![New Income Tax Bill 2025: क्रिप्टो और टैक्स पेमेंट्स पर सरकार का बड़ा फैसला](https://newzoto.com/wp-content/uploads/2025/02/New-Income-Tax-Bill-2025-1024x576.jpg)
भारत सरकार ने हाल ही में नए इनकम टैक्स बिल 2025 का ड्राफ्ट जारी किया है, जिसे जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा। इस नए बिल का मुख्य उद्देश्य टैक्स कानूनों की भाषा को सरल बनाना और उसकी प्रक्रियाओं को अधिक स्पष्ट करना है। यदि यह बिल पारित हो जाता है, तो इसे 1 अप्रैल 2026 से लागू किया जाएगा। यह नया कानून आम करदाताओं के लिए न केवल पारदर्शी होगा, बल्कि टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया को भी आसान बनाएगा।
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‘असेसमेंट ईयर’ की जगह ‘टैक्स ईयर’
नए इनकम टैक्स बिल में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है—अब ‘असेसमेंट ईयर’ के स्थान पर ‘टैक्स ईयर’ शब्द का प्रयोग किया जाएगा। टैक्स ईयर एक वित्तीय वर्ष की तरह 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलेगा। यदि कोई नया व्यवसाय या पेशा शुरू किया जाता है, तो उसका टैक्स ईयर उसी दिन से आरंभ होगा और चालू वित्तीय वर्ष के साथ समाप्त होगा। यह बदलाव टैक्स रिपोर्टिंग प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने में सहायक होगा।
सरल भाषा, आसान कानून
सरकार ने इस बार टैक्स कानूनों को सरल बनाने पर विशेष ध्यान दिया है। पुराने इनकम टैक्स एक्ट के 823 पृष्ठों की तुलना में नया बिल 622 पृष्ठों में सिमट गया है। हालांकि, इसमें कुल 23 चैप्टर बरकरार रखे गए हैं, लेकिन सेक्शंस की संख्या को 298 से बढ़ाकर 536 कर दिया गया है। शेड्यूल की संख्या भी 14 से बढ़ाकर 16 कर दी गई है। इस बदलाव का उद्देश्य करदाताओं को अधिक स्पष्टता और सुविधा प्रदान करना है।
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डिजिटल लेन-देन और क्रिप्टो पर सख्त नियम
डिजिटल युग में टैक्स नियमों को अपडेट करना आवश्यक हो गया है। नए इनकम टैक्स बिल में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स, जैसे कि क्रिप्टोकरेंसी, को अधिक सख्त नियमों के दायरे में लाया गया है। अब क्रिप्टो एसेट्स को अनडिस्क्लोज्ड इनकम माना जाएगा, ठीक वैसे ही जैसे नकद राशि, बुलियन और आभूषणों को गिना जाता है। यह कदम डिजिटल लेन-देन में पारदर्शिता लाने और टैक्स चोरी को रोकने के लिए उठाया गया है।
टैक्सपेयर्स चार्टर: करदाताओं के अधिकारों की रक्षा
नए इनकम टैक्स बिल में करदाताओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए ‘टैक्सपेयर्स चार्टर’ को शामिल किया गया है। यह चार्टर करदाताओं और कर अधिकारियों के अधिकारों और कर्तव्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करेगा, जिससे टैक्स विवादों को हल करने में आसानी होगी। इस कदम से टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनेगा।
कैसे बनेगा यह नया कानून?
नए इनकम टैक्स बिल 2025 को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। अब इसे लोकसभा में पेश किया जाएगा, जिसके बाद इसे स्थायी संसदीय समिति के पास समीक्षा के लिए भेजा जाएगा। समिति की सिफारिशों को शामिल करने के बाद इसे दोबारा संसद में पारित किया जाएगा और फिर राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह आधिकारिक रूप से कानून बन जाएगा।
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लंबे समय से लंबित था टैक्स सुधार
सरकार कई वर्षों से इनकम टैक्स कानून को आसान बनाने की प्रक्रिया में लगी हुई थी। इसके लिए 2018 में एक टास्क फोर्स गठित की गई थी, जिसने 2019 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इससे पहले, यूपीए सरकार ने 2009 में डायरेक्ट टैक्स कोड (DTC) पेश किया था, लेकिन वह संसद में पारित नहीं हो सका था। अब, इनकम टैक्स बिल 2025 को टैक्स सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे करदाताओं को अधिक सरल और पारदर्शी कर प्रणाली मिलेगी।