
Meat Sale Ban for Nine Days: मध्य प्रदेश के सतना जिले की धार्मिक नगरी मैहर, जो मां शारदा के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, वहां चैत्र नवरात्रि के अवसर पर 30 मार्च से 7 अप्रैल 2025 तक मांस, मछली और अंडे की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। यह फैसला जिला प्रशासन द्वारा लिया गया है ताकि नवरात्रि के दौरान धार्मिक वातावरण की पवित्रता बनी रहे और श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान किया जा सके।
नवरात्रि के दौरान मैहर में भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। प्रशासन का मानना है कि इस समय पूरे शहर को आध्यात्मिक और धार्मिक वातावरण के अनुरूप बनाए रखना जरूरी है। ऐसे में Non Veg Sale Ban in Maihar का यह आदेश स्थानीय धार्मिक भावनाओं को प्राथमिकता देने का एक प्रयास है।
एसडीएम का बयान: धार्मिक भावनाओं का सम्मान सर्वोपरि
इस संबंध में एसडीएम विकास सिंह ने स्पष्ट किया कि चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व के दौरान शहर में किसी भी प्रकार का मांस, मछली या अंडा न तो बेचा जाएगा और न ही खुलेआम प्रदर्शित किया जाएगा। यह आदेश नगर की शांति और धार्मिक मर्यादा बनाए रखने की दृष्टि से लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि यह निर्णय स्थायी नहीं है, बल्कि नवरात्रि की अवधि तक सीमित रहेगा।
एसडीएम ने यह भी कहा कि शहर के सभी पुलिस थानों, सार्वजनिक स्थलों और प्रशासनिक कार्यालयों में इस आदेश की प्रति चस्पा की जाएगी और ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से इसका प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा ताकि लोगों को इस नियम की पूरी जानकारी हो।
नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई
प्रशासन ने इस आदेश के उल्लंघन को गंभीरता से लेने की चेतावनी दी है। यदि कोई दुकानदार या व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता पाया गया, तो भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का कहना है कि यह केवल एक धार्मिक प्रतिबंध नहीं है, बल्कि सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने का एक अहम कदम भी है।
एसडीएम ने स्थानीय दुकानदारों से अपील की है कि वे आदेश का पालन करें और प्रशासन को सहयोग दें। वहीं स्थानीय पुलिस को भी इस आदेश का सख्ती से पालन करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
नवरात्रि में मैहर की विशेष धार्मिक महत्ता
मैहर को मां शारदा की नगरी कहा जाता है। नवरात्रि के दौरान यहां हजारों श्रद्धालु मैहर देवी मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। इस दौरान मंदिर और आसपास का क्षेत्र पूर्णतः आध्यात्मिक माहौल में डूबा रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए हर वर्ष इस प्रकार के निर्णय लिए जाते हैं ताकि श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था को कोई ठेस न पहुंचे।
मैहर में नवरात्रि का पर्व विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होती है और कई श्रद्धालु नवरात्रि के पूरे नौ दिन व्रत रखते हैं। ऐसे में मांसाहार की बिक्री न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करती है बल्कि व्रतधारियों के लिए भी असहजता का कारण बन सकती है।
शहर की जनता और व्यापारियों की प्रतिक्रियाएं
मैहर के स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने भी इस निर्णय का स्वागत किया है। कुछ दुकानदारों ने बताया कि वे हर वर्ष नवरात्रि के दौरान स्वेच्छा से मांस की बिक्री बंद कर देते हैं, ताकि श्रद्धालुओं की आस्था और शहर की परंपरा को बनाए रखा जा सके। हालांकि, कुछ व्यापारियों ने यह भी कहा कि उन्हें अस्थायी नुकसान होगा, लेकिन धार्मिक अवसर पर यह एक छोटा त्याग है।
स्थानीय निवासी दीपक त्रिपाठी ने कहा, “यह बहुत अच्छा निर्णय है। नवरात्रि के दौरान पूरा शहर एक तीर्थ स्थल की तरह लगता है। मांसाहार पर रोक से माहौल और अधिक पवित्र हो जाता है।”
प्रशासन की तैयारी और निगरानी
प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस आदेश का पालन करवाने के लिए विशेष निगरानी दल गठित किए जाएंगे। ये दल नियमित रूप से बाजारों, दुकानों और होटलों का निरीक्षण करेंगे ताकि कोई भी आदेश का उल्लंघन न कर सके। यदि किसी दुकान या रेस्टोरेंट में नॉनवेज मिलने की शिकायत मिलती है, तो तत्काल जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि प्रतिबंध केवल नवरात्रि की अवधि तक ही लागू रहेगा और 7 अप्रैल के बाद यह स्वतः समाप्त हो जाएगा।