
केंद्र सरकार इनकम टैक्स-Income Tax सिस्टम को और अधिक आसान, पारदर्शी और टैक्सपेयर्स के अनुकूल बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके तहत एक नया इनकम टैक्स बिल (New Income Tax Bill) तैयार किया गया है, जिसे शुक्रवार, 7 फरवरी 2025 को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी दिए जाने की पूरी संभावना है। सरकार की इस तैयारी से करोड़ों टैक्सपेयर्स को राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है।
इनकम टैक्स व्यवस्था में सुधार की दिशा में सरकार का बड़ा कदम
वित्त मंत्रालय की ओर से तैयार किए गए इस नए इनकम टैक्स बिल का मकसद मौजूदा टैक्स प्रणाली में व्याप्त जटिलताओं को दूर करना और आम नागरिकों के लिए टैक्स भरने की प्रक्रिया को सरल बनाना है। माना जा रहा है कि यह बिल टैक्सपेयर्स के लिए कंफ्यूजन फ्री टैक्स सिस्टम पेश करेगा, जहां रिटर्न फाइलिंग, टैक्स स्लैब्स और छूटों के नियम ज्यादा स्पष्ट और सुव्यवस्थित होंगे।
7 फरवरी को मिल सकती है कैबिनेट की मंजूरी
सूत्रों की मानें तो 7 फरवरी 2025 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट मीटिंग में इस बिल को मंजूरी मिल सकती है। यदि सबकुछ योजना के अनुसार हुआ, तो इस बिल को अगले सप्ताह लोकसभा में पेश किया जाएगा। संसद के बजट सत्र में इस बिल को चर्चा के लिए शामिल किया जाएगा, और संभव है कि इसे इसी सत्र में पास भी कर दिया जाए।
नया बिल: टैक्सपेयर्स को कैसे मिलेगा लाभ?
नए इनकम टैक्स बिल में आम करदाताओं को कई स्तर पर राहत दिए जाने की योजना है। सबसे पहले तो यह बिल टैक्सपेयर्स को एक सिंपल टैक्स रेट स्ट्रक्चर मुहैया कराएगा, जिसमें छूटों और कटौतियों की प्रक्रिया आसान बनाई जाएगी। इसके अलावा रिटर्न फाइल करने की प्रोसेस को डिजिटल रूप से और अधिक यूजर फ्रेंडली बनाने पर फोकस होगा। इससे खासकर छोटे टैक्सपेयर्स और सीनियर सिटीजन्स को लाभ पहुंचेगा।
पारदर्शिता और डिजिटलीकरण पर जोर
सरकार का उद्देश्य इस बिल के जरिए टैक्स सिस्टम को अधिक पारदर्शी और डिजिटल बनाना है। इससे न सिर्फ करदाताओं की सुविधा बढ़ेगी बल्कि टैक्स चोरी की संभावनाएं भी कम होंगी। नए कानून में टैक्स सर्विलांस सिस्टम को और मजबूत करने की भी संभावना जताई जा रही है, जिससे उच्च आय वर्ग और कॉर्पोरेट टैक्सपेयर्स की निगरानी सख्त हो सके।
पुराने टैक्स कानून की जगह लेगा नया बिल
यह नया इनकम टैक्स बिल पुराने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की जगह लेगा, जो अब तक लागू है। पुराने कानून में समय के साथ कई संशोधन किए गए, लेकिन अब सरकार एक समग्र और आधुनिक टैक्स कोड लागू करना चाहती है। इससे न केवल टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी होगी बल्कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कार्यप्रणाली भी अधिक प्रभावशाली बन सकेगी।
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अर्थव्यवस्था को मिलेगा सकारात्मक संदेश
सरकार का मानना है कि नए बिल से न सिर्फ घरेलू टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी, बल्कि विदेशी निवेशकों-Foreign Investors को भी भारत की टैक्स प्रणाली पर भरोसा बढ़ेगा। एक सरल और स्थिर टैक्स ढांचा निवेशकों को आकर्षित करता है, जो लंबे समय में भारतीय अर्थव्यवस्था-Indian Economy को गति देने का काम करेगा।
विशेषज्ञों की राय: सही दिशा में कदम
टैक्स विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम लंबे समय से जरूरी था। मौजूदा इनकम टैक्स कानून में कई ग्रे एरिया हैं, जो करदाताओं के लिए असमंजस की स्थिति पैदा करते हैं। एक नया और स्पष्ट कानून लाकर न केवल टैक्स प्रशासन में सुधार होगा, बल्कि इससे करदाताओं का विश्वास भी मजबूत होगा। साथ ही टैक्स बेस बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
आगे की प्रक्रिया क्या होगी?
कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद यह बिल संसद में पेश किया जाएगा। इसके बाद इसे वित्त मामलों की स्थायी समिति को भेजा जा सकता है, जहां इसकी बारीकी से समीक्षा होगी। इसके बाद ही यह कानून के रूप में लागू किया जाएगा। अगर सब कुछ समय पर हुआ, तो आगामी वित्त वर्ष से यह नया इनकम टैक्स सिस्टम लागू हो सकता है।