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पानी का बिल माफ! सरकार के बड़े फैसले से 17 लाख उपभोक्ताओं को मिली राहत

जानें कैसे सुक्खू सरकार के इस फैसले से 17 लाख उपभोक्ताओं को मिलेगी आर्थिक राहत और क्यों होम स्टे, होटल और अस्पतालों को फिर भी देना होगा शुल्क! क्या आपके इलाके में भी लागू होगी ये सुविधा? जानिए पूरी खबर...

By Saloni uniyal
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पानी का बिल माफ! सरकार के बड़े फैसले से 17 लाख उपभोक्ताओं को मिली राहत
पानी का बिल माफ! सरकार के बड़े फैसले से 17 लाख उपभोक्ताओं को मिली राहत

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू उपभोक्ताओं से पानी का बिल वसूलने का अपना फैसला वापस ले लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में अधिकारियों के साथ बैठक कर इस बारे में निर्देश जारी किए हैं। इस फैसले से ग्रामीण इलाकों के लाखों उपभोक्ताओं को आर्थिक राहत मिलेगी क्योंकि अब उनसे जल शुल्क नहीं लिया जाएगा। हालांकि, होम स्टे, होटल, अस्पताल और धर्मशालाओं जैसे व्यावसायिक उपभोक्ताओं को पानी के लिए शुल्क देना अनिवार्य होगा।

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ग्रामीण उपभोक्ताओं को निशुल्क पानी की सुविधा जारी

राज्य सरकार ने ग्रामीण इलाकों में घरेलू उपभोक्ताओं को निशुल्क पानी की सुविधा जारी रखने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के बिल को लेकर जनता से सुझाव मांगे गए थे। जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया, जिससे लाखों उपभोक्ताओं को आर्थिक राहत मिलेगी।

17 लाख ग्रामीण उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ

हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 17 लाख पेयजल उपभोक्ता हैं। वर्ष 2019 में जल जीवन मिशन योजना के तहत 9.50 लाख नए कनेक्शन जोड़े गए थे, जबकि 7.63 लाख कनेक्शन पहले से ही मौजूद थे। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों में लोगों को नल से जल आपूर्ति दी जा रही है।

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पिछले वर्ष सितंबर में राज्य सरकार ने ग्रामीण इलाकों में घरेलू उपभोक्ताओं से 100 रुपये मासिक बिल वसूलने का निर्णय लिया था। सरकार का तर्क था कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है। इसके बाद जल शक्ति विभाग ने 1 अक्टूबर 2024 से कई स्थानों पर पानी का बिल वसूलना शुरू कर दिया था। लेकिन अब सरकार ने अपने इस फैसले को पलटते हुए ग्रामीण उपभोक्ताओं को निशुल्क पानी देने का निर्णय लिया है।

पूर्व में बिल वसूली के बाद अब क्या होगा?

इससे पहले जल शक्ति विभाग ने कई उपभोक्ताओं को तीन-तीन महीने के पानी के बिल जारी कर दिए थे और लोगों ने उन्हें जमा भी कर दिया था। अब सवाल यह उठ रहा है कि जो उपभोक्ता पानी का बिल पहले ही जमा करवा चुके हैं, क्या उन्हें उनकी राशि वापस मिलेगी?

इस पर सरकार की ओर से कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। जानकारी के अनुसार, इस संबंध में अभी विचार किया जा रहा है और जल्द ही कोई ठोस निर्णय लिया जा सकता है। इससे पहले ग्रामीण उपभोक्ताओं को बिल भुगतान को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी।

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मंत्रिमंडल की बैठक में हुआ था फैसला

राज्य मंत्रिमंडल की पिछली बैठक में पानी के बिलों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु ने ग्रामीण इलाकों में घरेलू उपभोक्ताओं से पानी का शुल्क नहीं लेने के निर्देश जारी किए।

गौरतलब है कि पूर्व भाजपा सरकार ने ग्रामीण इलाकों में पानी निशुल्क देने का निर्णय लिया था। लेकिन कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद पिछले वर्ष इस फैसले को पलट दिया था और 100 रुपये प्रति माह जल शुल्क निर्धारित किया था। अब सरकार ने एक बार फिर अपना निर्णय बदलते हुए ग्रामीण इलाकों में मुफ्त पानी की सुविधा जारी रखने का फैसला किया है।

व्यावसायिक उपभोक्ताओं पर लागू रहेगा शुल्क

हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि होम स्टे, होटल, अस्पताल और धर्मशालाओं जैसे व्यावसायिक उपभोक्ताओं को पानी के लिए शुल्क देना होगा। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं के बीच अंतर बना रहे।

इससे सरकार को राजस्व की हानि से बचाने में मदद मिलेगी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के घरेलू उपभोक्ताओं को आर्थिक राहत मिल सकेगी।

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जनता की मांग और सरकार का रुख

ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के बिल को लेकर जनता से सुझाव मांगे गए थे। जनभावनाओं को देखते हुए ही सरकार ने निशुल्क पानी की सुविधा जारी रखने का फैसला किया। यह निर्णय प्रदेश की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि ग्रामीण उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़े।

सरकार के इस कदम से ग्रामीण इलाकों के लोगों में खुशी की लहर है, क्योंकि इससे उनकी मासिक आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

भविष्य की योजनाएं और निर्णय

सरकार ने यह संकेत दिया है कि भविष्य में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पानी की आपूर्ति और उसके प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी। जल शक्ति विभाग इस दिशा में काम कर रहा है और जल्द ही इस संबंध में नई नीतियां लागू की जा सकती हैं।

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