
ATM कार्ड, जिसे डेबिट कार्ड (Debit Card) भी कहा जाता है, आजकल लगभग हर बैंक खाता धारक के पास होता है। लोग इसे सामान्यत: पैसे निकालने या ऑनलाइन पेमेंट जैसे लेन-देन के लिए इस्तेमाल करते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी होती है कि ATM कार्ड के साथ एक और बड़ा फायदा जुड़ा होता है – Accidental Insurance Cover। यह कवर कई बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के दिया जाता है, लेकिन जानकारी के अभाव में 99% लोग इसका लाभ नहीं उठा पाते।
क्या होता है ATM कार्ड पर मिलने वाला बीमा?
ATM या Debit कार्ड के साथ मिलने वाला बीमा, दरअसल एक Accidental Death Insurance होता है। इसका मतलब है कि यदि किसी कार्डधारक की मृत्यु किसी दुर्घटना (Accident) के कारण होती है, तो उसके परिवार को बीमा राशि के रूप में लाखों रुपये तक मिल सकते हैं। यह बीमा कवर Personal Accident Cover के तहत आता है, और खास बात यह है कि इसके लिए कार्डधारक को कोई प्रीमियम नहीं देना होता।
SBI सहित कई बैंक देते हैं इंश्योरेंस कवर
भारत के प्रमुख बैंक जैसे कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), एचडीएफसी बैंक (HDFC), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI), यूनियन बैंक (Union Bank), और बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) अपने ATM कार्डधारकों को यह सुविधा प्रदान करते हैं। यह बीमा उन परिस्थितियों में मिलता है जब ग्राहक की मृत्यु किसी सड़क दुर्घटना या हवाई दुर्घटना में होती है।
SBI डेबिट कार्ड्स पर कितना इंश्योरेंस कवर मिलता है?
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) अपने डेबिट कार्ड्स के अनुसार बीमा कवर प्रदान करता है। यह जानकारी 1 मई 2025 को बैंक की आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त की गई है। SBI के विभिन्न कार्ड्स के तहत मिलने वाले बीमा की राशि इस प्रकार है:
SBI Gold (MasterCard/VISA) कार्ड पर नॉन-एयर दुर्घटना में ₹2 लाख और एयर दुर्घटना में ₹4 लाख तक का कवर मिलता है। SBI Platinum कार्ड पर यह राशि बढ़कर नॉन-एयर दुर्घटना के लिए ₹5 लाख और एयर दुर्घटना के लिए ₹10 लाख तक हो जाती है। यदि आप SBI VISA Signature या MasterCard World Debit Card धारक हैं, तो आपको नॉन-एयर दुर्घटना पर ₹10 लाख और एयर दुर्घटना पर ₹20 लाख तक का कवर मिल सकता है।
कब मिलेगा यह इंश्योरेंस कवर?
- यह Accidental Insurance Cover कुछ शर्तों पर आधारित होता है, जिन्हें पूरा करना अनिवार्य है।
- पहली शर्त यह है कि दुर्घटना की तारीख से पहले के 90 दिनों में कार्ड से कम-से-कम एक वित्तीय लेन-देन (जैसे ATM से पैसे निकालना या किसी दुकान पर POS मशीन से खरीदारी) होना चाहिए।
- दूसरी शर्त है कि मृत्यु दुर्घटना के कारण हुई हो, न कि किसी बीमारी या स्वाभाविक कारण से।
- तीसरी और सबसे अहम शर्त यह है कि दुर्घटना में मृत्यु के बाद अधिकतम 90 दिनों के भीतर बीमा क्लेम बैंक में दर्ज कराना होगा। इन तीनों में से यदि कोई भी शर्त पूरी नहीं होती है, तो बीमा क्लेम अमान्य माना जाएगा।
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जानकारी की कमी बनी सबसे बड़ी समस्या
यह देखा गया है कि लाखों लोग जिनके पास ATM कार्ड हैं, उन्हें इस बीमा के बारे में कोई जानकारी नहीं होती। एक काल्पनिक मगर संभावित उदाहरण लें—राजू, जो एक मजदूर था और उसके पास एक सरकारी बैंक का ATM कार्ड था। एक सड़क दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गई, लेकिन उसके परिवार को यह मालूम ही नहीं था कि वे बीमा क्लेम कर सकते हैं। जब तक उन्हें इस बारे में जानकारी मिली, तब तक 90 दिनों की समयसीमा समाप्त हो चुकी थी। यही कारण है कि इस सुविधा की जानकारी हर कार्डधारक तक पहुंचना बेहद जरूरी है।
कैसे जानें आपके कार्ड पर कितना बीमा है?
अगर आप जानना चाहते हैं कि आपके ATM कार्ड पर कितना बीमा कवर है, तो आपको सीधे अपने बैंक से संपर्क करना चाहिए। हर बैंक की वेबसाइट पर यह जानकारी दी जाती है, या फिर आप कस्टमर केयर से बात करके भी जान सकते हैं कि आपके कार्ड पर कितना और किस प्रकार का इंश्योरेंस लागू होता है।
क्यों छुपाई जाती है यह जानकारी?
इस विषय पर कोई आधिकारिक बयान तो नहीं है, लेकिन आमतौर पर बैंक इस सुविधा को उतनी प्रमुखता से नहीं बताते जितनी जरूरत होती है। हो सकता है कि क्लेम प्रक्रिया और शर्तें जटिल होने के कारण बैंक स्वयं भी इसे प्रमोट नहीं करते। लेकिन यह जरूरी है कि ग्राहक अपने हक और सुविधाओं की जानकारी खुद हासिल करें।