
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PM Krishi Sinchai Yojana) के तहत किसानों को अब ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली पर 55% से 90% तक सब्सिडी मिलने का अवसर मिल रहा है। यह योजना देश भर के किसानों के लिए लागू है और इसके तहत सिंचाई की सुविधा का विस्तार करने के साथ-साथ जल संरक्षण और जल उपयोग दक्षता को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इस योजना के जरिए किसानों को अत्याधुनिक सिंचाई तकनीक उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे उनके कृषि उत्पादन में वृद्धि हो सकेगी और साथ ही जल संकट की समस्या का समाधान भी संभव हो सकेगा।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का मुख्य उद्देश्य भारतीय कृषि क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार करना और जल उपयोग में दक्षता लाना है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा किसानों को अत्याधुनिक सिंचाई तकनीकों जैसे ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम स्थापित करने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है। यह योजना न केवल कृषि उत्पादन को बढ़ाने में मदद करती है, बल्कि यह पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
यह योजना किसानों को जल प्रबंधन के बेहतर तरीके से परिचित कराती है, जिससे वे कम पानी में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। इसके तहत राज्य सरकारें किसानों को सभी प्रकार की मदद और मार्गदर्शन प्रदान करती हैं, ताकि वे इस योजना का लाभ उठा सकें और अपने कृषि कार्यों को अधिक सशक्त बना सकें।
55% से 90% तक सब्सिडी का लाभ
पीएम कृषि सिंचाई योजना के तहत किसान 55% से लेकर 90% तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। यह सब्सिडी ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम लगाने के लिए दी जाती है, जो कि सिंचाई की आधुनिक तकनीक हैं। इस सब्सिडी के माध्यम से सरकार किसानों के वित्तीय बोझ को कम करती है और उन्हें सिंचाई की सुविधाओं का लाभ दिलाती है। सब्सिडी की अधिकतम सीमा प्रति लाभार्थी 5 हेक्टेयर तक निर्धारित की गई है।
इस योजना के तहत किसानों को केवल BIS (भारतीय मानक संस्थान) द्वारा प्रमाणित सिस्टम ही खरीदने होंगे। इसके साथ ही यह योजना डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से लागू की जाती है, जिससे लाभार्थियों को सीधे उनके बैंक खातों में सब्सिडी राशि ट्रांसफर की जाती है।
आवेदन की प्रक्रिया
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को ब्लॉक या जिला स्तर के कृषि अधिकारी से आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा। इसके बाद उन्हें आवेदन पत्र को भरकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा करना होगा। आवेदन पत्र में एक पासपोर्ट आकार की फोटो भी चिपकानी होगी और दस्तावेजों की जांच के बाद रसीद या पावती प्राप्त करनी होगी।
इसके बाद, आवेदन पत्र को नामित अधिकारी के पास भेजने के बाद किसानों को अपनी योजना के अंतर्गत स्वीकृति प्राप्त हो जाती है और उन्हें आवश्यक सब्सिडी मिल जाती है। यह प्रक्रिया सरल और सुलभ है, ताकि सभी किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।
कमान क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन योजना
पीएम कृषि सिंचाई योजना के तहत एक नई उप-योजना का भी गठन किया गया है, जिसे “कमान क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन” योजना कहा जाता है। इस योजना का उद्देश्य सिंचाई के लिए पानी की बेहतर आपूर्ति सुनिश्चित करना और जल प्रबंधन के क्षेत्र में नई तकनीकों का उपयोग करना है। यह योजना 1600 करोड़ रुपये के बजट के साथ 2025-26 से लागू की जाएगी।
इस योजना में जल प्रबंधन के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और सुव्यवस्थित बनाया जाएगा। यह योजना पीएम कृषि सिंचाई योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो किसानों को जल संकट से बचाने में मदद करेगा और उनके कृषि कार्यों को सशक्त बनाएगा।
पीएम कृषि सिंचाई योजना से किसानों को हो रहा है लाभ
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत किसानों को मिलने वाली सब्सिडी और पानी की बेहतर आपूर्ति के चलते कृषि उत्पादन में वृद्धि हो रही है। साथ ही, जल संकट की समस्या का समाधान भी हो रहा है, जो कि देश के कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना से किसानों को सिंचाई की सुविधा मिल रही है, जिससे वे अधिक भूमि पर खेती कर पा रहे हैं और उनकी फसलें बेहतर हो रही हैं।
केंद्र सरकार की इस पहल से किसानों का जीवन स्तर बेहतर हो रहा है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान कर रही है, जिससे देश के कृषि क्षेत्र में विकास हो रहा है।