
सुकन्या समृद्धि योजना-Sukanya Samriddhi Yojana और महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट-Mahila Samman Saving Certificate दोनों ही भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही बचत योजनाएं हैं, जो महिलाओं और बेटियों के आर्थिक भविष्य को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई हैं। दोनों स्कीमों में आकर्षक ब्याज दरें और टैक्स छूट के फायदे मिलते हैं, लेकिन यह जानना जरूरी है कि आपके लिए कौन-सी योजना ज्यादा बेहतर हो सकती है।
सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत और उद्देश्य
सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनवरी 2015 में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत की गई थी। इस योजना का उद्देश्य बेटियों के लिए एक सुरक्षित वित्तीय भविष्य तैयार करना है। यह योजना केवल बालिकाओं के लिए है और इसे 10 वर्ष से कम उम्र की लड़की के नाम पर ही खोला जा सकता है। इस स्कीम में माता-पिता या कानूनी अभिभावक खाता खोल सकते हैं।
इस योजना में न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये सालाना निवेश किया जा सकता है। निवेश की अवधि 15 वर्ष की है, जबकि मैच्योरिटी 21 वर्ष में होती है। मौजूदा समय में इस योजना पर सरकार 8.2% सालाना की दर से ब्याज दे रही है, जो तिमाही आधार पर चक्रवृद्धि होता है।
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महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट: नई लेकिन आकर्षक योजना
महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट योजना को केंद्रीय बजट 2023-24 में पेश किया गया था। इसे विशेष रूप से महिलाओं और बालिकाओं के लिए शुरू किया गया है, ताकि वे छोटी-छोटी बचत कर एक सुरक्षित पूंजी जमा कर सकें। यह योजना दो साल की अवधि के लिए लागू की गई है, यानी 31 मार्च 2025 तक कोई भी महिला इसमें निवेश कर सकती है।
इस स्कीम में न्यूनतम 1,000 रुपये और अधिकतम 2 लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकता है। मौजूदा ब्याज दर 7.5% सालाना है, जो निवेश के दो वर्षों के बाद मैच्योरिटी के समय एकमुश्त रूप में मिलता है। यह योजना वन टाइम निवेश पर आधारित है और इसमें तिमाही चक्रवृद्धि नहीं होता।
ब्याज दरों की तुलना में कौन है आगे
अगर बात करें ब्याज दर की, तो सुकन्या समृद्धि योजना फिलहाल 8.2% की दर से ब्याज प्रदान कर रही है, जबकि महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट पर 7.5% का निश्चित ब्याज मिलता है। इस लिहाज से सुकन्या योजना थोड़ी आगे है, लेकिन यहां निवेश की अवधि लंबी है जबकि महिला सम्मान योजना में केवल दो साल का लॉक-इन पीरियड है।
टैक्स लाभ में किसे मिलता है फायदा
सुकन्या समृद्धि योजना को ईईई (EEE) श्रेणी में रखा गया है, जिसका अर्थ है कि इसमें निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट—तीनों पर टैक्स छूट मिलती है। यह लाभ आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत दिया जाता है।
महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट में निवेश पर फिलहाल कोई टैक्स छूट का सीधा प्रावधान नहीं है, लेकिन इसमें अर्जित ब्याज टैक्सेबल होता है। हालांकि, दो साल की छोटी अवधि और निश्चित रिटर्न इसे उन महिलाओं के लिए आकर्षक बनाता है जो कम समय में सुरक्षित और स्थिर मुनाफा चाहती हैं।
किस योजना को चुनना है सही?
यह निर्भर करता है निवेशक की जरूरतों, उम्र और वित्तीय लक्ष्य पर। यदि आप अपनी बेटी की शिक्षा या शादी के लिए लंबी अवधि का फंड तैयार करना चाहते हैं, तो सुकन्या समृद्धि योजना ज्यादा लाभकारी हो सकती है। वहीं, अगर आप खुद महिला हैं और दो साल में सुनिश्चित रिटर्न चाहती हैं, तो महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट एक बेहतरीन विकल्प है।
सुकन्या योजना लंबी अवधि के लिए है, जिसमें टैक्स छूट और उच्च ब्याज दोनों मिलते हैं, लेकिन इसमें निवेश केवल बेटी के नाम पर ही हो सकता है। दूसरी ओर, महिला सम्मान योजना में कोई आयु सीमा नहीं है और यह सभी महिलाओं के लिए उपलब्ध है। इसके अलावा, महिला सम्मान योजना का प्रोसेस सरल और निवेश सीमा भी लचीली है।
दोनों योजनाओं का सामाजिक पहलू
इन दोनों योजनाओं का एक बड़ा पहलू सामाजिक सुरक्षा से भी जुड़ा है। जहां सुकन्या योजना बेटियों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अहम कदम है, वहीं महिला सम्मान योजना महिलाओं को अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने और आत्मनिर्भर बनने का अवसर देती है। यह सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा प्रयास है।