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RBI ने इस बड़े बैंक पर ठोका 39 लाख रुपये का जुर्माना, लोन के नियमों में कर रहा था झोल

क्या आपका पैसा सुरक्षित है? बड़े कर्ज के नियमों का उल्लंघन और क्रेडिट जानकारी में गड़बड़ी का चौंकाने वाला खुलासा! जानें कैसे सिटीबैंक की ये गलती आपको कर सकती है प्रभावित

By Saloni uniyal
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RBI ने इस बड़े बैंक पर ठोका 39 लाख रुपये का जुर्माना, लोन के नियमों में कर रहा था झोल
RBI ने इस बड़े बैंक पर ठोका 39 लाख रुपये का जुर्माना, लोन के नियमों में कर रहा था झोल

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सिटीबैंक पर 39 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई बड़े कर्ज (लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क) से जुड़ी गाइडलाइंस का पालन न करने और क्रेडिट जानकारी समय पर जमा न करने के कारण की गई है। इस कदम से वित्तीय संस्थानों के लिए नियमों का सख्ती से पालन करने की आवश्यकता को और अधिक स्पष्ट किया गया है।

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा सिटीबैंक पर 39 लाख रुपये का जुर्माना लगाने की यह घटना वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अन्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए भी एक स्पष्ट संदेश है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

क्यों लगाया गया जुर्माना?

RBI के अनुसार, 31 मार्च 2023 की वित्तीय स्थिति के आधार पर सिटीबैंक का निरीक्षण किया गया। इस दौरान यह पाया गया कि बैंक ने कुछ मामलों में बड़े कर्ज की सीमा का उल्लंघन किया और उसकी जानकारी देरी से दी। इसके अलावा, बैंक ने कुछ डेटा में सुधार के बाद भी उसे क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों (CICs) को सात दिनों के अंदर अपडेट नहीं किया, जो कि नियामक मानकों का उल्लंघन है।

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बड़े कर्ज और लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क के नियमों का उल्लंघन

लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क (Large Exposure Framework) के तहत बैंक को यह सुनिश्चित करना होता है कि वह एक निश्चित सीमा से अधिक किसी एक उधारकर्ता को कर्ज न दे। इसका उद्देश्य जोखिम को विभाजित करना और बैंकिंग प्रणाली की स्थिरता को बनाए रखना है।

सिटीबैंक ने कुछ मामलों में इन मानकों का पालन नहीं किया और बड़े कर्ज की सीमा का उल्लंघन किया। यह वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि बड़े कर्ज में चूक की स्थिति में बैंक की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

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क्रेडिट जानकारी समय पर जमा न करना

RBI ने यह भी पाया कि सिटीबैंक ने कुछ डेटा में सुधार के बाद उसे क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों (CICs) को सात दिनों के अंदर अपडेट नहीं किया। यह नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है, क्योंकि CICs के पास सटीक और अद्यतित जानकारी होना आवश्यक है ताकि वे उधारकर्ताओं की क्रेडिट रेटिंग और अन्य वित्तीय विश्लेषण सही ढंग से कर सकें।

नियमों के उल्लंघन में कार्रवाई

नियमों के उल्लंघन पर RBI ने सिटीबैंक को नोटिस जारी किया और पूछा कि क्यों न इस गलती के लिए उस पर जुर्माना लगाया जाए। बैंक के जवाब और सुनवाई के बाद, RBI ने यह निष्कर्ष निकाला कि नियमों का उल्लंघन हुआ है और इसलिए 39 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।

यह कार्रवाई दर्शाती है कि RBI नियमों के अनुपालन में किसी भी प्रकार की चूक को बर्दाश्त नहीं करेगा, खासकर जब बात लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क और क्रेडिट जानकारी की हो।

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भारतीय बैंकिंग प्रणाली पर प्रभाव

RBI की इस कार्रवाई से भारतीय बैंकिंग प्रणाली में एक मजबूत संदेश गया है कि नियमों का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य है। यह अन्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भी सतर्क करेगा कि वे अपने डेटा को सही समय पर अपडेट करें और बड़े कर्ज के नियमों का पालन करें।

सिटीबैंक की प्रतिक्रिया

  • अभी तक सिटीबैंक की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, यह उम्मीद की जा रही है कि बैंक इस जुर्माने का पालन करेगा और भविष्य में नियमों का सख्ती से पालन करने के उपाय करेगा।

वित्तीय विशेषज्ञों की राय

  • वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि RBI द्वारा उठाया गया यह कदम वित्तीय स्थिरता और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा। यह अन्य बैंकों के लिए भी एक चेतावनी है कि वे नियमों का पालन करें और समय पर क्रेडिट जानकारी को अपडेट करें।
  • इसके अलावा, विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि इस प्रकार की कार्रवाइयां बैंकिंग प्रणाली में ग्राहकों के विश्वास को बढ़ाती हैं और वित्तीय अनुशासन को मजबूती देती हैं।

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क्या है लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क?

लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क (Large Exposure Framework) का उद्देश्य बैंकों को किसी एक उधारकर्ता या समूह को अत्यधिक कर्ज देने से रोकना है। यह जोखिम को विभाजित करने और बैंकिंग प्रणाली की स्थिरता को बनाए रखने के लिए लागू किया गया है। इसके तहत एक बैंक को किसी एक उधारकर्ता को उसके कुल टियर-1 पूंजी का 20% से अधिक कर्ज देने की अनुमति नहीं होती है।

सिटीबैंक पर जुर्माना इसलिए लगा क्योंकि उसने कुछ मामलों में इस सीमा का उल्लंघन किया और उसकी जानकारी भी देरी से दी।

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आगे का रास्ता

इस घटना के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि सिटीबैंक अपने आंतरिक नियंत्रण और प्रक्रियाओं को और मजबूत करेगा ताकि भविष्य में इस प्रकार की चूक न हो। इसके अलावा, अन्य बैंक भी इस घटना से सबक लेंगे और लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क और क्रेडिट जानकारी के नियमों का सख्ती से पालन करेंगे।

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