
हरियाणा सरकार ने आगामी 31 मार्च सोमवार को ईद-उल-फितर पर राजकीय अवकाश घोषित किया था, लेकिन उसी दिन शाम को एक नया आदेश जारी करके सरकार ने इस फैसले को पलट दिया। सरकार के इस फैसले से प्रदेशभर में असमंजस का माहौल बन गया। जारी की गई अधिसूचना के अनुसार अब सोमवार को सरकारी छुट्टी नहीं होगी। इसके बदले इस दिन को अनुसूची-2 के तहत प्रतिबंधित अवकाश घोषित किया गया है। मतलब साफ है, सरकारी दफ्तर सामान्य रूप से खुलेंगे।
वित्तीय वर्ष के समापन के कारण बदला फैसला
सरकार ने फैसले को बदलने की मुख्य वजह बताते हुए कहा है कि 31 मार्च वित्तीय वर्ष 2024-25 का अंतिम दिन है। 29 मार्च शनिवार तथा 30 मार्च रविवार होने के कारण लगातार तीन दिन की छुट्टियों से वित्तीय वर्ष का अंतिम कामकाज और अकाउंट्स क्लोजिंग प्रभावित हो सकती थी। वित्तीय लेन-देन, विभागीय ऑडिट और आवश्यक प्रशासनिक कार्यों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने छुट्टी रद्द करने का फैसला लिया है।
कर्मचारियों में फैली निराशा और असमंजस
छुट्टी रद्द करने के इस अचानक फैसले से सरकारी कर्मचारियों के बीच निराशा है। गुरुवार की सुबह सरकार द्वारा ईद पर छुट्टी की घोषणा के बाद कर्मचारियों ने अपने निजी कार्यक्रम उसी के अनुरूप तय कर लिए थे। शाम तक सरकार द्वारा छुट्टी को वापस लेने से कर्मचारियों की योजनाएं अचानक बिगड़ गईं। कर्मचारी संघों का कहना है कि सरकार को यह निर्णय लेने से पहले जरूरी तथ्यों पर ठीक से विचार करना चाहिए था, ताकि कर्मचारियों को असुविधा का सामना न करना पड़े।
विपक्षी दलों का सरकार पर हमला
विपक्षी पार्टियों ने सरकार के इस कदम को प्रशासनिक कमजोरी का सबूत बताया है। विपक्ष के अनुसार सरकार के पास फैसलों में स्पष्टता की कमी है, जिसके कारण इस तरह के असमंजस और विवाद सामने आते रहते हैं। विपक्ष का कहना है कि ईद जैसे त्योहार पर अचानक छुट्टी वापस लेकर सरकार ने समुदाय विशेष की भावनाओं को भी आहत किया है। विपक्षी नेताओं ने इसे प्रशासनिक चूक बताते हुए कहा कि सरकार इस मामले में संवेदनशीलता नहीं दिखा पाई है।
सरकार की सफाई: निर्णय धार्मिक भावना के खिलाफ नहीं
हालांकि सरकार ने अपनी तरफ से सफाई देते हुए कहा है कि इस फैसले के पीछे किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने की मंशा नहीं है। सरकार के अनुसार, ईद-उल-फितर का पूरा सम्मान किया जा रहा है और कर्मचारी चाहें तो व्यक्तिगत स्तर पर प्रतिबंधित अवकाश लेकर त्योहार मना सकते हैं। सरकार का यह भी कहना है कि वित्तीय वर्ष का समापन होने की वजह से महत्वपूर्ण काम प्रभावित न हों, इसलिए यह फैसला मजबूरीवश लेना पड़ा।
बाजारों में ईद की तैयारियां जारी, उत्साह बरकरार
छुट्टी के अचानक रद्द होने से प्रदेश के मुस्लिम समुदाय में निराशा जरूर है, पर बाजारों में त्योहार की खरीदारी और तैयारियां सामान्य रूप से चल रही हैं। सरकारी छुट्टी न होने की वजह से कुछ लोग काम के बाद त्योहार मनाएंगे या व्यक्तिगत छुट्टी लेंगे। त्योहार के उत्साह और रौनक में किसी तरह की कमी नहीं आई है। बाजारों में चहल-पहल देखी जा रही है और ईद को लेकर आम लोग अपनी खरीदारी में व्यस्त हैं।
सोशल मीडिया पर सरकार के फैसले की आलोचना
हरियाणा सरकार के अचानक लिए गए इस फैसले की सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है। लोग दो हिस्सों में बंट गए हैं; कुछ इसे प्रशासनिक चूक बता रहे हैं, जबकि अन्य सरकार की मजबूरी को सही ठहरा रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं दी हैं, लेकिन ज्यादातर लोग मान रहे हैं कि सरकार को पहले ही सतर्कता और योजना बनाकर छुट्टी का ऐलान करना चाहिए था।
भविष्य के लिए प्रशासनिक सतर्कता जरूरी
इस पूरे घटनाक्रम से सरकार को प्रशासनिक तौर पर सतर्कता बरतने का एक महत्वपूर्ण सबक मिला है। आने वाले समय में धार्मिक त्योहारों और महत्वपूर्ण प्रशासनिक तिथियों के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए बेहतर प्लानिंग की आवश्यकता है। भविष्य में ऐसे किसी विवाद से बचने के लिए सरकार को सावधानीपूर्वक फैसले लेने होंगे।