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नोएडा एक्सप्रेसवे पर गाड़ी बंद हुई तो देना होगा 20 हजार जुर्माना! जानें नया नियम

अब एक्सप्रेसवे पर गाड़ी खराब होना महंगा पड़ सकता है! नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने लागू किया नया नियम, जानिए कैसे बच सकते हैं भारी चालान से।

By Saloni uniyal
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नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने एक्सप्रेसवे पर बढ़ते ट्रैफिक जाम की समस्या को ध्यान में रखते हुए नया ‘ब्रेकडाउन चालान’ लागू किया है। इस नए नियम के तहत यदि कोई वाहन नोएडा एक्सप्रेसवे पर खराब होता है और ट्रैफिक में बाधा डालता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा और गाड़ी को जब्त भी किया जा सकता है।

नोएडा एक्सप्रेसवे एक महत्वपूर्ण मार्ग है, जो नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ता है। इस मार्ग पर प्रतिदिन करीब 5 लाख वाहन चलते हैं। कई बार वाहनों के अचानक खराब होने से ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जिससे हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस समस्या से निपटने के लिए एक्सप्रेसवे को ‘ब्रेकडाउन चालान’ क्षेत्र घोषित किया गया है।

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धारा 201 के तहत लगेगा भारी जुर्माना

पुलिस ने बताया कि इस नए नियम के तहत मोटर वाहन अधिनियम की धारा 201 का उपयोग किया जाएगा। यह धारा उन वाहनों पर लागू होती है जो ट्रैफिक के सुचारू प्रवाह में बाधा उत्पन्न करते हैं। इस नियम के अनुसार, दोषी वाहन मालिकों पर 5,000 से 20,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

डीसीपी (ट्रैफिक) लखन सिंह यादव ने जानकारी दी कि भारी ट्रैफिक के कारण एक्सप्रेसवे पर पहले ही दबाव बना रहता है और वाहनों के अचानक खराब होने से समस्या और गंभीर हो जाती है। ऐसे में इस नए नियम को लागू करना जरूरी था।

गाड़ी जब्त भी हो सकती है

यदि कोई वाहन नोएडा एक्सप्रेसवे पर खराब हो जाता है, तो ट्रैफिक पुलिस उसे टो करने के साथ-साथ उसका चालान भी जारी करेगी। यदि गाड़ी के पास फिटनेस सर्टिफिकेट, परमिट, या अन्य आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं, तो उसे जब्त भी किया जा सकता है। आमतौर पर जब कोई गाड़ी टो की जाती है, तो ट्रैफिक पुलिस वाहन मालिक से इन दस्तावेजों की मांग करती है। यदि कागजात अधूरे होते हैं, तो जुर्माना लगाया जाता है।

ट्रैफिक पुलिस विभाग ने एक्सप्रेसवे से वाहनों को हटाने के लिए हाइड्रोलिक क्रेन और दो छोटे क्रेन की व्यवस्था भी की है, जिससे ट्रैफिक जाम को जल्द से जल्द खत्म किया जा सके।

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निजी कार चालकों को नहीं करनी पड़ेगी चिंता

डीसीपी यादव ने स्पष्ट किया कि फिलहाल इस नियम का प्रभाव केवल व्यावसायिक वाहनों पर पड़ेगा। निजी कार चालकों को फिलहाल किसी भी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। इस नियम को फरवरी में लागू किया गया था और पहले 10 दिनों में करीब 50 वाहनों का चालान किया गया या जब्त किया गया। हालांकि, कुछ वाहन मालिकों ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि गाड़ी खराब होना उनकी गलती नहीं है, फिर भी उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है।

क्या गाड़ी खराब होना अपराध है?

कई वाहन मालिकों ने इस नए नियम पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या गाड़ी खराब होना अपराध की श्रेणी में आता है? इस पर ट्रैफिक पुलिस ने स्पष्ट किया कि गाड़ी का खराब होना अपने आप में कोई अपराध नहीं है, लेकिन यदि इससे ट्रैफिक में रुकावट पैदा होती है, तो यह दंडनीय होगा। यदि वाहन के पास वैध फिटनेस सर्टिफिकेट, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, और प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) सर्टिफिकेट नहीं है या वह ओवरलोडेड है, तो उन पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जा सकता है।

ट्रैफिक पुलिस ने सभी वाहन मालिकों को सलाह दी है कि वे अपने वाहनों की समय-समय पर सर्विसिंग कराएं और राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा निर्धारित उत्सर्जन मानकों का पालन करें।

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ट्रैफिक जाम से मिलेगा निजात या बढ़ेगी परेशानी?

यह नया नियम एक्सप्रेसवे पर यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए लाया गया है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि यह वाहन चालकों के लिए राहत लेकर आएगा या उनकी परेशानी को और बढ़ा देगा। पुलिस का मानना है कि इस कदम से एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक की स्थिति में सुधार होगा और जाम की समस्या से निजात मिलेगी।

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