ब्रेकिंग न्यूज

5 साल में नेशनल हाईवे नहीं बना तो किसान लेंगे अपनी जमीन वापस! सरकार ला रही NH एक्ट में बड़ा बदलाव

नेशनल हाईवे के लिए अधिग्रहित जमीन अगर 5 साल तक नहीं हुई इस्तेमाल, तो लौटेगी मूल मालिकों के पास! हाईवे निर्माण में तेजी लाने के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम जानिए नए नियमों की पूरी डिटेल!

By Saloni uniyal
Published on
5 साल में नेशनल हाईवे नहीं बना तो किसान लेंगे अपनी जमीन वापस! सरकार ला रही NH एक्ट में बड़ा बदलाव
5 साल में नेशनल हाईवे नहीं बना तो किसान लेंगे अपनी जमीन वापस! सरकार ला रही NH एक्ट में बड़ा बदलाव

नई दिल्ली: नेशनल हाईवे (National Highway) निर्माण की रफ्तार को बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ‘नेशनल हाईवे एक्ट’ (National Highway Act) में बड़े बदलाव करने की योजना बना रही है। नए प्रस्ताव के अनुसार, अगर किसी हाईवे प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित भूमि (Acquired Land) का पांच साल के भीतर उपयोग नहीं किया जाता है, तो वह जमीन उसके मूल मालिकों को वापस कर दी जाएगी। यह कदम हाईवे निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने और किसानों के अधिकारों की रक्षा करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।

भूमि अधिग्रहण से जुड़ी नई शर्तें

सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित संशोधन में एक और महत्वपूर्ण प्रावधान जोड़ा गया है, जिसके तहत हाईवे अथॉरिटी (Highway Authority) या भूमि मालिकों को मुआवजे की राशि पर आपत्ति दर्ज करने के लिए सिर्फ तीन महीने का समय मिलेगा। तीन महीने के बाद कोई भी आपत्ति मान्य नहीं होगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने इन संशोधनों का प्रस्ताव रखा है, जिसका उद्देश्य भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) प्रक्रिया को तेज करना और कानूनी विवादों को कम करना है।

नए नियमों से क्या होगा बदलाव?

इन नए प्रस्तावों के अनुसार, सरकार किसी भी राजमार्ग (Highway) के रेल और हवाई मार्ग सहित अन्य परिवहन साधनों के साथ इंटरचेंज को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर सकेगी। इससे मौजूदा और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।

इसके अलावा, नागरिक उड्डयन (Civil Aviation), रेलवे (Railways), रक्षा (Defence), शिपिंग (Shipping), कोयला (Coal) और पर्यावरण (Environment) मंत्रालयों समेत विभिन्न विभागों ने भी इन संशोधनों पर अपनी राय दी है। इन परिवर्तनों का मुख्य उद्देश्य भूमि अधिग्रहण से जुड़ी प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाना और परियोजनाओं में हो रही देरी को कम करना है।

यह भी पढ़े- अब स्टेट हाईवे पर भी लगेगा टोल टैक्स! सरकार के इस फैसले से यात्रियों की जेब पर पड़ेगा सीधा असर

भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में और क्या बदलाव?

सरकार के नए प्रस्तावों के तहत एक ऑनलाइन पोर्टल (Online Portal) बनाया जाएगा, जहां भूमि अधिग्रहण से जुड़ी सभी अधिसूचनाएं (Notifications) सार्वजनिक की जाएंगी। इससे प्रभावित भूमि मालिकों को पारदर्शी तरीके से जानकारी मिल सकेगी और किसी भी तरह की जानकारी की कमी या हेरफेर से बचा जा सकेगा।

साथ ही, सरकार को राजमार्ग निर्माण के दौरान सड़क किनारे सुविधाओं (Roadside Facilities), टोल प्लाजा (Toll Plaza), कार्यालयों और अन्य सार्वजनिक उपयोगिताओं के लिए भूमि अधिग्रहण का अधिकार होगा। यह कदम सड़क विकास परियोजनाओं (Highway Development Projects) को तेजी से पूरा करने में सहायक होगा।

अतिक्रमण पर सख्ती

राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Highways) ने यह भी सुझाव दिया है कि भूमि अधिग्रहण अधिसूचना जारी होने के बाद उस भूमि पर कोई भी नई निर्माण गतिविधि नहीं की जा सकेगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि भूमि मालिक अधिक मुआवजा (Compensation) पाने के लिए जानबूझकर अधिग्रहण की प्रक्रिया के दौरान नए निर्माण कार्य न कर सकें। अक्सर देखा गया है कि अधिक मुआवजे के लिए लोग जमीन पर अस्थायी दुकानें या मकान बनवा लेते हैं, जिससे सरकार को वित्तीय नुकसान होता है और परियोजनाओं में देरी होती है।

हाईवे निर्माण की रफ्तार में आएगी तेजी

नए संशोधनों के लागू होने से हाईवे निर्माण परियोजनाओं में तेजी आने की उम्मीद है। वर्तमान में, भूमि अधिग्रहण से जुड़े कानूनी विवादों और प्रक्रियाओं में देरी के कारण कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटकी पड़ी हैं। प्रस्तावित बदलावों से इन बाधाओं को दूर किया जाएगा और सड़क निर्माण कार्य बिना किसी रुकावट के पूरा हो सकेगा।

इसके अलावा, सरकार की योजना है कि अधिग्रहित भूमि का पूरी तरह से उपयोग सुनिश्चित किया जाए और यदि किसी कारणवश पांच साल के भीतर जमीन का उपयोग नहीं किया जाता है, तो उसे वापस किया जाए। इससे न केवल किसानों (Farmers) और भूमि मालिकों को राहत मिलेगी, बल्कि अनावश्यक भूमि अधिग्रहण पर भी रोक लगेगी।

Leave a Comment