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इन्वर्टर बैटरी का पानी कब बदलना चाहिए? जानें कितने दिन में करना है मेंटेनेंस

अगर आप नहीं जानते कि इन्वर्टर बैटरी का पानी कब चेक करना है और कैसे मेंटेनेंस करना है, तो आपकी बैटरी जल्द खराब हो सकती है। जानिए हर यूजर के लिए जरूरी ये जानकारी, जिससे आपकी बैटरी चले सालों-साल बिना किसी परेशानी के।

By Saloni uniyal
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इन्वर्टर बैटरी का पानी कब बदलना चाहिए? जानें कितने दिन में करना है मेंटेनेंस
इन्वर्टर बैटरी का पानी कब बदलना चाहिए? जानें कितने दिन में करना है मेंटेनेंस

इन्वर्टर बैटरी की देखरेख (Inverter Battery Maintenance) एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसे नजरअंदाज करने पर आपको न सिर्फ बिजली बैकअप की समस्या हो सकती है, बल्कि बैटरी की उम्र भी घट सकती है। खासकर गर्मियों के मौसम में, जब बिजली कटौती आम हो जाती है, तब इन्वर्टर और उसकी बैटरी की अहमियत और बढ़ जाती है। ऐसे में एक सवाल जो लगभग हर घर में पूछा जाता है, वह यह है— इन्वर्टर की बैटरी का पानी कितने दिन बाद बदलना चाहिए? आइए इस सवाल का जवाब विस्तार से समझते हैं।

इन्वर्टर बैटरी का पानी बदलते नहीं, रिफिल किया जाता है

यह समझना जरूरी है कि इन्वर्टर की बैटरी का पानी (Battery Water) असल में बदला नहीं जाता, बल्कि समय-समय पर उसका लेवल चेक कर के रिफिल किया जाता है। इन्वर्टर बैटरी लीड-एसिड टाइप की होती है जिसमें डिस्टिल्ड वॉटर (Distilled Water) डाला जाता है। यह पानी बैटरी के अंदर इलेक्ट्रोलाइट्स के साथ मिलकर काम करता है और बैटरी की परफॉर्मेंस को बनाए रखता है।

कितने दिनों बाद करें बैटरी वॉटर की जांच?

बैटरी के पानी की जांच का समय इस बात पर निर्भर करता है कि इन्वर्टर का उपयोग कितना हो रहा है। अगर इन्वर्टर का इस्तेमाल ज्यादा होता है, तो बैटरी भी अधिक एक्टिव रहती है और पानी जल्दी खत्म हो सकता है। आमतौर पर हर 2 से 3 महीने में बैटरी के पानी का लेवल जरूर चेक करना चाहिए। यह एक सामान्य गाइडलाइन है, लेकिन आपको अपने इन्वर्टर और बैटरी के निर्माता द्वारा दिए गए निर्देशों को भी ध्यान में रखना चाहिए।

कैसे जानें कि बैटरी में पानी भरने की जरूरत है?

इन्वर्टर बैटरी में दो निशान बने होते हैं— मिनिमम और मैक्सिमम लेवल इंडिकेटर। ये संकेत करते हैं कि बैटरी में पानी का स्तर किस हद तक है। जब पानी का लेवल मिनिमम निशान से नीचे आ जाता है, तब यह संकेत होता है कि अब पानी रिफिल करना जरूरी है।

बैटरी के अंदर की प्लेटें अगर हवा में दिखने लगें, तो यह बैटरी को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में तुरंत डिस्टिल्ड वॉटर डालें और सुनिश्चित करें कि पानी का लेवल मिनिमम और मैक्सिमम के बीच में रहे।

किस तरह का पानी डालें बैटरी में?

बैटरी में सिर्फ डिस्टिल्ड वॉटर का ही प्रयोग करें। नल का पानी, आरओ (RO) वाटर या बोतलबंद मिनरल वाटर बैटरी के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं, क्योंकि इनमें मौजूद खनिज और अशुद्धियां बैटरी के अंदर के रासायनिक संतुलन को बिगाड़ सकते हैं। इससे बैटरी की क्षमता और जीवनकाल दोनों प्रभावित हो सकते हैं।

पानी भरते समय बरतें ये सावधानियां

इन्वर्टर बैटरी में पानी भरते समय कुछ जरूरी सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है। सबसे पहले, हमेशा दस्ताने (Gloves) पहनकर काम करें ताकि आपकी त्वचा पर कोई एसिड या रसायन न लगे। दूसरा, पानी को धीरे-धीरे भरें और मैक्सिमम लेवल से अधिक न भरें। ज्यादा पानी भरने से बैटरी में ओवरफ्लो हो सकता है, जिससे बैटरी और इन्वर्टर दोनों को नुकसान पहुंच सकता है।

बैटरी का ढक्कन (Cap) खोलने और बंद करने में सावधानी रखें, और पानी भरने के बाद उसे ठीक से बंद करें ताकि कोई लीकेज या गैस लीक होने की आशंका न रहे।

क्यों जरूरी है बैटरी में समय-समय पर पानी भरना?

इन्वर्टर की बैटरी अगर सही तरीके से मेंटेन न की जाए, तो उसकी परफॉर्मेंस धीरे-धीरे घटने लगती है। पानी की कमी से बैटरी जल्दी गर्म होने लगती है, और इससे बैटरी की प्लेटें खराब हो सकती हैं। इसके अलावा, बार-बार लो बैकअप या इन्वर्टर बार-बार बीप करने लगे, तो यह संकेत हो सकता है कि बैटरी में पानी की कमी है।

इसलिए, समय-समय पर बैटरी के पानी की जांच और रिफिल करना, बैटरी की लाइफ को बढ़ाता है और बिजली कटौती के समय राहत देता है।

निर्माता के निर्देशों का पालन है बेहद जरूरी

हर बैटरी और इन्वर्टर ब्रांड के अपने-अपने निर्देश होते हैं, जिन्हें फॉलो करना बहुत जरूरी है। चाहे वह Exide, Luminous या Amaron जैसी कोई भी कंपनी हो, उनकी मैनुअल गाइड को पढ़ें और उसी के अनुसार मेंटेनेंस करें। इससे न सिर्फ आपकी बैटरी ज्यादा समय तक चलेगी, बल्कि किसी भी तरह की तकनीकी परेशानी से भी बचा जा सकेगा।

बिजली बचत और पर्यावरण की दृष्टि से भी अहम है देखरेख

इन्वर्टर और बैटरी की देखरेख न केवल बैकअप की क्वालिटी को बनाए रखती है, बल्कि यह रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) और बिजली की खपत को संतुलित रखने में भी मदद करती है। एक सही ढंग से काम कर रही बैटरी कम समय में चार्ज होती है और ज्यादा समय तक बैकअप देती है, जिससे आपके बिजली के बिल पर भी असर पड़ता है।

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