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पीएम मोदी ने दिया नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एयरस्ट्राइक ने उड़ाया पाकिस्तान का घमंड

22 अप्रैल के पहलगाम हमले के जवाब में भारत की निर्णायक कार्रवाई, राफेल विमानों की घातक स्ट्राइक से 9 आतंकी ठिकाने तबाह, पीएम मोदी ने दिया कड़ा संदेश आतंक को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब! पढ़िए पूरी कहानी।

By Saloni uniyal
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पीएम मोदी ने दिया नाम 'ऑपरेशन सिंदूर' एयरस्ट्राइक ने उड़ाया पाकिस्तान का घमंड
पीएम मोदी ने दिया नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एयरस्ट्राइक ने उड़ाया पाकिस्तान का घमंड

7 मई 2025 को भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर एक सटीक और संगठित एयरस्ट्राइक की। यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam) में हुए भीषण आतंकी हमले की प्रतिक्रिया थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी। यह हमला देश की सुरक्षा और संप्रभुता के खिलाफ एक गंभीर चुनौती था, जिसके जवाब में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए यह सैन्य अभियान शुरू किया।

ऑपरेशन सिंदूर: उद्देश्य, रणनीति और प्रतीकात्मकता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया, जो न केवल भारत के वीर शहीदों के प्रति सम्मान को दर्शाता है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ देश की जीरो टॉलरेंस नीति (Zero Tolerance Policy) का भी प्रतीक है। इस ऑपरेशन का उद्देश्य था आतंकी संगठनों के प्रशिक्षण शिविरों और ठिकानों को पूरी तरह खत्म करना ताकि भविष्य में इस प्रकार के हमलों को रोका जा सके।

इस रणनीतिक ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने अत्याधुनिक राफेल (Rafale) लड़ाकू विमानों का उपयोग किया। ये विमान SCALP क्रूज़ मिसाइल और AASM हैमर बमों से लैस थे, जो सर्जिकल स्ट्राइक से भी आगे जाकर लक्ष्य को सटीकता से नष्ट करने की क्षमता रखते हैं। महज 23 मिनट चले इस ऑपरेशन में पूरे नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया गया।

लक्ष्य पर हमला: कहां हुई स्ट्राइक और किन पर थी नजर

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने बहावलपुर, मुरिदके, कोटली, मुजफ्फराबाद, भिंबर, सियालकोट और टेहरा कलां जैसे नौ महत्वपूर्ण स्थानों को निशाना बनाया। इन स्थानों पर लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba), जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) और हिज्बुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के शिविर और लॉजिस्टिक केंद्र स्थित थे। खुफिया एजेंसियों के इनपुट और सैटेलाइट निगरानी के आधार पर की गई इस स्ट्राइक ने आतंकियों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान पहुंचाया।

तकनीकी शक्ति और सैन्य रणनीति का संगम

ऑपरेशन सिंदूर आधुनिक सैन्य रणनीति और तकनीकी दक्षता का उत्कृष्ट उदाहरण था। इसमें भारत ने राफेल जैसे 4.5 जनरेशन के लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया, जो अत्यधिक गतिशीलता, लंबी दूरी की स्ट्राइक क्षमता और उच्च सुरक्षा प्रणाली से लैस हैं। SCALP मिसाइलों ने 500 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी से अपने लक्ष्य को ध्वस्त किया, वहीं हैमर बमों ने बंकरों और भूमिगत शिविरों को भी नेस्तनाबूद किया। इस पूरे ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना के पायलटों ने उच्चतम स्तर की व्यावसायिकता और धैर्य का परिचय दिया।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय दबाव

पाकिस्तान ने भारत की इस सैन्य कार्रवाई को “युद्ध की घोषणा” करार दिया और दावा किया कि उसने पांच भारतीय विमानों को मार गिराया है। हालांकि भारत ने इस दावे का खंडन किया है और इसे पाकिस्तान का झूठा प्रचार बताया है। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भारतीय सीमावर्ती क्षेत्रों में गोलीबारी की, जिसमें तीन नागरिकों की मौत हुई।

इस घटना के बाद संयुक्त राष्ट्र (UN), अमेरिका (USA), चीन (China) और रूस (Russia) जैसे वैश्विक शक्तियों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई आत्मरक्षा और अपने नागरिकों की सुरक्षा के उद्देश्य से की गई थी, न कि युद्ध को बढ़ावा देने के लिए।

पीएम मोदी का राष्ट्र को संबोधन और भविष्य की रणनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, “हमारे शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। भारत आतंक के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगा और अपने नागरिकों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा।” उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि आतंकवाद की ओर से कोई नई चुनौती आती है, तो भारत उसके विरुद्ध और अधिक कठोर कदम उठाने को तैयार है।

मोदी सरकार की यह कार्रवाई भारतीय रक्षा नीति में एक निर्णायक मोड़ को दर्शाती है, जिसमें सीमापार आतंकवाद के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया गया है। यह न केवल सैन्य ताकत का प्रदर्शन है, बल्कि राजनीतिक इच्छाशक्ति का भी स्पष्ट संकेत है।

ऑपरेशन सिंदूर: एक वैश्विक संदेश

ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सुरक्षा नीति में दृढ़ता और सटीकता का परिचय दिया है। इस ऑपरेशन ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत अब केवल रक्षात्मक नीति पर भरोसा नहीं करता, बल्कि समय आने पर वह आक्रामक और रणनीतिक जवाब देने में भी सक्षम है। इस कार्रवाई ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश दिया कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security), सीमा अखंडता (Territorial Integrity) और नागरिकों की जान की रक्षा के लिए किसी भी सीमा तक जा सकता है।

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