
किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके आधार कार्ड-Aadhaar Card, पैन कार्ड-PAN Card, वोटर आईडी-Voter ID और पासपोर्ट-Passport जैसे दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल एक गंभीर समस्या बन सकता है। कई बार धोखाधड़ी करने वाले इन दस्तावेजों का उपयोग फर्जी लेन-देन, नए सिम कार्ड एक्टिवेट करने या फर्जी आईडी बनाने जैसे कार्यों के लिए कर लेते हैं। ऐसे में मृतक के परिजनों और कानूनी उत्तराधिकारियों के लिए यह जानना जरूरी है कि किन कानूनी प्रक्रियाओं के माध्यम से इन दस्तावेजों को निष्क्रिय या सुरक्षित किया जा सकता है।
आधार कार्ड (Aadhaar Card) के दुरुपयोग से कैसे बचें
भारत में यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) द्वारा फिलहाल किसी मृतक व्यक्ति के आधार कार्ड को स्थायी रूप से रद्द (Deactivate) करने की कोई सीधी व्यवस्था नहीं है। हालांकि, आप मृतक के आधार कार्ड को लॉक कर सकते हैं ताकि उसकी बायोमेट्रिक जानकारी का दुरुपयोग न हो सके।
इसके लिए UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट uidai.gov.in पर जाएं। वहां ‘Lock/Unlock Biometrics’ विकल्प उपलब्ध है। इस विकल्प के जरिए आप आधार से जुड़ी फिंगरप्रिंट और आईरिस डेटा को लॉक कर सकते हैं। एक बार लॉक करने के बाद उस आधार कार्ड का इस्तेमाल फिंगरप्रिंट सत्यापन या किसी भी आधार आधारित सेवा में नहीं किया जा सकेगा।
यह प्रक्रिया आधार की गोपनीयता और सुरक्षा को सुनिश्चित करती है और यह मृतक के दस्तावेजों को सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पैन कार्ड (PAN Card) को कैसे रद्द करें
मृतक के पैन कार्ड का दुरुपयोग टैक्स चोरी, फर्जी बैंक खाता खोलने या अन्य अवैध गतिविधियों में किया जा सकता है। इसलिए जैसे ही किसी की मृत्यु होती है, उनके पैन कार्ड को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
इस प्रक्रिया के लिए मृतक के परिजनों को संबंधित क्षेत्र के आयकर अधिकारी को एक लिखित आवेदन देना होता है जिसमें मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate), उनका PAN नंबर और कानूनी उत्तराधिकारी (Legal Heir) का विवरण शामिल होता है। साथ ही, यह भी जरूरी है कि मृतक के नाम से जुड़े सभी बैंक खाते, निवेश और अन्य वित्तीय दस्तावेजों को पहले बंद या ट्रांसफर कर दिया जाए।
अगर मृतक ने कोई संपत्ति छोड़ी है, तो उत्तराधिकारी को उस पर दावा करते समय पैन कार्ड से संबंधित कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी होती है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि किसी भी वित्तीय लेन-देन में मृतक के नाम का गलत उपयोग न हो।
वोटर आईडी (Voter ID) को कैसे निष्क्रिय करें
चुनाव आयोग ने इस विषय में एक स्पष्ट प्रक्रिया निर्धारित कर रखी है। यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उनके वोटर आईडी को रजिस्टर से हटवाने के लिए फॉर्म-7 भरना होता है। यह फॉर्म चुनाव आयोग की वेबसाइट या स्थानीय निर्वाचन कार्यालय में उपलब्ध होता है।
फॉर्म-7 के साथ मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र और पहचान पत्र की कॉपी भी जमा करनी होती है। इसके बाद निर्वाचन कार्यालय उस वोटर को संबंधित निर्वाचन सूची से हटा देता है।
इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी मृत व्यक्ति की वोटर आईडी का इस्तेमाल मतदान या अन्य पहचान संबंधी मामलों में न कर सके। इससे मतदाता सूची भी अद्यतन रहती है और चुनाव की पारदर्शिता बनी रहती है।
पासपोर्ट (Passport) को रद्द करने की प्रक्रिया
पासपोर्ट एक अंतरराष्ट्रीय यात्रा दस्तावेज होता है, जिसका दुरुपयोग गंभीर सुरक्षा खतरे उत्पन्न कर सकता है। भारत सरकार की ओर से पासपोर्ट को रद्द करने की कोई सीधी प्रक्रिया नहीं है, लेकिन पासपोर्ट की वैधता खत्म होने के बाद वह स्वतः अमान्य हो जाता है।
हालांकि, यदि मृतक के परिजनों को लगता है कि पासपोर्ट का दुरुपयोग हो सकता है, तो वे स्थानीय पासपोर्ट कार्यालय को सूचित कर सकते हैं और पासपोर्ट को जमा कर सकते हैं या रद्दी मानकर सुरक्षित स्थान पर रख सकते हैं। साथ ही, मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति भी कार्यालय को सौंप सकते हैं ताकि रिकॉर्ड में मृतक का पासपोर्ट निष्क्रिय कर दिया जाए।
यह कदम विशेष रूप से उन मामलों में जरूरी होता है जहां मृतक किसी विदेशी देश में रहा हो या उसके नाम से अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों की आशंका हो।