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22 अप्रैल से नया टैक्स झटका! PAN नहीं दिया तो सीधे कटेगा 20% टैक्स – जानें कैसे बचें इस नियम से

नई टैक्स पॉलिसी ने लग्ज़री खरीददारों की बढ़ाई टेंशन! अगर PAN नहीं दिया तो TCS 1% से सीधा 20% – जानें कैसे बचें इस बड़े झटके से और पाएं रिफंड का तरीका।

By Saloni uniyal
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22 अप्रैल से नया टैक्स झटका! PAN नहीं दिया तो सीधे कटेगा 20% टैक्स – जानें कैसे बचें इस नियम से
22 अप्रैल से नया टैक्स झटका! PAN नहीं दिया तो सीधे कटेगा 20% टैक्स – जानें कैसे बचें इस नियम से

देश में लग्ज़री वस्तुओं की खरीदारी करने वालों के लिए एक अहम टैक्स नियम 22 अप्रैल 2025 से लागू हो चुका है। Tax New Rules के तहत अब अगर आप ₹10 लाख से अधिक कीमत के कोई लग्ज़री सामान जैसे महंगी घड़ी, ब्रांडेड शूज़, हैंडबैग या गोल्फ किट खरीदते हैं, तो आपको 1% की दर से Tax Collected at Source (TCS) देना होगा। खास बात ये है कि अगर आपने इस लेनदेन के समय अपना PAN नंबर नहीं दिया, तो ये टैक्स सीधे 20% तक पहुंच जाएगा।

किन चीजों पर लागू है नया TCS नियम

Income Tax Department ने हाल ही में एक नई सूची जारी की है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि कौन-कौन से लग्ज़री आइटम्स की खरीद पर यह नया TCS नियम लागू होगा। इन वस्तुओं में शामिल हैं वॉच (Wrist Watch), आर्ट पीस जैसे एंटीक वस्तुएं, पेंटिंग्स और स्कल्पचर्स, कलेक्टिबल्स जैसे दुर्लभ सिक्के और स्टैम्प, यॉट्स, हेलिकॉप्टर, रोइंग बोट्स और कैनो, सनग्लासेस, ब्रांडेड हैंडबैग्स, पर्स, हाई-एंड शूज़, स्पोर्ट्स गियर जैसे गोल्फ किट और स्की-वियर, होम थिएटर सिस्टम, रेसिंग या पोलो के लिए उपयोग होने वाले हॉर्स।

अगर इन वस्तुओं की कीमत ₹10 लाख से अधिक है, तो उन पर 1% TCS अनिवार्य रूप से लागू होगा।

TCS का सिस्टम कैसे काम करता है

जब भी कोई व्यक्ति उपरोक्त सूची में शामिल वस्तुओं को ₹10 लाख से अधिक कीमत पर खरीदता है, तो विक्रेता 1% TCS काटकर ग्राहक के PAN नंबर पर यह टैक्स इनकम टैक्स विभाग को डिपॉज़िट करता है। यह राशि ग्राहक के Form 26AS में रिफ्लेक्ट होती है, जिसे वह अपने ITR (Income Tax Return) में टैक्स क्रेडिट के रूप में क्लेम कर सकता है। अगर ग्राहक की कोई टैक्स देनदारी नहीं बनती, तो यह राशि बाद में रिफंड के रूप में वापस मिल सकती है।

अगर PAN नंबर नहीं दिया तो क्या होगा?

यह नियम उन लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो बिना PAN नंबर के लग्ज़री सामान की खरीदारी करते हैं। अगर आपने खरीदारी के समय PAN नंबर उपलब्ध नहीं कराया, तो TCS की दर सीधे 1% से बढ़कर 20% हो जाएगी। यानी अगर आपने ₹10 लाख की घड़ी खरीदी है और PAN नंबर नहीं दिया है, तो ₹2 लाख तक टैक्स देना पड़ेगा। इससे सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है — अनट्रेस्ड और अनरिपोर्टेड ट्रांज़ैक्शंस पर लगाम लगाना।

सरकार का मकसद और रणनीति

यह नया TCS नियम सिर्फ रेवेन्यू बढ़ाने की नीति नहीं है, बल्कि सरकार का असली लक्ष्य है Tax Clarity और Income Traceability सुनिश्चित करना। कई बार लग्ज़री खरीदारी को टैक्स रडार से बाहर रखने की कोशिश होती है, जिससे अंडर-रिपोर्टिंग और टैक्स चोरी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। लेकिन इस नियम के जरिए सरकार अब उन सभी हाई-वैल्यू ट्रांज़ैक्शंस को ट्रैक कर सकेगी जो PAN नंबर के बिना होती थीं।

क्या आम खरीदार को चिंता करनी चाहिए?

अगर आप रोजमर्रा की खरीदारी करते हैं या आपके द्वारा खरीदी गई वस्तु ₹10 लाख से कम की है, तो यह नियम आपके लिए लागू नहीं होता। यह प्रावधान खास तौर पर उन उपभोक्ताओं के लिए है जो लग्ज़री सामानों की खरीदारी करते हैं और टैक्स कंप्लायंस को नजरअंदाज़ करते हैं।

हालांकि, अगर आप महंगे गिफ्ट्स, कलेक्टिबल्स या स्पेशल एडिशन आइटम्स खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो ध्यान रखें कि PAN नंबर देना अनिवार्य है। इससे न सिर्फ आपका टैक्स रिकॉर्ड साफ रहेगा, बल्कि आप TCS की रकम को ITR में क्रेडिट के रूप में क्लेम कर सकेंगे।

क्या फाइनेंशियल प्लानिंग में बदलाव जरूरी है?

TCS का ये नया नियम उन लोगों के लिए एक अलर्ट है जो फाइनेंशियल प्लानिंग करते समय अपनी लग्ज़री खरीदारी को नजरअंदाज़ कर देते हैं। अब हर हाई-वैल्यू खरीदारी एक रिपोर्टेड इवेंट बन जाएगा और इसका प्रभाव आपके टैक्स प्रोफाइल पर पड़ेगा। इसलिए निवेश और खर्च करते समय, खासकर अगर आप IPO या Renewable Energy जैसे सेगमेंट्स में निवेश कर रहे हैं, तो टैक्स इम्प्लिकेशन को ध्यान में रखना और PAN अपडेटेड रखना बहुत जरूरी हो गया है।

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