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दुनिया के इन पहाड़ों पर चढ़ाई की नहीं मिलती परमिशन! हैरान करेगा कारण

दुनिया में कई ऐसे पर्वत हैं जिन्हें अब तक कोई फतह नहीं कर पाया, क्योंकि वहां चढ़ना कानूनन या धार्मिक कारणों से मना है। जानिए क्यों इन ऊंचाइयों तक पहुंचना आज भी सपना बना हुआ है।

By Saloni uniyal
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दुनिया के इन पहाड़ों पर चढ़ाई की नहीं मिलती परमिशन! हैरान करेगा कारण
दुनिया के इन पहाड़ों पर चढ़ाई की नहीं मिलती परमिशन! हैरान करेगा कारण

दुनिया भर में पर्वतारोहण (Mountaineering) एक साहसी खेल और रोमांच का प्रतीक रहा है। आपने अक्सर सुना होगा कि पर्वतारोही एवरेस्ट से लेकर अंटार्कटिका के दुर्गम पर्वतों तक को फतह कर लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसे भी पर्वत हैं जहां पर्वतारोहियों को चढ़ने की अनुमति (Permission) नहीं दी जाती है? इनमें माउंट कैलाश (Mount Kailash), कंचनजंघा (Kanchenjunga) और गंगखार पुएनसुम (Gang Khar Puensum) जैसे पर्वत शामिल हैं। ये पर्वत धार्मिक मान्यताओं, पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय परंपराओं के चलते आम लोगों की पहुंच से दूर हैं। आइए विस्तार से जानते हैं उन पर्वतों के बारे में, जहां चढ़ाई आज भी वर्जित है।

माउंट कैलाश: आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक

माउंट कैलाश (Mount Kailash) न सिर्फ हिंदू धर्म के लिए, बल्कि जैन, बौद्ध और बोंपो परंपरा के अनुयायियों के लिए भी अत्यंत पवित्र स्थल है। हर साल हजारों श्रद्धालु इस पर्वत के दर्शन के लिए कठिन यात्रा करते हैं। कहा जाता है कि यह भगवान शिव का निवास स्थान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पर्वत पर चढ़ना एक पाप माना जाता है। साथ ही, वैज्ञानिक तौर पर भी इसे अत्यधिक खतरनाक और रहस्यमयी पर्वत माना गया है। यही कारण है कि चीन सरकार ने यहां पर्वतारोहण पर स्थायी रोक लगा रखी है। माउंट कैलाश आज भी एक ऐसा रहस्य है जिसे कोई फतह नहीं कर पाया है।

गंगखार पुएनसुम: दुनिया का सबसे ऊंचा अनक्लाइम्बड पर्वत

भूटान (Bhutan) स्थित गंगखार पुएनसुम (Gang Khar Puensum) दुनिया का सबसे ऊंचा ऐसा पर्वत है जिस पर आज तक कोई मानव कदम नहीं रख पाया है। इसकी ऊंचाई 7,570 मीटर से अधिक है। भूटान सरकार ने वर्ष 1994 में एक कानून लागू किया जिसके तहत 6,000 मीटर से अधिक ऊंचे पर्वतों पर चढ़ाई पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया। इसके पीछे धार्मिक आस्थाएं भी हैं; स्थानीय लोग मानते हैं कि यह पर्वत देवताओं का निवास स्थान है। नतीजतन, आज तक गंगखार पुएनसुम पर किसी को भी चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई है और यह पर्वत अपनी जादुई रहस्यमयता के साथ आज भी अछूता है।

कंचनजंघा: देवताओं का निवास

भारत के सिक्किम (Sikkim) राज्य में स्थित कंचनजंघा (Kanchenjunga) को स्थानीय लोग अत्यंत पवित्र मानते हैं। यह भारत का सबसे ऊंचा और दुनिया का तीसरा सबसे ऊंचा पर्वत है। एक समय था जब पर्वतारोहियों को यहां चढ़ने की अनुमति थी और कई अभियानों ने सफलतापूर्वक इसकी चोटियों को छुआ भी था। लेकिन सिक्किम सरकार ने धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए अब यहां पर्वतारोहण (Climbing) पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। स्थानीय संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से यह निर्णय लिया गया, जिससे कंचनजंघा आज भी अपनी अलौकिकता के साथ सजीव प्रतीत होता है।

माछापुच्छरे: शिव का घर

नेपाल (Nepal) में स्थित माछापुच्छरे (Machapuchare) पर्वत भी उन स्थानों में शामिल है जहां आम लोगों को चढ़ाई की अनुमति नहीं है। माछापुच्छरे का अर्थ है ‘मछली की पूंछ’, और इसकी अनूठी आकृति इसे दूर से ही पहचानने योग्य बनाती है। गुरुंग समुदाय और हिंदू श्रद्धालु इस पर्वत को भगवान शिव का निवास मानते हैं। नेपाल सरकार ने धार्मिक मान्यताओं और स्थानीय समुदायों के सम्मान में इस पर्वत पर किसी भी तरह के पर्वतारोहण अभियानों पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसलिए माछापुच्छरे पर्वत आज भी अपने अद्भुत सौंदर्य और पवित्रता के साथ सुरक्षित है।

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