
पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच BSF Order to Farmers on Pahalgam Conflicts को लेकर भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक रहने वाले नागरिकों को अलर्ट कर दिया गया है। भारतीय सेना कभी भी कार्रवाई कर सकती है, इसी आशंका को देखते हुए सीमावर्ती गांवों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इस बीच अमृतसर के अटारी-वाघा बॉर्डर के पास स्थित गांवों में गुरुद्वारों से किसानों के लिए एक अहम घोषणा की गई है, जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया है।
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गुरुद्वारा साहिब से किसानों के लिए आपातकालीन घोषणा
अटारी सीमा से सटे रोडावाला गांव के गुरुद्वारा साहिब में गांव के सरपंच तरसेम सिंह ने बीएसएफ (BSF) अधिकारियों के निर्देशों के आधार पर घोषणा की। इसमें बताया गया कि जिन किसानों की जमीन सीमा के तारों के पार है, उन्हें दो दिन के भीतर अपनी फसल काटनी होगी। इसके बाद सीमा को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा और किसी भी किसान को खेतों में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। गुरुद्वारा साहिब के बाबा ने उपस्थित ग्रामीणों को इस आदेश की गंभीरता को समझाया और तुरंत कार्रवाई करने की अपील की।
तारों के पार खेती: किसानों के लिए मुश्किल घड़ी
रोड़ावाला गांव के सरपंच तरसेम सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया, “हमें बीएसएफ अधिकारियों से स्पष्ट निर्देश मिले हैं कि जिन किसानों की जमीन बाड़ के उस पार है, वे दो दिन के भीतर फसल काट लें। इसके बाद गेट बंद कर दिया जाएगा और किसी को भी वहां जाने की अनुमति नहीं होगी। यह समय मुश्किल भरा है, लेकिन हम बीएसएफ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। देश की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
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किसानों ने तेजी से शुरू की फसल कटाई
घोषणा के बाद सीमावर्ती गांवों में किसानों ने तेजी से फसल कटाई का काम शुरू कर दिया है। हरदेव सिंह, जो खुद एक किसान हैं, ने बताया, “हमारी जमीन बाड़ के उस पार है। बीएसएफ के आदेश मिलते ही हमने तुरंत फसल काटनी शुरू कर दी। पहलगाम आतंकी हमला बेहद शर्मनाक घटना है और हम राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बीएसएफ के हर आदेश का पालन करने को तैयार हैं।” किसानों का कहना है कि वे देश के लिए हरसंभव सहयोग करने को तैयार हैं।
दो दिन में फसल काटने की चुनौती
हालांकि, किसानों के लिए दो दिन की समय सीमा में फसल काटना एक बड़ी चुनौती है। सीमावर्ती क्षेत्रों में अधिकतर किसानों की आजीविका उन खेतों पर निर्भर करती है, जो सीमा के उस पार बाड़ के पीछे स्थित हैं। समय की कमी और फसल की मात्रा को देखते हुए यह काम बेहद कठिन है। फिर भी, किसानों का उत्साह और देशभक्ति देखने लायक है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है और हर आदेश का पालन अनिवार्य है।
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पहलगाम हमले के बाद बढ़ी सुरक्षा
Pahalgam Terror Attack के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है। बीएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गश्त और सुरक्षा प्रोटोकॉल को और सख्त कर दिया है। यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बीएसएफ का उद्देश्य किसी भी प्रकार की घुसपैठ या आतंकी गतिविधि को समय रहते रोकना है।
राष्ट्रीय एकता और जिम्मेदारी का समय
गांवों में फैली हलचल के बावजूद, हर किसान और नागरिक राष्ट्रीय एकता का उदाहरण पेश कर रहा है। फसल काटने के लिए दिन-रात काम किया जा रहा है ताकि समय रहते आदेश का पालन हो सके। इस संकट की घड़ी में ग्रामीणों का समर्पण और देशभक्ति निश्चित रूप से प्रेरणादायक है।