
NEET UG 2025 की परीक्षा सिर पर है और ऐसे में मेडिकल करियर का सपना देख रहे लाखों छात्रों के मन में यह सवाल लगातार घूमता है—MBBS के लिए NEET में कितने नंबर लाने पर सरकारी कॉलेज मिल सकता है? यह सवाल हर साल नीट की तैयारी कर रहे छात्रों के बीच सबसे अधिक पूछा जाता है, खासकर उन स्टूडेंट्स के लिए जो मेडिकल एजुकेशन को अफोर्डेबल तरीके से हासिल करना चाहते हैं। इस आर्टिकल के जरिए हम इस अहम सवाल का विस्तार से जवाब देने जा रहे हैं।
NEET UG 2025 की परीक्षा कब होगी?
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यानी NEET UG 2025 का आयोजन 4 मई को किया जाएगा। अब जबकि परीक्षा में सिर्फ कुछ ही दिन शेष रह गए हैं, छात्रों की तैयारी अपने चरम पर है। इस बार भी लाखों उम्मीदवार डॉक्टर बनने की चाह में इस परीक्षा में हिस्सा लेंगे। नीट परीक्षा कुल 720 अंकों की होती है और इसी स्कोर के आधार पर छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन मिलता है।
MBBS के लिए NEET में कितने नंबर जरूरी हैं?
यह जानना बेहद जरूरी है कि MBBS में एडमिशन के लिए NEET में कितने अंक लाने की आवश्यकता होती है, खासकर अगर लक्ष्य सरकारी कॉलेज है। आमतौर पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए कटऑफ स्कोर काफी ऊंचा होता है।
सामान्य (General) वर्ग के छात्रों को MBBS में सरकारी सीट पाने के लिए लगभग 650 अंक या उससे अधिक लाने की आवश्यकता होती है। यह कटऑफ हर साल छात्रों की संख्या, परीक्षा की कठिनाई और सीटों की उपलब्धता के आधार पर थोड़ा ऊपर-नीचे हो सकती है।
ओबीसी (OBC) वर्ग के छात्रों के लिए यह कटऑफ थोड़ी कम होती है। उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए लगभग 610 अंक लाने की आवश्यकता होती है। वहीं,
SC और ST वर्ग के उम्मीदवारों को MBBS के लिए सरकारी सीट पाने हेतु 560 अंक या उससे अधिक स्कोर करना होता है।
सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या और सीटें
नीट यूजी परीक्षा के जरिए पूरे देश में 766 मेडिकल कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में दाखिला मिलता है। इन कॉलेजों में से 423 सरकारी और 343 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं।
इन सभी कॉलेजों में मिलाकर 1 लाख से अधिक MBBS सीटें उपलब्ध हैं। सरकारी मेडिकल कॉलेजों की सीटों की संख्या सीमित है, लेकिन इनकी लोकप्रियता सबसे अधिक है क्योंकि इनका शुल्क बहुत कम होता है।
सबसे ज्यादा MBBS सीटें कहां हैं?
नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के अनुसार, MBBS के लिए सबसे ज्यादा सीटें कर्नाटक में हैं। इसके बाद दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश आता है, जहां 12,415 सीटें हैं। यह आँकड़े यह दर्शाते हैं कि यूपी और कर्नाटक जैसे राज्यों में सरकारी कॉलेज की सीटें अधिक हैं, जिससे यहां के छात्रों के लिए सरकारी सीट मिलने की संभावना भी थोड़ी बेहतर होती है।
नीट कटऑफ स्कोर कैसे तय होता है?
NEET की कटऑफ स्कोर को तय करने में कई कारक काम करते हैं, जैसे:
- परीक्षा का कठिनाई स्तर
- परीक्षार्थियों की कुल संख्या
- कुल उपलब्ध सीटों की संख्या
- श्रेणीवार आरक्षण नीतियाँ
इन सबके आधार पर हर वर्ष अलग-अलग श्रेणियों के लिए अलग-अलग कटऑफ तय की जाती है।
नीट की तैयारी में क्या रखें ध्यान?
अब जबकि NEET UG 2025 की परीक्षा नजदीक है, छात्रों को चाहिए कि वे मॉक टेस्ट, पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र और रिवीजन पर ज्यादा फोकस करें। टाइम मैनेजमेंट और सटीक उत्तर देने की कला इस परीक्षा में सफलता की कुंजी है। साथ ही, एनसीईआरटी (NCERT) बुक्स पर विशेष ध्यान देना बेहद जरूरी है क्योंकि नीट का सिलेबस इन पुस्तकों पर आधारित होता है।