
भारत में रियल एस्टेट निवेश (Real Estate Investment) को हमेशा से एक सुरक्षित और दीर्घकालिक संपत्ति के रूप में देखा गया है। तेजी से बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण (Urbanization) के कारण हाउसिंग सेक्टर में बीते कुछ वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार ने इस क्षेत्र में पारदर्शिता और निवेशकों का विश्वास बढ़ाने के लिए वर्ष 2016 में रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी यानी रेरा (RERA) की स्थापना की थी। रेरा का उद्देश्य बिल्डरों की जवाबदेही सुनिश्चित करना, खरीदारों की सुरक्षा करना और पूरे सेक्टर को व्यवस्थित बनाना है।
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इन प्रयासों का सकारात्मक प्रभाव यह रहा कि अब निवेशकों और घर खरीदारों का रुझान रियल एस्टेट की ओर बढ़ा है। खास बात यह है कि इस सेक्टर में निवेश से न सिर्फ आप खुद के घर का सपना पूरा कर सकते हैं, बल्कि इनकम टैक्स अधिनियम (Income Tax Act) के तहत कई प्रकार की टैक्स छूट (Tax Benefits) का लाभ भी उठा सकते हैं। जानिए रियल एस्टेट में निवेश से अधिकतम टैक्स लाभ लेने के 5 प्रभावी उपाय।
स्टाम्प ड्यूटी पर धारा 80सी के तहत छूट
जब आप कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो उस पर स्टाम्प ड्यूटी (Stamp Duty) और रजिस्ट्रेशन चार्ज देना होता है। आयकर अधिनियम की धारा 80सी (Section 80C) के अंतर्गत आप स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस पर 1.50 लाख रुपये तक की छूट का दावा कर सकते हैं। यदि संपत्ति दो व्यक्तियों के नाम पर है, जैसे पति-पत्नी, तो दोनों को यह छूट अलग-अलग मिल सकती है। इस तरह कुल 3 लाख रुपये तक की राहत संभव है।
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होम लोन के ब्याज और मूलधन पर टैक्स राहत
अगर आपने मकान खरीदने के लिए होम लोन (Home Loan) लिया है, तो आयकर कानून की धारा 24 (Section 24) के तहत लोन पर दिए गए ब्याज पर 2 लाख रुपये तक की कटौती ली जा सकती है। इसके अतिरिक्त, लोन के मूलधन (Principal) पर भी धारा 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक की छूट मिलती है। इस तरह होम लोन पर कुल 3.50 लाख रुपये की टैक्स राहत का फायदा उठाया जा सकता है।
एक प्रॉपर्टी बेचकर दूसरी खरीदने पर कैपिटल गेन टैक्स से छूट
यदि आपने पहले से खरीदी गई रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी (Residential Property) को बेचकर दूसरी रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदी है, तो आयकर अधिनियम की धारा 54 (Section 54) के तहत आप कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gain Tax) से बच सकते हैं। शर्त यह है कि बेचने और खरीदने वाली दोनों संपत्तियां रेसिडेंशियल हों। यदि आपने कोई प्लॉट या जमीन बेचकर घर खरीदा है तो ऐसी स्थिति में धारा 54एफ (Section 54F) के अंतर्गत भी टैक्स में राहत मिलेगी, लेकिन यह राहत धारा 54 की तुलना में कम होगी।
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लॉन्ग टर्म गेन के लिए प्रॉपर्टी को कम से कम 24 माह रखें
रियल एस्टेट निवेश को यदि टैक्स लाभकारी बनाना है, तो प्रॉपर्टी को कम से कम 24 महीनों तक अपने पास रखना चाहिए। यदि आप 24 महीने के बाद संपत्ति बेचते हैं, तो यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (Long-Term Capital Gain) में आता है, जिस पर आपको केवल 12.5% टैक्स देना होता है। यदि आप 24 महीने से पहले बेचते हैं, तो वह शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (Short-Term Capital Gain) कहलाता है और उस पर आपकी सामान्य इनकम टैक्स स्लैब दर के हिसाब से टैक्स देना होता है।
होम लोन लेकर पूंजी को अन्य निवेश में लगाएं
कई लोग घर खरीदने के लिए पूरा कैश भुगतान करने का विकल्प चुनते हैं, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार 8-8.5% ब्याज दर पर होम लोन लेना और अपनी बाकी पूंजी को म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) या रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) जैसे उच्च रिटर्न देने वाले क्षेत्रों में निवेश करना एक बेहतर रणनीति हो सकती है। इससे आप लोन पर टैक्स छूट का लाभ भी उठा सकते हैं और अपनी पूंजी से 10-15% तक का रिटर्न भी कमा सकते हैं।