
JEE Main April 2025 को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (National Testing Agency – NTA) द्वारा हाल ही में जारी की गई आंसर की (Answer Key) के बाद स्टूडेंट्स और विषय विशेषज्ञों ने इस बार के पेपर में कई सवालों में गड़बड़ी होने का दावा किया है। उनका कहना है कि कई सवालों के उत्तर गलत दिए गए हैं, जिससे लाखों छात्रों का भविष्य प्रभावित हो सकता है। यह स्थिति ऐसे समय में सामने आई है जब लाखों छात्र जेईई मेन परीक्षा के नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और आंसर की को अंतिम मानकर अपनी रैंकिंग और कटऑफ का अंदाजा लगा रहे हैं।
गलत उत्तरों पर उठा सवाल, छात्रों में बढ़ा असंतोष
जेईई मेन अप्रैल 2025 सेशन के विभिन्न शिफ्टों के पेपरों में छात्रों और कोचिंग संस्थानों के विशेषज्ञों ने कई सवालों में त्रुटियां पाई हैं। उनका कहना है कि कुछ सवालों के विकल्प ही गलत हैं, वहीं कुछ में सही उत्तर होते हुए भी आंसर की में अलग उत्तर दर्शाया गया है। छात्रों ने सोशल मीडिया और विभिन्न कोचिंग फोरम्स पर इस मुद्दे को जमकर उठाया है।
कुछ छात्रों ने तो एनटीए को ईमेल के माध्यम से शिकायत भी भेजी है और साक्ष्य के तौर पर विषय विशेषज्ञों द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण भी जोड़े हैं। उनका कहना है कि अगर इन गलतियों को ठीक नहीं किया गया तो उनकी ऑल इंडिया रैंक (AIR) और कटऑफ पर असर पड़ेगा।
विषय विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
कोचिंग संस्थान Allen, FIITJEE और Resonance के विषय विशेषज्ञों का कहना है कि फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के कुछ सवालों में गंभीर तकनीकी और कांसेप्चुअल गड़बड़ियां हैं।
एक वरिष्ठ फैकल्टी मेंबर ने बताया, “मैथ्स के सेक्शन में एक सवाल ऐसा था जिसमें सभी दिए गए विकल्प गलत थे। ऐसे में स्टूडेंट्स को या तो सवाल छोड़ना पड़ा या गलत उत्तर चुनना पड़ा। वहीं, फिजिक्स के एक सवाल का सही उत्तर आंसर की में गलत दिखाया गया है, जो पूरी तरह से कॉन्सेप्ट के खिलाफ है।”
NTA की प्रक्रिया और छात्रों की उम्मीद
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने जेईई मेन अप्रैल 2025 की आंसर की 14 अप्रैल की शाम को जारी की थी। इसके साथ ही NTA ने छात्रों को आपत्तियाँ दर्ज कराने की सुविधा भी प्रदान की है। छात्र 16 अप्रैल तक संबंधित सवालों पर आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
हालांकि, इस बार छात्रों की शिकायतों की संख्या पहले की तुलना में अधिक है। इससे यह आशंका और भी गहरी हो गई है कि आंसर की में गंभीर त्रुटियाँ हैं, जिन्हें यदि समय रहते नहीं सुधारा गया तो हजारों छात्रों की मेहनत पर पानी फिर सकता है।
रैंकिंग और कटऑफ पर असर की आशंका
जेईई मेन की परीक्षा सिर्फ कॉलेज में एडमिशन का जरिया नहीं है, बल्कि इसके आधार पर छात्रों को भारत के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला मिलता है। अगर आंसर की में गलती रह जाती है, तो इसका असर सीधे तौर पर छात्रों की ऑल इंडिया रैंकिंग, कटऑफ और यहां तक कि उनके IIT-JEE Advanced में बैठने की पात्रता पर भी पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार की परीक्षा में यदि विवादित सवालों की संख्या ज्यादा हुई तो NTA को स्कोरिंग पद्धति में बदलाव करना पड़ सकता है या फिर विवादित प्रश्नों को ड्रॉप (drop) करना पड़ सकता है।
सोशल मीडिया पर तेज हुई बहस
आंसर की आने के कुछ ही घंटों बाद ट्विटर (अब X), फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर छात्रों और कोचिंग एक्सपर्ट्स की पोस्ट्स की भरमार हो गई। कई स्टूडेंट्स ने स्क्रीनशॉट्स और प्रश्नों के हल के साथ वीडियो शेयर किए हैं जिनमें वे यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि उत्तर गलत हैं।
कुछ पेरेंट्स ने भी इस पर चिंता जताई है और कहा कि लाखों छात्रों का करियर इन परीक्षाओं पर निर्भर करता है, ऐसे में इतनी बड़ी एजेंसी से ऐसी लापरवाही बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
NTA की जिम्मेदारी और पारदर्शिता की चुनौती
हर साल लाखों छात्र जेईई मेन परीक्षा में बैठते हैं और NTA की जिम्मेदारी होती है कि वह इस परीक्षा को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित करे। लेकिन बार-बार आंसर की में गलतियों के आने से इसकी साख पर असर पड़ता है।
छात्रों और विशेषज्ञों की यह मांग है कि NTA को इन सभी आपत्तियों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और जहां भी आवश्यक हो, वहां सुधार कर अंतिम आंसर की को सही रूप में जारी करना चाहिए। साथ ही, यदि कोई तकनीकी खामी सामने आती है तो उसके लिए उपयुक्त समाधान भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
परीक्षा की प्रतिष्ठा और छात्रों का भविष्य दांव पर
JEE Main न केवल भारत की सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक है, बल्कि यह तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर भी प्रदान करती है। ऐसे में इस तरह की त्रुटियाँ छात्रों की न केवल मानसिक स्थिति पर असर डालती हैं, बल्कि उन्हें निष्पक्ष अवसर से भी वंचित कर सकती हैं।
एनटीए को चाहिए कि वह छात्र हितों को प्राथमिकता दे और जल्द से जल्द इस विवाद का समाधान कर छात्रों को आश्वस्त करे कि उनकी मेहनत के साथ कोई अन्याय नहीं होगा।