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Rajasthan Board 12वीं रिजल्ट: कितने नंबर लाने पर मिलेगी फ्री स्कूटी? जानिए सरकार की खास योजना

राजस्थान सरकार की स्कॉलरशिप योजनाएं छात्राओं को पढ़ाई में प्रोत्साहित करने के साथ-साथ मुफ्त स्कूटी, नकद पुरस्कार और अन्य सुविधाएं भी दे रही हैं। जानें कौन-कौन सी स्कीम में कितने नंबर पर मिलेगा फ्री स्कूटी का तोहफा और कैसे करें आवेदन।

By Saloni uniyal
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Rajasthan Board 12वीं रिजल्ट: कितने नंबर लाने पर मिलेगी फ्री स्कूटी? जानिए सरकार की खास योजना
Rajasthan Board 12वीं रिजल्ट: कितने नंबर लाने पर मिलेगी फ्री स्कूटी? जानिए सरकार की खास योजना

राजस्थान बोर्ड 12वीं रिजल्ट (Rajasthan Board 12th Result 2025) जारी हो चुका है। इस बार राज्यभर के 8.93 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी, जिसमें से साइंस स्ट्रीम में 94.43 फीसदी, आर्ट्स में 97.70 फीसदी और कॉमर्स में 99.07 फीसदी छात्र-छात्राएं पास हुए हैं। लेकिन 12वीं पास करने के साथ ही कई छात्राओं की नजर अब राजस्थान सरकार की उन स्कॉलरशिप योजनाओं पर है, जिनमें स्कूटी जैसे इनाम भी शामिल हैं। आइए जानें, राजस्थान बोर्ड की 12वीं परीक्षा में कितने नंबर लाकर छात्राएं मुफ्त स्कूटी योजना (Free Scooty Yojana Rajasthan) का लाभ उठा सकती हैं।

काली बाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना: 65% नंबर लाओ और स्कूटी पाओ

राजस्थान सरकार की ‘काली बाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना’ (Kali Bai Bheel Medhavi Chatra Scooty Yojana) सभी वर्गों की छात्राओं के लिए उपलब्ध है। इस योजना के तहत अगर कोई छात्रा राजस्थान बोर्ड 12वीं रिजल्ट में 65% से ज्यादा अंक प्राप्त करती है, तो वह इस स्कीम के तहत मुफ्त स्कूटी के लिए आवेदन कर सकती है।

यह योजना तीनों स्ट्रीम – साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स – के लिए लागू है और प्रत्येक स्ट्रीम में निर्धारित कोटा के अनुसार स्कूटियां वितरित की जाती हैं। इस योजना के अंतर्गत छात्रा को स्कूटी के साथ एक साल का इंश्योरेंस, 5 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस, 2 लीटर पेट्रोल और एक हेलमेट भी दिया जाता है।

हालांकि, यह जरूरी है कि छात्रा ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूल में रेगुलर पढ़ाई की हो। यदि छात्रा को 10वीं में पहले से ही स्कूटी मिल चुकी है, तो वह 12वीं में इस योजना के लिए पात्र नहीं होगी।

देवनारायण स्कूटी वितरण योजना: 50% नंबर लाओ, मेरिट में आओ और पाओ स्कूटी

राजस्थान सरकार द्वारा पिछड़ी जाति की छात्राओं के लिए ‘देवनारायण स्कूटी वितरण और प्रोत्साहन योजना’ (Devnarayan Scooty Yojana) चलाई जा रही है। इस योजना का उद्देश्य सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ी जातियों की छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करना है।

इस योजना के तहत वे छात्राएं जो 12वीं बोर्ड परीक्षा में कम से कम 50% अंक लाती हैं और मेरिट लिस्ट में आती हैं, उन्हें हर साल कुल 1500 स्कूटियां वितरित की जाती हैं। जो छात्राएं मेरिट में नहीं आ पातीं, लेकिन 50% अंक लाकर ग्रेजुएशन में दाखिला लेती हैं, उन्हें हर साल ₹10,000 की छात्रवृत्ति तीन सालों तक दी जाती है।

यह योजना केवल राजस्थान की अति पिछड़ी जाति की छात्राओं के लिए है और इसके लिए परिवार की वार्षिक आय ₹2.5 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। आवेदन के लिए राजस्थान सिंगल साइन ऑन पोर्टल (Rajasthan SSO Portal) पर SSO ID के जरिए अप्लाई किया जा सकता है।

कल्पना चावला फ्री स्कूटी योजना: टेक्निकल एजुकेशन के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटी

राजस्थान सरकार की एक और प्रमुख योजना है ‘कल्पना चावला फ्री स्कूटी योजना’ (Kalpana Chawla Free Scooty Yojana) । यह योजना उन छात्राओं के लिए है जो पॉलिटेक्निक या किसी अन्य तकनीकी कोर्स में ग्रेजुएशन करने जा रही हैं। राजस्थान बोर्ड की छात्राओं के लिए इसमें न्यूनतम योग्यता 12वीं में 50% अंक है, जबकि CBSE बोर्ड से पढ़ने वाली छात्राओं के लिए यह सीमा 60% अंक निर्धारित की गई है।

इस योजना के अंतर्गत पात्र छात्राओं को इलेक्ट्रिक स्कूटी दी जाती है, जिससे वे घर से कॉलेज की दूरी को आसानी से तय कर सकें और तकनीकी शिक्षा से वंचित न रहें। इस स्कीम में कोई जातीय प्रतिबंध नहीं है और यदि परिवार की आय ₹8 लाख रुपये तक है, तब भी आवेदन किया जा सकता है।

आवेदन की प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज

इन सभी योजनाओं के लिए आवेदन ऑनलाइन ही स्वीकार किए जाते हैं। इसके लिए छात्राओं को राजस्थान सरकार के SSO पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होता है। आवेदन के समय स्कूली प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो और बैंक खाता विवरण जैसे दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।

यह योजनाएं क्यों हैं जरूरी?

राजस्थान जैसे राज्य में जहां कई ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्र हैं, वहां पर लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ऐसी योजनाएं बहुत प्रभावी साबित होती हैं। इन योजनाओं से न केवल छात्राओं की आर्थिक मदद होती है, बल्कि यह उनके आत्मविश्वास और स्वावलंबन को भी बढ़ाती हैं।

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