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Muslims Protest on Holi: होलिका दहन के दिन मुसलमान क्यों करेंगे प्रदर्शन? क्या दोहराया जाएगा ‘शाहीन बाग’?

13 मार्च को जब पूरा देश होली मनाएगा, तब मुसलमानों का बड़ा प्रदर्शन क्यों? क्या वक्फ बिल विरोध के नाम पर त्योहार में खलल डालने की साजिश है? जानिए इस विरोध की असली वजह और इसके पीछे की पूरी कहानी!

By Saloni uniyal
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Muslims Protest on Holi: होलिका दहन के दिन मुसलमान क्यों करेंगे प्रदर्शन? क्या दोहराया जाएगा ‘शाहीन बाग’?
Muslims Protest on Holi: होलिका दहन के दिन मुसलमान क्यों करेंगे प्रदर्शन? दोहराया जाएगा ‘शाहीन बाग’?

Muslims Protest on Holi: भारत में होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार होली के दिन मुसलमानों के बड़े प्रदर्शन की योजना चर्चा का विषय बन गई है। 13 मार्च को जब पूरे देश में होलिका दहन होगा, उसी दिन जमात-ए-इस्लामी हिंद (Jamaat-e-Islami Hind) समेत कुछ अन्य मुस्लिम संगठन वक्फ बिल (Waqf Bill) के खिलाफ बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने जा रहे हैं। राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर सहित कई अन्य राज्यों में भी इसका आयोजन होगा।

इस फैसले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह महज संयोग है कि प्रदर्शन की तारीख होली से टकरा रही है, या फिर यह एक सोची-समझी रणनीति है? क्या यह भारत में ‘शाहीन बाग’ जैसे आंदोलन को दोहराने की कोशिश है? इस मुद्दे ने हिंदू संगठनों और आम नागरिकों के बीच चिंता बढ़ा दी है।

क्या है वक्फ बिल, जिसके खिलाफ हो रहा है प्रदर्शन?

मुस्लिम लॉ बोर्ड और अन्य इस्लामिक संगठनों द्वारा होली के दिन विरोध प्रदर्शन की योजना वक्फ बिल के खिलाफ तैयार की गई है। यह बिल भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियंत्रण से संबंधित है। जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सदातुल्लाह हुसैनी ने इस मुद्दे पर कहा कि मुस्लिम समाज के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए यह प्रदर्शन जरूरी है।

लेकिन सवाल यह है कि इस विरोध के लिए होली का ही दिन क्यों चुना गया? क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक या सांप्रदायिक उद्देश्य है, या फिर यह केवल एक संयोग मात्र है?

क्या यह भारत में सांप्रदायिक तनाव भड़काने की साजिश?

इस प्रदर्शन की टाइमिंग पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि इससे पहले भी भारत में ऐसे कई मौके आए हैं जब त्योहारों के दौरान तनाव बढ़ाने की कोशिश की गई।

  • शाहीन बाग आंदोलन (Shaheen Bagh Protest): सीएए-एनआरसी (CAA-NRC) के खिलाफ हुआ यह प्रदर्शन कई महीनों तक चला और राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में ट्रैफिक जाम और जनजीवन बाधित रहा।
  • राम नवमी और हनुमान जयंती पर हिंसा: बीते वर्षों में राम नवमी और हनुमान जयंती के दौरान देश के कई हिस्सों में झड़पें देखने को मिली हैं।
  • धार्मिक स्थलों पर विवाद: कई बार देखा गया है कि कुछ समूह त्योहारों के दौरान जानबूझकर प्रदर्शन करते हैं जिससे सांप्रदायिक माहौल खराब हो।

होलिका दहन के दिन मुसलमानों द्वारा बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने की योजना कहीं न कहीं ऐसे ही तनाव को जन्म देने की आशंका पैदा कर रही है।

क्या पाकिस्तान से प्रेरित है यह मानसिकता?

पाकिस्तान में हिंदुओं के त्योहारों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है, यह किसी से छिपा नहीं है। वहां होली और दिवाली मनाने पर कई जगहों पर प्रतिबंध लगाया जाता है। कट्टरपंथियों के डर से हिंदू खुलकर अपने त्योहार नहीं मना सकते।

  • पाकिस्तानी यूनिवर्सिटी में होली पर पाबंदी: हाल ही में पाकिस्तान की एक यूनिवर्सिटी में होली मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
  • मंदिरों पर हमले: पाकिस्तान में कई बार हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जाता रहा है।
  • हिंदुओं के अधिकारों की अनदेखी: पाकिस्तान में कई ऐसे संगठन हैं जो हिंदुओं के धार्मिक अधिकारों की खिलाफत करते हैं।

अब जब भारत में होली के दिन प्रदर्शन की योजना बनाई गई है, तो सवाल उठ रहा है कि कहीं यह मानसिकता पाकिस्तान से प्रेरित तो नहीं?

क्या होली के दिन प्रदर्शन करना उचित है?

भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है जहां सभी धर्मों को अपने-अपने त्योहार मनाने की स्वतंत्रता है। लेकिन जब किसी एक विशेष धर्म के बड़े त्योहार के दिन विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई जाती है, तो इससे निश्चित रूप से तनाव बढ़ता है।

हिंदू संगठनों का कहना है कि अगर वक्फ बिल के खिलाफ प्रदर्शन करना ही था तो इसे किसी अन्य दिन भी किया जा सकता था। होली के दिन विरोध करने का मतलब यही है कि त्योहार के माहौल में खलल डाला जाए।

क्या दोहराया जाएगा ‘शाहीन बाग’ मॉडल?

यह प्रदर्शन शाहीन बाग आंदोलन की याद दिला रहा है, जहां महीनों तक सड़कों को जाम करके विरोध प्रदर्शन किया गया था। इस बार भी ऐसा ही कुछ देखने को मिल सकता है, जिससे आम जनता को परेशानी हो सकती है।

सवाल यह है कि क्या यह आंदोलन सिर्फ वक्फ बिल तक सीमित रहेगा, या फिर इसे सांप्रदायिक रंग देकर बड़ा मुद्दा बनाया जाएगा? क्या यह एक सुनियोजित रणनीति है जिससे त्योहारों के दिन अशांति फैलाई जाए?

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