
CIBIL Score and Marriage: मध्य प्रदेश में विवाह को लेकर सोच बदल रही है। पहले जहां सरकारी नौकरी, लंबा-गोरा रंग, और अच्छा वेतन शादी के लिए प्राथमिकता हुआ करता था, अब वह दौर बदल चुका है। आजकल लड़कियां शादी से पहले लड़कों का CIBIL स्कोर देख रही हैं। अब आर्थिक स्थिरता सबसे बड़ा पैमाना बन चुका है।
भोपाल में हाल ही में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां लड़कियों ने लड़कों का CIBIL Score जांचने के बाद ही शादी का फैसला लिया। वे यह सुनिश्चित कर रही हैं कि लड़का कहीं कर्ज में तो नहीं डूबा है, उसकी ईएमआई (EMI) आय से ज्यादा तो नहीं है, और क्या वह फाइनेंशियल अनुशासन का पालन करता है।
आर्थिक सुरक्षा बनी प्राथमिकता
भोपाल की Avantika Pandey की रिपोर्ट के अनुसार, शादी से पहले लड़कों के फाइनेंशियल बैकग्राउंड को जांचने का ट्रेंड लगातार बढ़ रहा है। पहले सिर्फ कुंडली मिलाने की परंपरा थी, लेकिन अब लड़कियां लड़कों का क्रेडिट स्कोर भी देख रही हैं।
CIBIL Score से यह पता चलता है कि व्यक्ति का क्रेडिट इतिहास कैसा है, उसने अपने लोन समय पर चुकाए हैं या नहीं, और क्या वह किसी वित्तीय संकट में तो नहीं है। इस बदलते ट्रेंड का सबसे बड़ा कारण यह है कि आज की पीढ़ी आर्थिक रूप से सुरक्षित भविष्य चाहती है।
मध्य प्रदेश में ऐसे मामले सामने आए
भोपाल की शीतल (बदला हुआ नाम) की शादी बेंगलुरु के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से तय हुई थी। जब शीतल ने लड़के का पैकेज देखा तो उसे लगा कि इतने वेतन में बेंगलुरु जैसे महंगे शहर में रहना मुश्किल होगा। उसने शादी से इनकार कर दिया।
सागर की मोना जैन की शादी छतरपुर के आशीष पंचरत्न से तय हुई। मोना ने आशीष का CIBIL स्कोर चेक किया, जो 800 था। इसका मतलब था कि वह किसी भी बड़े कर्ज से मुक्त है और उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत है। इसीलिए मोना ने शादी के लिए हां कर दी।
इंदौर के व्यापारी संदीप गौतम की शादी भोपाल की निधि झा से तय हुई थी। जब निधि ने संदीप का क्रेडिट स्कोर देखा तो पाया कि वह हर महीने अपनी कमाई का 55% हिस्सा EMI में चुका रहा था। निधि ने इसे भविष्य के लिए अस्थिर स्थिति मानते हुए शादी से इनकार कर दिया।
CIBIL Score क्या होता है और क्यों जरूरी है?
क्रेडिट मैनेजर विश्वजीत मिश्रा के अनुसार, CIBIL Score 300 से 900 अंकों के बीच होता है। यह किसी व्यक्ति की वित्तीय स्थिति और कर्ज चुकाने की क्षमता को दर्शाता है।
- 685 से अधिक स्कोर होने पर लोन मिलने के चांस ज्यादा होते हैं।
- 750 से ऊपर के स्कोर को बैंक अच्छा मानते हैं।
- इसमें व्यक्ति का नाम, जन्मतिथि, लिंग, पहचान, और वित्तीय लेन-देन का पूरा रिकॉर्ड होता है।
- यदि व्यक्ति ने कोई लोन लिया है तो उसकी पूरी जानकारी इसमें होती है।
- यदि कोई व्यक्ति लोन नहीं लेता, लेकिन बैंक से जानकारी मांगता है, तो भी यह इसमें दर्ज हो जाता है।
शादी के लिए बायोडाटा में CIBIL स्कोर जोड़ने की तैयारी
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच मैनेजर राजेश सिंघई का कहना है कि अब लड़कियां शादी में सिर्फ गुण-दोष ही नहीं, बल्कि वित्तीय अनुशासन भी देख रही हैं। जल्द ही यह चलन आ सकता है कि शादी के बायोडाटा में CIBIL Score को शामिल किया जाए।
क्या यह नया ट्रेंड सही है?
मैरिज एंड रिलेशनशिप काउंसलर प्रो. योगिता यश रावत का कहना है कि यह बदलाव समाज में शादी को लेकर बदली हुई सोच को दर्शाता है। अब शादी को सिर्फ सामाजिक संस्था नहीं, बल्कि एक आर्थिक सौदे की तरह भी देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई लड़कियां यह तय कर रही हैं कि यदि शादी टूटती है, तो उन्हें कितना मुआवजा मिल सकता है। यह कहीं न कहीं फेक फेमिनिज्म (Fake Feminism) का हिस्सा है।