांति व मानवता के संदेशों को साझा किया जाएगा। आम जनमानस से अपील की गई है कि वे इस सभा में उपस्थित होकर श्रद्धांजलि अर्पित करें।

धार्मिक भावनाओं का सम्मान

राजस्थान सरकार द्वारा कैथोलिक समुदाय की भावनाओं को समझते हुए इस निर्णय का पूरा समर्थन किया गया है। यह अवकाश राजकीय छुट्टी (Government Holiday) के रूप में नहीं बल्कि संस्थागत स्तर पर घोषित किया गया है। लेकिन इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है क्योंकि यह कदम धार्मिक सहिष्णुता और आपसी सम्मान का प्रतीक बन गया है।

पोप फ्रांसिस और भारत का संबंध

पोप फ्रांसिस का भारत के साथ भी एक विशेष संबंध रहा है। उन्होंने कई अवसरों पर भारत की विविधता, अध्यात्म और मानवता की प्रशंसा की। भारत में रहने वाला ईसाई समुदाय उनके विचारों से अत्यधिक प्रेरित था और उनके नेतृत्व को सम्मान की दृष्टि से देखता था। इसलिए भारत में विशेष रूप से राजस्थान जैसे राज्यों में, जहां कई प्रसिद्ध कैथोलिक संस्थान हैं, उनके निधन की खबर गहरे दुख का कारण बनी है।

शिक्षा क्षेत्र में प्रभाव

इस अवकाश की घोषणा ने शिक्षा क्षेत्र में भी हलचल मचा दी है। परीक्षाओं की तैयारियों में जुटे छात्रों और शिक्षकों के लिए यह एक असामान्य अवकाश है। हालांकि यह कदम एक सांस्कृतिक संवेदना (Cultural Sensitivity) के तहत उठाया गया है, और इसे पूरी सहानुभूति के साथ देखा जा रहा है।

राजस्थान में पहले भी हुए हैं ऐसे निर्णय

यह पहला अवसर नहीं है जब किसी वैश्विक धर्मगुरु के निधन पर स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई हो। पूर्व में भी जब पोप जॉन पॉल द्वितीय का निधन हुआ था, तब भी कई कैथोलिक स्कूलों ने एक दिन का शोक अवकाश रखा था। यह परंपरा समुदाय के प्रति आदर और उनके भावनात्मक जुड़ाव को प्रदर्शित करती है।

शांति, सहिष्णुता और श्रद्धा का संदेश

इस पूरे घटनाक्रम के केंद्र में जो संदेश उभर कर आता है, वह है – शांति, सहिष्णुता और श्रद्धा। पोप फ्रांसिस ने अपने जीवन में जिस संदेश को फैलाया, अब उनके निधन पर वही मूल्य फिर से सामने आ रहे हैं। राजस्थान जैसे सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य में इस निर्णय को एक सांप्रदायिक सौहार्द (Communal Harmony) के रूप में देखा जा रहा है।

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