
Chardham Yatra 2025 की शुरुआत 30 अप्रैल से होने जा रही है, लेकिन इसके पहले ही रूट पर मौजूद कई ढाबे और होटल प्रशासन की चिंता का कारण बनते जा रहे हैं। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिलों में स्थित चारधाम मार्ग पर कुछ ढाबे और होटल बिना पहचान पत्र या फर्जी पहचान से संचालित किए जा रहे हैं। इससे न केवल सुरक्षा पर सवाल उठते हैं, बल्कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग ने कई ऐसे मामलों की जांच शुरू कर दी है, जहां रजिस्ट्रेशन या वैध कागजात के बिना व्यावसायिक गतिविधियां चलाई जा रही हैं। Chardham Yatra 2025 को लेकर सरकार पहले ही कई सख्त नियम जारी कर चुकी है, ताकि यात्रियों की संख्या और सुरक्षा व्यवस्था पर नियंत्रण रखा जा सके।
ढाबे-होटल्स बिना वैध पहचान के कर रहे संचालन
चारधाम यात्रा मार्ग पर संचालित हो रहे ढाबों और होटलों में से कई बिना वैध आईडी या गलत दस्तावेजों के माध्यम से चलाए जा रहे हैं। रुद्रप्रयाग के पुलिस अधिकारियों ने हाल ही में एक सर्वे में पाया कि कई जगहों पर न तो मालिकों की पूरी जानकारी उपलब्ध है और न ही स्टाफ का सत्यापन किया गया है।
ऐसे में यह चिंता का विषय बन गया है कि यदि कोई असामाजिक तत्व इन जगहों पर छिपकर रह रहा हो, तो वह यात्रा के दौरान बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है। Chardham Yatra 2025 जैसे विशाल धार्मिक आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था सबसे अहम मानी जाती है।
पुलिस और प्रशासन ने शुरू की सख्ती
उत्तराखंड पुलिस और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए उन सभी होटलों और ढाबों की लिस्ट तैयार की है जो बिना पंजीकरण चल रहे हैं। साथ ही एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है, जहां आम लोग भी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना दे सकते हैं।
Chardham Yatra 2025 को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यात्रा मार्ग पर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके तहत ढाबों, होटलों और टेंट व्यवसायियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे सभी दस्तावेज अपलोड करें और अपने स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन कराएं।
पहले भी मिल चुके हैं अवैध रूप से काम कर रहे लोग
यह पहली बार नहीं है जब चारधाम मार्ग पर इस तरह की समस्या सामने आई हो। पिछले वर्षों में भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जहां बाहरी राज्यों से आए लोग फर्जी पहचान के साथ काम कर रहे थे। कुछ मामलों में आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के भी प्रमाण मिले थे।
Chardham Yatra 2025 जैसे आयोजन में लाखों की संख्या में श्रद्धालु हर साल पहुंचते हैं। ऐसे में इन यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। प्रशासन इस बार कोई रिस्क नहीं लेना चाहता और इसलिए यात्रा शुरू होने से पहले ही एक बड़ा ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
पहचान सत्यापन को लेकर सख्त दिशा-निर्देश
Chardham Yatra 2025 के दौरान किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए प्रशासन ने पहचान सत्यापन को अनिवार्य कर दिया है। सभी ढाबा मालिकों, होटल व्यवसायियों और टेंट लगाने वालों को अपनी पहचान, पते, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों को लोकल प्रशासन के साथ साझा करना होगा।
इसके अलावा, वर्कर्स और कर्मचारियों के बायोडाटा, स्थायी पते और पुलिस वेरिफिकेशन भी अनिवार्य कर दिया गया है। यदि कोई व्यवसायी इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
तकनीकी समाधान और डिजिटल ट्रैकिंग की तैयारी
Chardham Yatra 2025 को सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन तकनीकी समाधानों का सहारा ले रहा है। जीपीएस ट्रैकिंग, फेस रिकग्निशन कैमरे और डिजिटल एंट्री सिस्टम जैसे उपायों को लागू किया जा रहा है, जिससे यात्रियों की मूवमेंट को मॉनिटर किया जा सके और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत पकड़ा जा सके।
प्रशासन का कहना है कि सिर्फ धार्मिक भावना के नाम पर किसी भी ढीली सुरक्षा व्यवस्था को मंजूरी नहीं दी जा सकती। इस बार डिजिटल ट्रैकिंग के जरिए ढाबा और होटल मालिकों पर सीधी नजर रखी जाएगी।
श्रद्धालुओं को करना होगा पंजीकरण
Chardham Yatra 2025 में भाग लेने वाले हर श्रद्धालु को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। इसके बिना यात्रा मार्ग पर प्रवेश नहीं मिलेगा। उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने एक आधिकारिक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी है, जहां यात्री अपनी यात्रा की तिथि और डिटेल्स भरकर एक ई-पास प्राप्त कर सकते हैं।
यह ई-पास हर चेकपोस्ट पर दिखाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा यात्रियों को यात्रा बीमा भी करवाने की सलाह दी जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति में उन्हें आर्थिक मदद मिल सके।
यात्रा की तैयारियों को लेकर सरकार अलर्ट
Chardham Yatra 2025 को सफल बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार कई विभागों के साथ मिलकर काम कर रही है। स्वास्थ्य, पर्यटन, पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग के साथ समन्वय बनाकर एक व्यापक प्लान तैयार किया गया है।
यात्रा मार्ग पर हेल्थ चेकअप कैंप, मोबाइल मेडिकल यूनिट, हेल्प डेस्क और 24×7 कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा सड़क किनारे यात्रियों के लिए विश्रामगृह, शुद्ध पेयजल और आपातकालीन सेवा की भी तैयारी की जा रही है।