
भारतीय मीडिया में अकसर दुबई समेत अन्य खाड़ी देशों से सोने की तस्करी की खबरें सामने आती हैं। हाल ही में कन्नड़ और तमिल फिल्म अभिनेत्री रान्या राव को राजस्व खुफिया विभाग (DRI) ने दुबई से लौटते समय 14.8 किलोग्राम सोने के साथ गिरफ्तार किया। इस सोने की अनुमानित कीमत लगभग 12 करोड़ रुपये बताई जा रही है। वह बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पकड़ी गईं।
इससे पहले 2020 में तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने एक राजनयिक बैग से 14.82 करोड़ रुपये मूल्य का 30 किलोग्राम 24 कैरेट सोना ज़ब्त किया था। इस मामले ने केरल की राजनीति में भूचाल ला दिया था, और तत्कालीन मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के प्रधान सचिव एम शिवशंकर को इस्तीफा देना पड़ा था।
भारतीय विदेश से सोना क्यों लाते हैं?
भारत में सोना न केवल आभूषणों के रूप में बल्कि निवेश के रूप में भी बेहद लोकप्रिय है। यही कारण है कि भारत दुनिया में सबसे बड़ा सोना खरीदार देश है। लेकिन भारत में सोने पर भारी कर (Import Duty) लगाया जाता है, जिससे इसकी कीमत बढ़ जाती है।
दूसरी ओर, दुबई जैसे देशों में सोने पर कोई कर नहीं लगता, जिससे इसकी कीमत काफी कम होती है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में 5 मार्च 2025 को 24 कैरेट गोल्ड के 10 ग्राम की कीमत 83,670 रुपये थी, जबकि भारत में यही सोना 87,980 रुपये का था।
इस भारी मूल्य अंतर के कारण भारतीय नागरिक दुबई और अन्य देशों से सोना खरीदकर लाने की कोशिश करते हैं। लेकिन यदि वे तय सीमा से अधिक मात्रा में सोना लाते हैं और इसकी जानकारी कस्टम विभाग को नहीं देते, तो यह तस्करी (Gold Smuggling) मानी जाती है।
विदेश से कितना सोना ला सकते हैं भारतीय नागरिक?
भारत सरकार ने विदेश से सोना लाने की अधिकतम सीमा तय कर रखी है।
- पुरुष यात्री 20 ग्राम सोना तक ला सकते हैं, बशर्ते इसकी कीमत 50,000 रुपये से अधिक न हो।
- महिला यात्री 40 ग्राम सोना तक ला सकती हैं, जिसकी अधिकतम सीमा 1 लाख रुपये तक हो।
- 15 साल से कम उम्र के बच्चे भी 40 ग्राम तक सोना ला सकते हैं, लेकिन इसके लिए रिश्ते की प्रमाणिकता देनी होगी।
अगर कोई इससे अधिक सोना लाना चाहता है, तो उसे उस पर लागू सीमा शुल्क (Custom Duty) चुकाना होगा।
पासपोर्ट अधिनियम 1967 के तहत, भारतीय नागरिक आभूषण, सिल्ली और सिक्कों के रूप में सोना ला सकते हैं, लेकिन इसकी संपूर्ण जानकारी एयरपोर्ट पर देनी होगी। यदि कोई बिना बताए अधिक सोना लाता है, तो उसे अवैध माना जाएगा।
सोने की तस्करी क्यों होती है?
दुबई और अन्य खाड़ी देशों में सोने पर टैक्स नहीं लगाया जाता, जिससे वहां सोने की कीमत भारत की तुलना में कम होती है। भारत में आयात शुल्क, जीएसटी और अन्य कर मिलाकर सोने की कीमत अधिक हो जाती है।
इस मूल्य अंतर का फायदा उठाने के लिए कुछ लोग सोने की तस्करी करने लगते हैं। सोने की तस्करी की प्रवृत्ति कोई नई नहीं है। 1980-90 के दशक में अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान और दाऊद इब्राहिम समुद्री रास्तों से सोने की तस्करी करते थे। अब एयर ट्रैफिक के जरिए तस्करी के नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं।
सबसे ज्यादा तस्करी का सोना कहां से आता है?
भारत में सबसे ज्यादा सोना संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से तस्करी करके लाया जाता है। इसके बाद म्यांमार, कुछ अफ्रीकी देश और थाईलैंड भी सोने की तस्करी के प्रमुख स्रोत हैं।
सीबीआईसी (CBIC) के मुताबिक, 2023-24 में 4,869.6 किलोग्राम सोना जब्त किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार, यह तस्करी किए जाने वाले कुल सोने का मात्र 10% हिस्सा होता है।
महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु में सोने की तस्करी के सबसे अधिक मामले सामने आते हैं। भारत में 60% तस्करी के मामले इन्हीं तीन राज्यों में दर्ज किए जाते हैं।
तस्करी के आरोप में क्या सजा हो सकती है?
सरकार ने सोने की तस्करी पर रोक लगाने के लिए कड़े कानून बनाए हैं। अगर कोई व्यक्ति तस्करी के सोने के साथ पकड़ा जाता है, तो उसे विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे का सामना करना पड़ता है।
- 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- आजीवन विदेश यात्रा पर रोक लग सकती है।
- उम्रकैद की सजा भी हो सकती है।
सीबीआईसी के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने हाल ही में कहा था कि आयात शुल्क 15% से घटाकर 6% करने के बाद तस्करी के मामलों में कमी आई है। इसके बावजूद तस्करी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है।