
Income Tax को लेकर अगर आप किराये पर रहते हैं और हर महीने 50,000 रुपये से ज्यादा किराया चुकाते हैं, तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। इनकम टैक्स विभाग ने किरायेदारों के लिए सख्त नियम बनाए हैं, जिनका पालन न करने पर सीधा नोटिस घर आ सकता है। दरअसल, इनकम टैक्स एक्ट की धारा 194-IB के तहत यह प्रावधान किया गया है कि अगर किसी किरायेदार का मासिक किराया ₹50,000 से अधिक है, तो उसे 2% TDS (Tax Deducted at Source) काटकर सरकार को जमा करना होगा।
किरायेदार की जिम्मेदारी बनती है TDS भरना
अब तक की आम धारणा यही रही है कि TDS सिर्फ कंपनियां या बड़े व्यवसाय करते हैं, लेकिन अब आम व्यक्ति जो किराये पर रहता है, उसकी भी जिम्मेदारी बनती है कि वह तय सीमा से ज्यादा किराया देने पर 2 फीसदी TDS काटकर सरकार को जमा करे। यह नियम इसलिए लाया गया है ताकि टैक्स चोरी को रोका जा सके और किराये की आमदनी पारदर्शी रहे।
नियम का पालन नहीं किया तो जुर्माना और ब्याज लगेगा
अगर आपने तय सीमा के अनुसार TDS नहीं काटा या काटने के बाद समय पर जमा नहीं किया, तो Income Tax विभाग की नजर आप पर पड़ सकती है। ऐसे में आपको हर महीने 1 फीसदी ब्याज और देरी से जमा करने पर 1.5 फीसदी का अतिरिक्त ब्याज देना पड़ सकता है। इसके साथ ही फॉर्म 26QC को देरी से भरने पर ₹200 प्रतिदिन का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप समय रहते अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
मकान मालिक का PAN नंबर देना जरूरी
TDS जमा करते समय एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि मकान मालिक का PAN नंबर फॉर्म में देना अनिवार्य है। अगर आपने PAN नंबर नहीं दिया या गलत PAN नंबर डाला, तो धारा 206AA के तहत TDS की दर सीधे 2% से बढ़कर 20% हो जाएगी। यानी टैक्स भरने की लागत भी कई गुना बढ़ सकती है। इसके अलावा, अगर मकान मालिक NRI (गैर-निवासी भारतीय) हैं, तो टैक्स की दर और बढ़कर 30% तक हो सकती है।
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सिर्फ एक महीने का किराया ज्यादा हुआ तो भी लागू होगा नियम
यह नियम सिर्फ पूरे साल के किराये पर लागू नहीं होता, बल्कि अगर साल में सिर्फ एक महीने के लिए भी किराया ₹50,000 से ज्यादा हुआ है, तो भी TDS काटना अनिवार्य है। यानी किसी भी महीने की चूक आपको परेशानी में डाल सकती है। इसलिए किराये की रसीद और भुगतान का सही रिकॉर्ड रखना बहुत जरूरी है।
TDS जमा करने की प्रक्रिया क्या है?
अगर आप साल भर किराये पर रहते हैं, तो आपको फाइनेंशियल ईयर (31 मार्च) खत्म होने के 30 दिन के भीतर TDS जमा करना होगा। वहीं अगर आप साल के बीच में ही घर बदल लेते हैं, तो महीने के खत्म होने के 7 दिन के अंदर TDS जमा करना अनिवार्य है। इसके लिए आपको इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाकर फॉर्म 26QC भरना होता है। इस फॉर्म में किराये और TDS से जुड़ी सभी डिटेल्स भरनी होती हैं।
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मकान मालिक को देना होता है फॉर्म 16C
TDS जमा करने के बाद आपको 15 दिन के भीतर मकान मालिक को फॉर्म 16C देना होता है। यह एक तरह का सर्टिफिकेट होता है जो यह प्रमाणित करता है कि किरायेदार ने मकान मालिक की ओर से टैक्स काटकर सरकार को जमा कर दिया है। यह दस्तावेज बाद में टैक्स रिटर्न में भी काम आता है।
टैक्स छूट लेने वालों को विशेष सावधानी जरूरी
कई लोग Income Tax Return (ITR) फाइल करते समय House Rent Allowance (HRA) की छूट लेते हैं, लेकिन अगर आपने TDS नहीं काटा, तो यह दावा गलत साबित हो सकता है और आपको टैक्स छूट नहीं मिल पाएगी। साथ ही, विभाग द्वारा आपकी फाइल की गई जानकारी को गलत मानकर नोटिस भेजा जा सकता है।
जागरूकता से बच सकते हैं बड़ी परेशानी से
सरकार का उद्देश्य आम आदमी को परेशान करना नहीं, बल्कि टैक्स नियमों के प्रति जागरूक करना है। अगर आप सही समय पर अपनी टैक्स जिम्मेदारियां निभाते हैं, तो आप बड़े जुर्माने और कानूनी झंझट से बच सकते हैं। यह एक छोटी सी सावधानी आपको आने वाली बड़ी परेशानी से बचा सकती है।