
भारतीय रिज़र्व बैंक-RBI द्वारा लागू की जा रही नई एटीएम लेनदेन शुल्क नीति 1 मई 2025 से प्रभावी हो जाएगी, जिससे HDFC बैंक, पंजाब नेशनल बैंक-PNB और इंडसइंड बैंक के ग्राहकों को एटीएम लेनदेन पर अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ सकता है। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य बैंकिंग लेनदेन में पारदर्शिता लाना और बढ़ते संचालन लागत का प्रबंधन करना है।
एटीएम लेनदेन की नई निःशुल्क सीमा
RBI के दिशानिर्देशों के तहत, अब ग्राहकों को मेट्रो शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद में हर महीने केवल तीन निःशुल्क एटीएम लेनदेन की सुविधा मिलेगी। जबकि गैर-मेट्रो क्षेत्रों में ग्राहकों को प्रति माह पांच निःशुल्क लेनदेन का लाभ मिलेगा।
यह सीमा न केवल वित्तीय लेनदेन जैसे नकद निकासी बल्कि गैर-वित्तीय लेनदेन जैसे बैलेंस इन्क्वायरी और मिनी स्टेटमेंट पर भी लागू होगी। इससे ग्राहकों को प्रत्येक लेनदेन के महत्व पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी, ताकि अनावश्यक शुल्क से बचा जा सके।
निःशुल्क सीमा पार करने पर देय शुल्क
यदि ग्राहक अपनी निर्धारित निःशुल्क सीमा को पार कर लेते हैं, तो उन्हें प्रत्येक अतिरिक्त लेनदेन के लिए ₹23 (प्लस लागू कर) तक का शुल्क चुकाना होगा। यह शुल्क संरचना वित्तीय और गैर-वित्तीय दोनों प्रकार के अतिरिक्त लेनदेन पर लागू होगी।
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यह निर्णय बढ़ती परिचालन लागत और बैंकों द्वारा एटीएम नेटवर्क के रखरखाव में आ रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए लिया गया है।
बैंक-विशेष शुल्क संरचना: ग्राहकों को जानना जरूरी
HDFC बैंक, पंजाब नेशनल बैंक-PNB और इंडसइंड बैंक ने RBI के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार अपनी शुल्क संरचना में बदलाव किया है, जो सीधे तौर पर उनके ग्राहकों को प्रभावित करेगा।
HDFC बैंक की नई शुल्क प्रणाली
HDFC बैंक ने स्पष्ट किया है कि स्वयं के एटीएम पर गैर-वित्तीय लेनदेन जैसे बैलेंस जांच या मिनी स्टेटमेंट के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, भले ही ग्राहक निःशुल्क सीमा पार कर चुके हों। हालांकि, स्वयं के एटीएम पर नकद निकासी करने पर निःशुल्क सीमा समाप्त होने के बाद ₹23 (प्लस कर) का शुल्क लगाया जाएगा।
वहीं, यदि ग्राहक अन्य बैंकों के एटीएम का उपयोग करते हैं, तो निःशुल्क सीमा के बाद वित्तीय और गैर-वित्तीय दोनों प्रकार के लेनदेन पर शुल्क लागू होगा।
PNB की नई शुल्क नीति
पंजाब नेशनल बैंक-PNB ने भी अपनी एटीएम शुल्क संरचना को अपडेट किया है। अन्य बैंकों के एटीएम पर निःशुल्क लेनदेन की सीमा पार करने के बाद:
- वित्तीय लेनदेन के लिए ₹23 प्रति लेनदेन (प्लस कर) लिया जाएगा।
- गैर-वित्तीय लेनदेन जैसे बैलेंस इन्क्वायरी या मिनी स्टेटमेंट के लिए ₹11 प्रति लेनदेन (प्लस कर) वसूला जाएगा।
यह नई शुल्क संरचना 9 मई 2025 से लागू होगी।
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इंडसइंड बैंक का शुल्क संशोधन
इंडसइंड बैंक ने भी घोषणा की है कि 1 मई 2025 से, अन्य बैंकों के एटीएम से निःशुल्क सीमा के बाद प्रत्येक नकद निकासी पर ₹23 का शुल्क लिया जाएगा। यह नियम बैंक के सभी प्रकार के खाताधारकों जैसे बचत, वेतन, एनआरआई और चालू खाता ग्राहकों पर समान रूप से लागू होगा।
ग्राहकों को सलाह दी गई है कि वे अपने मासिक एटीएम लेनदेन की संख्या पर नजर रखें और अतिरिक्त शुल्क से बचने के लिए बैंक के डिजिटल बैंकिंग विकल्पों का अधिक उपयोग करें।
डिजिटल भुगतान की बढ़ती भूमिका
नए शुल्क ढांचे के लागू होने के साथ ही डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म जैसे UPI, नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और कार्डलेस कैश विदड्रॉल सेवाओं का महत्व और भी बढ़ जाएगा। ग्राहक इन विकल्पों का उपयोग करके न केवल अतिरिक्त शुल्क से बच सकते हैं, बल्कि सुरक्षित और सुविधाजनक लेनदेन का भी लाभ उठा सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम देश में डिजिटल ट्रांजैक्शनों को और गति देगा और नकदी पर निर्भरता को कम करेगा।
ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
नए नियमों के तहत ग्राहकों को चाहिए कि वे एटीएम लेनदेन करने से पहले अपने बैंक की नीतियों और शुल्क संरचना को अच्छी तरह से समझें। अपने बैंक के एटीएम का अधिक उपयोग करें और अनावश्यक नकद निकासी से बचें। इसके अलावा, डिजिटल बैंकिंग सेवाओं को प्राथमिकता देकर वित्तीय लेनदेन को और अधिक सुविधाजनक और किफायती बनाया जा सकता है।
इस बदलाव से न केवल ग्राहकों की बैंकिंग आदतों में सुधार होगा, बल्कि बैंकिंग प्रणाली में भी दक्षता और पारदर्शिता आएगी।