
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग विनियमों का उल्लंघन करने के कारण हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HSBC) पर 66.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई मुख्य रूप से ‘Know Your Customer’ (KYC) मानदंडों, क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों (CICs) को बॉरोअर्स के अनहेज्ड फॉरेन करेंसी एक्सपोजर्स पर सूचना रिपोर्टिंग, और डिपॉजिट पर इंटरेस्ट रेट के संबंध में निर्देशों के उल्लंघन के कारण की गई है।
यह भी देखें: सरकार ने बदले पासपोर्ट के नियम, अब पहचान के लिए सिर्फ ये दस्तावेज होगा जरूरी!
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा HSBC पर लगाए गए इस जुर्माने से स्पष्ट होता है कि बैंकों को नियामक मानदंडों का सख्ती से पालन करना होगा। KYC नियमों और अन्य बैंकिंग निर्देशों का उल्लंघन करने वाले बैंकों पर इसी तरह की सख्त कार्रवाई की जा सकती है। यह जुर्माना बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
आरबीआई की जांच और उल्लंघन का खुलासा
आरबीआई द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 31 मार्च 2023 तक बैंक की वित्तीय स्थिति की समीक्षा के लिए एक सुपरवाइजरी मूल्यांकन किया गया था। इस निरीक्षण में बैंक द्वारा आरबीआई के निर्देशों के अनुपालन में कमियां पाई गईं। इसके आधार पर आरबीआई ने बैंक को एक नोटिस जारी कर कारण बताने के लिए कहा कि क्यों न उन पर जुर्माना लगाया जाए।
यह भी देखें: PNB ग्राहकों के लिए जरूरी अलर्ट! तुरंत करें ये काम, वरना बंद हो सकता है अकाउंट
HSBC पर कार्रवाई की प्रक्रिया
आरबीआई ने नोटिस के जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए बैंक के मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद पाया कि बैंक ने नियामक मानदंडों का उल्लंघन किया है। इस वजह से HSBC पर 66.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
HSBC पर जुर्माने का कारण
HSBC पर यह जुर्माना निम्नलिखित उल्लंघनों के कारण लगाया गया है:
- KYC मानदंडों का उल्लंघन: बैंक ने कुछ मामलों में ‘Know Your Customer’ (KYC) से जुड़े दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया।
- क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों को रिपोर्टिंग में चूक: बैंक ने बॉरोअर्स के अनहेज्ड फॉरेन करेंसी एक्सपोजर्स पर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों को आवश्यक जानकारी प्रदान नहीं की।
- डिपॉजिट पर ब्याज दर से जुड़े नियमों का उल्लंघन: बैंक ने जमा राशि पर ब्याज दर से जुड़े आरबीआई के निर्देशों का पालन नहीं किया।
यह भी देखें: बिहार में है आपकी जमीन? अब नहीं चलेगी सरकारी बाबुओं की मनमानी, दाखिल-खारिज पर सरकार का सख्त अल्टीमेटम!
आरबीआई के दिशा-निर्देशों का महत्व
भारतीय रिजर्व बैंक समय-समय पर बैंकों को विनियामक दिशा-निर्देश जारी करता है, जिनका उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को पारदर्शी और सुरक्षित बनाना होता है। KYC मानदंडों का पालन ग्राहकों की पहचान सत्यापित करने और अवैध वित्तीय गतिविधियों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण होता है। इसी तरह, क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों को सही समय पर सूचना देना बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आवश्यक होता है।
बैंकों के लिए सख्त निगरानी जारी
आरबीआई लगातार बैंकों की वित्तीय गतिविधियों की निगरानी करता है और किसी भी तरह की अनियमितता पाए जाने पर उचित कार्रवाई करता है। HSBC पर लगाए गए इस जुर्माने से स्पष्ट होता है कि बैंकिंग नियामक संस्थान बैंकों से सख्ती से अपने नियमों का पालन करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह भी देखें: KVS Admission 2025: केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन कैसे लें? क्लास 1 से 11 तक के लिए जानें सभी नियम
HSBC की प्रतिक्रिया
HSBC ने अब तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, ऐसे मामलों में बैंक आमतौर पर आंतरिक प्रक्रियाओं की समीक्षा कर भविष्य में नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने का प्रयास करता है।