
लाडो प्रोत्साहन योजना राजस्थान सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत राज्य में जन्म लेने वाली बेटियों को आर्थिक सहायता के रूप में कुल 1.5 लाख रुपये प्रदान किए जाते हैं। इस योजना को पहले मुख्यमंत्री राजश्री योजना के नाम से जाना जाता था, लेकिन दिसंबर 2024 में भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली BJP सरकार ने इसका नाम बदलकर लाडो प्रोत्साहन योजना कर दिया है और साथ ही इस योजना की राशि भी दोगुनी कर दी गई है।
राजस्थान सरकार की यह योजना न सिर्फ बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करती है, बल्कि उनकी शिक्षा और समग्र विकास में भी सहयोग देती है। इसके तहत राशि को सात चरणों में Direct Benefit Transfer (DBT) के माध्यम से ट्रांसफर किया जाता है।
लाडो प्रोत्साहन योजना क्या है और इसका उद्देश्य क्या है
पहले राजस्थान में मुख्यमंत्री राजश्री योजना के अंतर्गत बेटियों को 50 हजार रुपये तक की सहायता दी जाती थी। लेकिन अब लाडो प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत इस राशि को बढ़ाकर ₹1,50,000 कर दिया गया है। इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को राज्य स्तर पर मजबूती देना है और बेटियों की शिक्षा, पोषण और समृद्धि में योगदान देना है।
बेटी के जन्म से लेकर उसकी स्नातक शिक्षा तक विभिन्न चरणों में यह सहायता राशि दी जाती है, जिससे माता-पिता को बेटी की परवरिश और शिक्षा में आर्थिक सहयोग मिल सके।
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कौन-कौन ले सकता है योजना का लाभ
लाडो प्रोत्साहन योजना का सबसे खास पहलू यह है कि इसमें जाति, धर्म, वर्ग या आय सीमा की कोई बाध्यता नहीं है। बस एक शर्त है कि बेटी की मां राजस्थान की मूल निवासी होनी चाहिए और बच्ची का जन्म राजकीय चिकित्सा संस्थान या जननी सुरक्षा योजना से अधिस्वीकृत प्राइवेट हॉस्पिटल में हुआ हो।
इसका मतलब यह है कि अगर मां राजस्थान की स्थायी निवासी है और बेटी का जन्म किसी सरकारी या पंजीकृत निजी अस्पताल में हुआ है, तो वह इस योजना की पात्र मानी जाएगी।
आवेदन की प्रक्रिया कैसी है
इस योजना के अंतर्गत लाभ लेने के लिए किसी तरह का ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करने की जरूरत नहीं है। जैसे ही किसी बच्ची का जन्म योग्य अस्पताल में होता है, उसका डेटा राजस्थान चिकित्सा विभाग के पोर्टल पर स्वतः अपलोड हो जाता है।
इसके बाद संबंधित विभाग की ओर से ऑटोमेटिक रजिस्ट्रेशन कर लिया जाता है और माता-पिता को आगे की प्रक्रिया के लिए कहीं दौड़ने की जरूरत नहीं पड़ती।
कितनी-कितनी राशि और कब मिलती है
राज्य सरकार की ओर से तय किया गया है कि कुल ₹1.5 लाख की राशि 7 किस्तों में दी जाएगी। शुरुआती छह किस्तें माता-पिता के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएंगी, जबकि अंतिम किस्त बेटी के स्वयं के बैंक अकाउंट में दी जाएगी।
पहली किस्त: बेटी के जन्म के समय ₹5,000
दूसरी किस्त: 1 वर्ष की उम्र पूरी होने और सभी वैक्सीनेशन के बाद ₹5,000
तीसरी किस्त: पहली कक्षा में दाखिले पर ₹10,000
चौथी किस्त: छठी कक्षा में एडमिशन लेने पर ₹15,000
पांचवीं किस्त: 10वीं कक्षा में एडमिशन पर ₹20,000
छठी किस्त: 12वीं कक्षा में एडमिशन के बाद ₹25,000
सातवीं और अंतिम किस्त: मान्यता प्राप्त कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरी करने और 21 वर्ष की उम्र पूरी होने पर ₹70,000 सीधे बेटी के अकाउंट में
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जरूरी डॉक्युमेंट्स क्या होंगे
गर्भवती महिला की जानकारी चिकित्सा विभाग के पोर्टल पर ANC जांच के दौरान दर्ज की जाती है। इसके लिए कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है जैसे:
- राजस्थान की मूल निवास प्रमाणपत्र
- विवाह प्रमाण पत्र (Marriage Certificate)
- आधार कार्ड
- बैंक खाता विवरण
- राशन कार्ड
- हालिया पासपोर्ट साइज फोटो
इन दस्तावेजों के आधार पर लाभार्थी परिवार का डेटा पोर्टल पर दर्ज किया जाता है।
पहले से चल रही राजश्री योजना का क्या होगा?
जो बेटियां पहले से मुख्यमंत्री राजश्री योजना के तहत रजिस्टर्ड हैं, उन्हें नए सिरे से रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होगी। उन्हें अब लाडो प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत बची हुई किस्तें बढ़ी हुई राशि के रूप में प्रदान की जाएंगी।
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि पुरानी योजना को ही नए नाम और नई राशि के साथ अपडेट किया गया है, जिससे कोई भी लाभार्थी इससे वंचित न हो।
लाडो प्रोत्साहन योजना क्यों है खास?
आज भी कई ग्रामीण क्षेत्रों में बेटियों को बोझ समझा जाता है। ऐसे में इस तरह की योजना सामाजिक सोच को बदलने में अहम भूमिका निभा सकती है। जब सरकार खुद बेटियों के जन्म से लेकर शिक्षा तक उनकी जिम्मेदारी उठाने को तैयार हो, तो यह पूरे समाज को एक सकारात्मक संदेश देता है।
योजना न सिर्फ आर्थिक सहायता देती है, बल्कि यह एक Social Empowerment की दिशा में भी मजबूत कदम है।