ब्रेकिंग न्यूज

Mumbai Local Stations Renamed: 7 रेलवे स्टेशनों के नाम बदले गए! जानें कौन से स्टेशन को मिला नया नाम

ब्रिटिश नाम हटे, अब स्थानीय पहचान को मिला सम्मान! क्या आपका रोज़ का स्टेशन भी इस लिस्ट में है? जानें इस ऐतिहासिक फैसले का हर पहलू, यात्रियों पर असर और सरकार का मकसद – पूरी डिटेल्स यहां पढ़ें!

By Saloni uniyal
Published on

मुंबई, जिसे भारत की आर्थिक राजधानी कहा जाता है, अपने विशाल लोकल ट्रेन नेटवर्क के लिए प्रसिद्ध है। यह नेटवर्क न केवल शहर के लाखों यात्रियों के लिए लाइफलाइन का काम करता है, बल्कि यह मुंबई की पहचान का एक अभिन्न हिस्सा भी है। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के सात प्रमुख लोकल रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का निर्णय लिया है। इस कदम का उद्देश्य ब्रिटिश शासन के दौरान दिए गए नामों को हटाकर स्थानीय इतिहास, धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करना है।

यह भी देखें- नया ट्रैफिक नियम! 90 दिन में चालान नहीं भरा तो सीधा जब्त होगी गाड़ी – जानें पूरा नियम

नाम बदलने के पीछे की वजह

1. ब्रिटिश-युग की विरासत को हटाना

मुंबई के कई रेलवे स्टेशन ब्रिटिश शासनकाल में बनाए गए थे और उनके नाम भी ब्रिटिश शासन की मानसिकता को दर्शाते थे। इन नामों को बदलकर स्थानीय पहचान को प्रमुखता देने की कोशिश की गई है। यह निर्णय ऐतिहासिक धरोहर को सहेजने और औपनिवेशिक प्रभाव को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

2. स्थानीय संस्कृति और पहचान को बढ़ावा देना

मुंबई एक बहुसांस्कृतिक शहर है, जहां विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों और समुदायों की पहचान गहरी जड़ें जमाए हुए है। इस बदलाव के तहत जिन स्टेशनों के नाम बदले गए हैं, वे स्थानीय परंपरा और धार्मिक महत्व को दर्शाते हैं।

उदाहरण:

  • मुंबादेवी: यह नाम मुंबई की संरक्षक देवी मुंबादेवी के मंदिर से प्रेरित है।
  • लालबाग: यह नाम प्रसिद्ध लालबाग गणपति उत्सव और मराठी संस्कृति को दर्शाता है।
  • तीर्थंकर पार्श्वनाथ: यह जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ जी के सम्मान में रखा गया है।

3. धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाना

कई स्टेशनों के नए नाम धार्मिक स्थलों या सांस्कृतिक धरोहरों से प्रेरित हैं, जिससे शहर की विविधता और समृद्ध परंपरा उजागर होती है। यह निर्णय मुंबई की जड़ों से लोगों को जोड़ने और स्थानीय परंपराओं को सम्मानित करने की दिशा में लिया गया है।

यह भी देखें- कौन हैं ईशिका तनेजा? गिनीज बुक में दर्ज है नाम, अब महाकुंभ में संन्यासी बनीं Ishika Taneja

नाम बदलने की प्रक्रिया

महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मंत्री चंद्रकांत पाटिल की अगुवाई में पारित किया गया। इसे राज्य विधानमंडल की सहमति के बाद केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा गया है।

यह पहली बार नहीं है जब मुंबई में स्टेशनों के नाम बदले गए हैं। इससे पहले भी कई प्रतिष्ठित स्टेशनों के नाम बदले गए थे, जैसे:

  • विक्टोरिया टर्मिनस (VT) → छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT)
  • एल्फिन्स्टन रोड → प्रभादेवी
  • ओशिवारा → राम मंदिर

मुंबई लोकल स्टेशन रिनेमिंग का प्रभाव

1. यात्रियों पर प्रभाव

हालांकि, नए नामों को अपनाने में यात्रियों को प्रारंभिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन समय के साथ वे इन परिवर्तनों के आदी हो जाएंगे। रेलवे प्रशासन ने संकेत दिया है कि सभी प्लेटफार्मों, संकेतकों और डिजिटल डिस्प्ले पर नए नाम अपडेट किए जाएंगे।

2. स्थानीय गर्व और सांस्कृतिक पहचान

इन बदलावों से स्थानीय निवासियों में गर्व की भावना बढ़ेगी क्योंकि यह उनके क्षेत्रीय इतिहास और पहचान को सशक्त करेगा। यह निर्णय स्थानीय भाषा और संस्कृति को प्राथमिकता देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

3. पर्यटन पर प्रभाव

कुछ स्टेशनों के नए नाम धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व से जुड़े हैं, जिससे पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। उदाहरण के लिए, मुंबादेवी और तीर्थंकर पार्श्वनाथ जैसे नामों से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक इन स्थानों पर पहुंच सकते हैं।

यह भी देखें- पेट्रोल भरवाने से पहले पंप की मशीन पर चेक करें डेंसिटी, कारण जानकर तो लगेगा जोरदार झटका

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

मुंबई में स्टेशनों के नाम बदलने की परंपरा नई नहीं है। 1995 में बॉम्बे का नाम बदलकर मुंबई किए जाने के बाद से यह सिलसिला जारी है। भारत में अन्य प्रमुख स्थानों के नाम भी बदले गए हैं, जैसे:

  • इलाहाबाद → प्रयागराज
  • हौशंगाबाद → नर्मदापुरम
  • बाबई → माखन नगर

महत्वपूर्ण तथ्य

  • महाराष्ट्र सरकार ने इस प्रस्ताव को मार्च 2024 में मंजूरी दी थी।
  • यह बदलाव पश्चिमी, मध्य और हार्बर लाइनों पर लागू होंगे।
  • राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा है।

Leave a Comment