
ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) एक बेहद जरूरी कानूनी दस्तावेज है, जो यह प्रमाणित करता है कि वाहन चालक को सड़क पर वाहन चलाने की अनुमति प्राप्त है। भारत में यह दस्तावेज रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) या रिजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (RTA) द्वारा जारी किया जाता है। इसमें लाइसेंस धारक की तस्वीर, व्यक्तिगत विवरण और एक यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर (URN) होता है। आज के डिजिटल युग में सवाल उठता है—क्या अब घर बैठे भी ड्राइविंग लाइसेंस बन सकता है? इस लेख में आपको ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ी पूरी जानकारी मिलेगी, जैसे ऑनलाइन आवेदन कैसे करें, कौन कर सकता है आवेदन, कितनी लगती है फीस और किन दस्तावेजों की होती है जरूरत।
कौन कर सकता है ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन?
मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के अनुसार भारत में ड्राइविंग लाइसेंस (DL) बनवाने की न्यूनतम उम्र 18 साल तय की गई है। हालांकि, कुछ विशेष मामलों में 16 वर्ष की आयु के बाद भी लाइसेंस प्राप्त किया जा सकता है, बशर्ते आवेदनकर्ता केवल 50CC से कम क्षमता वाले दोपहिया वाहन जैसे स्कूटी या हल्की बाइक चलाने का इच्छुक हो। इसके लिए अभिभावकों की लिखित अनुमति अनिवार्य होती है।
ड्राइविंग लाइसेंस के प्रकार
भारत में तीन प्रकार के ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाते हैं।
पहला, लर्निंग लाइसेंस, जो अस्थायी होता है और वाहन चलाने की शुरुआती अनुमति देता है।
दूसरा, परमानेंट लाइसेंस, जो आपको पूरी तरह से सड़क पर वाहन चलाने की अधिकारिक अनुमति देता है।
तीसरा, कमर्शियल लाइसेंस, जो पेशेवर या व्यावसायिक उद्देश्यों से वाहन चलाने वालों के लिए अनिवार्य होता है, जैसे ट्रक या कैब ड्राइवर।
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
अब आप Driving License के लिए घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://sarathi.parivahan.gov.in पर जाना होगा। यहां आपको अपने राज्य का चयन करना होता है। फिर लर्निंग लाइसेंस के विकल्प पर क्लिक करें।
इसके बाद आधार डिटेल्स, एड्रेस प्रूफ और अन्य जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होते हैं। मोबाइल नंबर पर OTP आता है, जिसे भरकर आगे की प्रक्रिया पूरी की जाती है। ऑनलाइन पेमेंट के बाद आवेदन सबमिट हो जाता है। लर्निंग लाइसेंस लगभग 7 दिनों में आपके रजिस्टर्ड पते पर भेज दिया जाता है।
ध्यान दें, परमानेंट लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आपको RTO ऑफिस में जाकर ड्राइविंग टेस्ट पास करना होता है।
लर्निंग और परमानेंट लाइसेंस के बीच की प्रक्रिया
लर्निंग लाइसेंस की वैधता 6 महीने की होती है। इस अवधि के भीतर आवेदक को ड्राइविंग टेस्ट देना होता है। इस टेस्ट में आपको अपने ड्राइविंग स्किल्स का प्रदर्शन करना होता है। इसमें ब्रेकिंग, पार्किंग, रिवर्सिंग और ट्रैफिक रूल्स की समझ की जांच होती है। टेस्ट पास करने के बाद ही परमानेंट DL जारी किया जाता है।
ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता और नवीनीकरण (Renewal)
भारत में एक बार जारी हुआ ड्राइविंग लाइसेंस 20 वर्षों तक या लाइसेंस धारक के 40 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) वैध रहता है। इसके बाद, यह 10 वर्षों के लिए रिन्यू होता है और फिर हर 5 साल में इसका नवीनीकरण कराना पड़ता है। अगर आपकी वैधता समाप्त हो चुकी है, तो एक साल के भीतर रिन्यू कराने पर ड्राइविंग टेस्ट फिर से देना पड़ता है।
जरूरी दस्तावेज
Driving License के लिए आवेदन करते समय निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होती है—
आधार कार्ड की कॉपी, एड्रेस प्रूफ, पासपोर्ट साइज फोटो और पूरा भरा हुआ एप्लिकेशन फॉर्म।
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की फीस कितनी लगती है?
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की कुल फीस लगभग ₹950 तक होती है, जो अलग-अलग घटकों में बंटी होती है।
लर्निंग लाइसेंस के लिए ₹150,
ड्राइविंग टेस्ट के लिए ₹300,
स्मार्ट कार्ड DL के लिए ₹200,
परमानेंट लाइसेंस जारी करने के लिए ₹200 और
रिन्यूअल के लिए ₹200 तक शुल्क लिया जाता है।
हालांकि, कुछ राज्यों में यह शुल्क अलग-अलग हो सकता है, यह स्थानीय RTO पर निर्भर करता है।
ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू न कराने पर क्या होता है?
अगर आपका DL एक्सपायर हो गया है और आपने एक साल तक उसका नवीनीकरण नहीं करवाया है, तो वह लाइसेंस पूरी तरह रद्द (कैंसिल) हो सकता है। ऐसी स्थिति में आपको फिर से नया लाइसेंस बनवाना पड़ता है, जिसमें पूरा आवेदन और टेस्ट प्रक्रिया दोबारा करनी होती है।
एक्सपायर DL पर कब तक नहीं कटता चालान?
यदि आपका Driving License एक्सपायर हो गया है, तो भी वह 30 दिनों तक वैध माना जाता है। इस अवधि में यदि आपको ट्रैफिक पुलिस पकड़ती है, तो चालान नहीं काटा जाएगा। लेकिन इस 30 दिन के भीतर लाइसेंस रिन्यू कराना आवश्यक है। इस दौरान नवीनीकरण की फीस भी नहीं लगती। 30 दिन बाद विलंब शुल्क (Late Fee) लगाई जाती है।