ब्रेकिंग न्यूज

MP New Liquor Policy: MP की आबकारी नीति में बदलाव, मध्य प्रदेश में इन जगहों पर बंद होंगे शराब के ठेके

मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है! अब 19 धार्मिक स्थलों पर पूरी तरह से शराबबंदी होगी, जबकि पहली बार प्रदेश में ‘लो-अल्कोहलिक बेवरेज बार’ की शुरुआत होने जा रही है। क्या यह नीति राज्य में बड़ा बदलाव लाएगी? जानिए पूरी डिटेल और इसके असर!

By Saloni uniyal
Published on

मध्य प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति की घोषणा की है, जिसके तहत अगले वित्तीय वर्ष से प्रदेश में ‘लो-अल्कोहलिक बेवरेज बार’ खोले जाएंगे। इन बारों में केवल बीयर, वाइन और रेडी-टू-ड्रिंक मादक पेय पदार्थों की अनुमति होगी, जिनमें अल्कोहल की मात्रा अधिकतम 10 प्रतिशत वी/वी होगी। यह पहल राज्य में शराब की उपलब्धता और उपभोग को संतुलित करने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

यह भी देखें- सावधान! ChatGPT और DeepSeek के इस्तेमाल पर रोक, जानें सरकार ने क्यों लिया बड़ा फैसला!

19 पवित्र स्थलों पर शराब की बिक्री प्रतिबंधित

राज्य सरकार ने 19 धार्मिक और पवित्र स्थलों को पूरी तरह से शराब मुक्त क्षेत्र घोषित किया है। इन स्थानों में उज्जैन नगर निगम, ओंकारेश्वर नगर पंचायत, महेश्वर नगर पंचायत, मंडलेश्वर नगर पंचायत, ओरछा नगर पंचायत, मैहर नगर पालिका, चित्रकूट नगर पंचायत, दतिया नगर पालिका, पन्ना नगर पालिका, मंडला नगर पालिका, मुलताई नगर पालिका, मंदसौर नगर पालिका, अमरकंटक नगर पंचायत, सलकनपुर ग्राम पंचायत, बरमान कला ग्राम पंचायत, लिंगा ग्राम पंचायत, बरमान खुर्द ग्राम पंचायत, कुंडलपुर ग्राम पंचायत और बांदकपुर ग्राम पंचायत शामिल हैं।

सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, इन क्षेत्रों में शराब की बिक्री पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी। हालांकि, व्यक्तिगत रूप से बाहर से शराब लाकर सेवन करने पर कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं होगा, क्योंकि मध्य प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू नहीं है।

यह भी देखें- सरकार का बड़ा फैसला! सरकारी कर्मचारी और अधिकारी नहीं जा सकेंगे महाकुंभ, लागू किया गया एस्मा

सीएम मोहन यादव की घोषणा और राजस्व पर प्रभाव

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 23 जनवरी को इस नीति की घोषणा की थी। इस फैसले से सरकार को लगभग 450 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान की संभावना है। हालांकि, सरकार ने यह निर्णय प्रदेश के सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए लिया है।

नई आबकारी नीति के तहत अतिरिक्त प्रावधान

अगले वित्तीय वर्ष से शराब की दुकानों के नवीनीकरण शुल्क में 20 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी, जिससे सरकार को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। हालांकि, हेरिटेज शराब और वाइन उत्पादन नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हेरिटेज शराब निर्माताओं को मूल्य वर्धित कर (वैट) से छूट मिलती रहेगी।

राज्य सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए फल प्रसंस्करण और बागवानी विस्तार को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इसके तहत अंगूर और जामुन के अलावा अन्य फलों और शहद से शराब उत्पादन की अनुमति दी जाएगी।

यह भी देखें- Rules For Playing Music in Car: कार में तेज म्यूजिक बजाया तो हो सकती है जेल! जानें नए ट्रैफिक नियम

विदेशी शराब उत्पादन और खुदरा बिक्री की अनुमति

नई नीति के अनुसार, राज्य में शराब उत्पादन इकाइयों को खुदरा दुकानों के संचालन की अनुमति दी जाएगी। इसके साथ ही, वाइनरी परिसरों में पर्यटकों के लिए वाइन टैवर्न (वाइन चखने की सुविधा) शुरू करने की भी अनुमति दी जाएगी। विदेशी शराब की बोतल बनाने वाली इकाइयों को विशेष शराब के उत्पादन, भंडारण, निर्यात, आयात और बिक्री की भी अनुमति दी जाएगी।

एक अनुमान के अनुसार, मध्य प्रदेश में 3,600 मिश्रित शराब की दुकानें इस वित्तीय वर्ष में लगभग 15,200 करोड़ रुपये का राजस्व लाएंगी। नई नीति से शराब व्यवसाय में नई संभावनाएं खुलेंगी, जबकि धार्मिक स्थलों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं।

Leave a Comment