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कम सैलरी में भी महीने की बचत होगी डबल! बस अपनाएं ये आसान फॉर्मूला

सिर्फ एक सिंपल रूल अपनाकर आप अपनी मंथली सैलरी का बड़ा हिस्सा सेव कर सकते हैं बिना लाइफस्टाइल से समझौता किए। खर्च, निवेश और इमरजेंसी फंड... सबकुछ होगा कंट्रोल में! ये आसान तरीका जानने के लिए पढ़ें आगे।

By Saloni uniyal
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कम सैलरी में भी महीने की बचत होगी डबल! बस अपनाएं ये आसान फॉर्मूला
कम सैलरी में भी महीने की बचत होगी डबल! बस अपनाएं ये आसान फॉर्मूला

Saving tips for salary आज के समय में हर व्यक्ति चाहता है कि उसकी आय का कुछ हिस्सा बचत (Saving) में जाए, ताकि भविष्य में कोई भी आर्थिक संकट (Financial Crisis) आने पर परेशानी न हो। लेकिन अक्सर लोग यह शिकायत करते हैं कि कम सैलरी (Low Salary) में खर्च पूरे नहीं होते, ऐसे में बचत कैसे करें। हालांकि, यदि आय का सही तरीके से विभाजन किया जाए, तो कम आमदनी में भी बड़ी सेविंग (Big Saving) की जा सकती है। इस लेख में हम एक ऐसे फॉर्मूले की बात करेंगे जिससे आप सैलरी को विभाजित कर हर महीने अच्छा अमाउंट सेव कर सकते हैं।

सैलरी को सही तरीके से बांटना है पहली जरूरत

अगर आप चाहते हैं कि आपकी कमाई का कुछ हिस्सा सेविंग या निवेश (Investment) में जाए, तो सबसे जरूरी है कि आप सैलरी का सही तरीके से बजट बनाएं। विशेषज्ञों के अनुसार, आय को चार हिस्सों में बांटना चाहिए – जरूरी खर्च (Essential Expenses), निजी शौक (Personal Desires), इमरजेंसी फंड (Emergency Fund), और सेविंग/निवेश (Saving/Investment)।

40:30:20:10 रेश्यो से करें सैलरी का विभाजन

विशेषज्ञ जिस फॉर्मूले की सलाह देते हैं वह है 40:30:20:10 Rule, जिसमें आपकी सैलरी को चार हिस्सों में बांटा जाता है। इस रूल को अपनाकर आप खर्च, सेविंग और निवेश में संतुलन बना सकते हैं। यह फॉर्मूला न केवल मनी मैनेजमेंट को आसान बनाता है बल्कि आपको भविष्य की वित्तीय तैयारियों में भी मदद करता है।

उदाहरण के जरिए समझें सैलरी के विभाजन का तरीका

मान लीजिए किसी व्यक्ति की मासिक सैलरी 30,000 रुपये है। अब इस रूल के तहत इस सैलरी को इस प्रकार विभाजित किया जाएगा:

40% यानी 12,000 रुपये जरूरी खर्चों (Essential Needs) के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे। इसमें किराया, बिजली बिल, राशन, बच्चों की स्कूल फीस जैसे खर्च शामिल हैं।

30% यानी 9,000 रुपये निजी शौक (Personal Enjoyment) के लिए रखे जाएंगे। इसमें मूवी, रेस्टोरेंट, ट्रेवलिंग, शॉपिंग जैसी चीजें आती हैं।

20% यानी 6,000 रुपये इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) के लिए होंगे। यह राशि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति जैसे मेडिकल इमरजेंसी, नौकरी छूटने, या किसी घरेलू संकट में काम आएगी।

10% यानी 3,000 रुपये सेविंग और निवेश (Saving and Investment) में जाएंगी। इस राशि को आप पोस्ट ऑफिस स्कीम, पीपीएफ, या SIP जैसे सुरक्षित और असुरक्षित विकल्पों में निवेश कर सकते हैं।

सेविंग के लिए निवेश का सही चुनाव है जरूरी

कम सैलरी में भी सेविंग को बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि आप अपने पैसे को किसी सुरक्षित और रिटर्न देने वाले माध्यम में लगाएं। पोस्ट ऑफिस की स्कीमें, पीपीएफ, म्यूचुअल फंड (SIP), या आजकल ट्रेंड में आ रही Renewable Energy आधारित स्टार्टअप्स में निवेश विकल्प हो सकते हैं। हालांकि, निवेश से पहले जोखिम और लाभ दोनों का मूल्यांकन करें।

इमरजेंसी फंड क्यों है जरूरी?

कोविड-19 महामारी ने यह सिखाया कि इमरजेंसी फंड न होने पर एक छोटी सी परेशानी भी कितनी बड़ी मुसीबत बन सकती है। ऐसे में यह जरूरी है कि आप हर महीने अपनी सैलरी से एक निश्चित राशि इमरजेंसी फंड के लिए अलग रखें। इससे भविष्य में आपको कर्ज लेने या पर्सनल लोन पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

शौक पर खर्च भी जरूरी, लेकिन लिमिट में

सैलरी में से 30 फीसदी खर्च अपने शौक पूरे करने के लिए करना नकारात्मक नहीं है। मानसिक शांति और निजी संतुष्टि के लिए यह खर्च जरूरी है। लेकिन यह ध्यान रखें कि यह राशि तय सीमा से बाहर न जाए, वरना यह सेविंग को प्रभावित कर सकती है।

सेविंग को बनाएं आदत, न कि विकल्प

बहुत से लोग बची हुई राशि को सेव करते हैं, लेकिन सही तरीका है कि पहले सेविंग की जाए और फिर बचे पैसे खर्च किए जाएं। इस आदत से आपकी फाइनेंशियल डिसिप्लिन (Financial Discipline) बनेगी और आप बिना ज्यादा सोचे समझे सेविंग कर पाएंगे।

स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग से बड़ा फंड बनाना संभव

अगर आप इस रूल को ईमानदारी से अपनाते हैं, तो साल भर में 36,000 रुपये की सेविंग की जा सकती है (अगर हर महीने 3,000 की सेविंग करें)। वहीं, इमरजेंसी फंड में 72,000 रुपये जमा हो सकते हैं। यानी कम सैलरी में भी एक मजबूत वित्तीय बैकअप बन सकता है।

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