
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि जल्द ही टोल टैक्स (Toll Tax) की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा, जिससे हाईवे पर यात्रा करने वाले वाहन चालकों को भारी राहत मिलेगी। Ministry of Road Transport and Highways इस दिशा में एक नई पॉलिसी लाने की तैयारी कर रही है, जिसके तहत एनुअल और 15 साल का एकमुश्त टोल पास उपलब्ध होगा।
सालाना ₹3000 और 15 साल के लिए ₹30,000 का प्रस्ताव
गडकरी ने जानकारी दी कि मंत्रालय की नई योजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) पर सफर करने वाले लोगों को अब हर बार टोल नहीं देना होगा। इसके बजाय, एक साल के लिए मात्र ₹3000 और 15 साल के लिए ₹30,000 का एकमुश्त टोल पास दिया जाएगा। यह प्रस्तावित व्यवस्था उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी जो रोजाना या नियमित रूप से हाईवे का इस्तेमाल करते हैं।
गडकरी ने राज्यसभा में यह भी स्पष्ट किया कि नई टोल पॉलिसी जल्द सत्र समाप्ति के बाद घोषित की जाएगी, और इसका उद्देश्य मौजूदा विवादों को खत्म करना और टोल भुगतान प्रणाली को पारदर्शी व आसान बनाना है।
सैटेलाइट आधारित टोलिंग पर जोर, ट्रायल शुरू
सरकार सैटेलाइट बेस्ड टोलिंग (Satellite-Based Tolling) प्रणाली को लागू करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इस सिस्टम के लागू होने के बाद वाहनों को टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि टोल अपने आप सैटेलाइट के माध्यम से काटा जाएगा। कुछ टोल प्लाजा पर इसका ट्रायल पहले ही शुरू हो चुका है।
गडकरी ने बताया कि इस तकनीक को सफल बनाने के लिए NavIC जैसे सटीक सैटेलाइट सिस्टम को और विकसित करने की आवश्यकता है। इसमें सिक्योरिटी, प्राइवेसी, ब्रिच रिस्क और ऑपरेशनल कंट्रोल जैसे पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
टोल वसूली में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, लेकिन देना होगा पैसा
गडकरी ने यह भी स्पष्ट किया कि देश में इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) के विकास के लिए टोल टैक्स जरूरी है। उन्होंने कहा कि “अगर आपको अच्छी सड़क चाहिए, तो उसके लिए पैसा देना होगा।”
साल 2023-24 में कुल टोल वसूली ₹64,809.86 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जो कि पिछले साल की तुलना में 35% अधिक है। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि देश भर में सड़क नेटवर्क और उससे जुड़ी सेवाओं का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है।
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टोल प्लाजा की दूरी को लेकर भी सख्ती
गडकरी ने यह भी कहा कि 2008 में बनाए गए नियमों के अनुसार दो टोल प्लाजा के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी होनी चाहिए। मंत्रालय की ओर से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस नियम का सख्ती से पालन हो। इससे यात्रियों को बार-बार टोल देने से राहत मिलेगी और यात्रा ज्यादा सुविधाजनक हो पाएगी।
नई नीति में इस दूरी संबंधी नियम को भी प्राथमिकता दी जाएगी और अनावश्यक रूप से नजदीक बनाए गए टोल प्लाजा को हटाने या स्थानांतरित करने का प्रावधान किया जाएगा।
वाहन मालिकों को होगा सीधा फायदा
यह प्रस्तावित टोल पॉलिसी उन लाखों वाहन मालिकों के लिए राहत की सांस है जो रोजाना हाईवे से सफर करते हैं। खासकर प्राइवेट कार यूजर्स और छोटे व्यापारियों को इसका सीधा फायदा मिलेगा। एकमुश्त टोल पास से उन्हें बार-बार की टोल पेमेंट प्रक्रिया से छुटकारा मिलेगा और डिजिटल ट्रैकिंग के माध्यम से पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी।
इस कदम से लॉजिस्टिक्स सेक्टर को भी फायदा होगा, क्योंकि लंबे रूट्स पर बार-बार रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे समय की भी बचत होगी और ईंधन की खपत में भी कमी आएगी।
भविष्य की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम
Ministry of Road Transport and Highways का यह कदम टोल कलेक्शन प्रणाली को पूरी तरह से बदलने वाला है। डिजिटल और सैटेलाइट बेस्ड टोलिंग प्रणाली से जहां एक ओर पारदर्शिता आएगी, वहीं दूसरी ओर यात्री अनुभव को भी बेहतर बनाया जा सकेगा।
इस पॉलिसी के लागू होने से न केवल आम यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि देश में रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर एक और ठोस कदम बढ़ाया जाएगा। यह योजना “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस” और “ईज़ ऑफ ट्रैवल” दोनों के लिए सहायक साबित होगी।