
India Today Conclave 2025 में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अग्निवीर योजना की सफलता और उसमें किए जा रहे संभावित सुधारों पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह योजना अब तक सफल रही है और इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलावों पर विचार किया जा रहा है। उम्र सीमा बढ़ाने और स्थायी भर्ती के प्रतिशत में वृद्धि जैसी संभावनाओं पर मंथन जारी है, हालांकि अंतिम फैसला दिसंबर 2026 तक लिया जाएगा। सेना प्रमुख ने इसे भारतीय सेना के भविष्य के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया।
अग्निवीर योजना को लेकर क्या बोले सेना प्रमुख?
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि अग्निवीर योजना पर अलग-अलग राय हो सकती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इसे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। उन्होंने बताया कि यह एक सफल मॉडल बनता जा रहा है, क्योंकि अग्निवीर न केवल सेना की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं बल्कि वे खुद को तकनीकी रूप से भी तेजी से अपडेट कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत आने वाले युवा तीन से चार वर्षों में सेना की जरूरतों के अनुरूप खुद को ढालने में पूरी तरह सक्षम हो जाते हैं। इसके अलावा, सेना यह सुनिश्चित करने में लगी है कि अग्निवीरों को अन्य सैनिकों के समान सुविधाएं और अवसर दिए जाएं।
अग्निवीरों को मिल सकती हैं और भी सुविधाएं
जनरल द्विवेदी ने बताया कि अग्निवीर योजना को और बेहतर बनाने के लिए कई स्तरों पर काम चल रहा है। इनमें शामिल हैं जैसे अग्निवीरों के लिए छुट्टियों के प्रावधानों को नियमित सैनिकों के समान बनाया जा सकता है। और अग्निवीरों को भी अन्य सैनिकों जैसी सुविधाएं देने पर विचार हो रहा है। इसके आलावा भर्ती प्रक्रिया में अधिक तकनीकी रूप से कुशल युवाओं को प्राथमिकता दी जा सकती है।
सेना प्रमुख ने यह भी स्पष्ट किया कि अग्निवीरों को सेना में बेहतर तरीके से समाहित करने के लिए और सुधार किए जा सकते हैं।
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बढ़ सकती है उम्र सीमा और स्थायी भर्ती का प्रतिशत?
अग्निवीरों की उम्र सीमा 21 से बढ़ाकर 23 वर्ष करने और 25 प्रतिशत की जगह 50 प्रतिशत को स्थायी रूप से सेना में बनाए रखने के सवाल पर जनरल द्विवेदी ने कहा कि यह एक सतत प्रक्रिया है। अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय दिसंबर 2026 में लिया जाएगा, जब योजना का पूरा आकलन हो जाएगा। तब तक सेना इस मॉडल का परीक्षण और विश्लेषण करती रहेगी।
‘Creative Destruction’ से आएगा बदलाव
तेजी से बदलती तकनीक के दौर में सेना को कैसे अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है, इस पर बात करते हुए सेना प्रमुख ने ‘Creative Destruction’ की अवधारणा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोई भी सैनिक जो 10-20 वर्षों तक एक ही कार्यक्षेत्र में रहता है, उसके लिए नई स्किल्स सीखना और पुराने कौशलों को अपडेट करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
इसके विपरीत, अग्निवीर कम समय में नई तकनीकों को अपनाने और तेजी से सीखने में सक्षम होते हैं। यही कारण है कि यह योजना भारतीय सेना के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक पहल हो सकती है।
अग्निवीर योजना को क्यों माना जा रहा है भविष्य के लिए फायदेमंद?
- अग्निवीर कम समय में नई तकनीकों को सीख सकते हैं।
- सेना को युवा और ऊर्जावान सैनिक मिलेंगे, जो अत्याधुनिक हथियारों और तकनीकों के साथ खुद को जल्दी ढाल सकते हैं।
- इससे सेना में एक आधुनिक और अधिक गतिशील संरचना बनाई जा सकेगी।
- लंबी अवधि तक सेना में काम करने वाले सैनिकों के लिए नई स्किल्स सीखने की चुनौती कम होगी।
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2026 में होगा अंतिम फैसला
जनरल द्विवेदी ने कहा कि अग्निवीर योजना को लेकर सभी आवश्यक सुधारों और आंकड़ों का पूरा विश्लेषण किया जा रहा है। किसी भी बड़े बदलाव को लागू करने से पहले इसके सभी संभावित प्रभावों का आकलन किया जाएगा। अंतिम फैसला 2026 में लिया जाएगा, जिसके बाद इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।