
दिल्ली सरकार ने सड़क पर गाड़ियों की पहचान और प्रदूषण नियंत्रण को सख्त बनाने के लिए एक नया नियम लागू किया है। अब सभी वाहनों के लिए विंडशील्ड पर कलर कोडेड फ्यूल स्टिकर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। High Security Registration Plate (HSRP) पॉलिसी के तहत लागू यह नियम वाहन मालिकों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), पॉल्यूशन सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस के साथ एक और अहम दस्तावेज जोड़ता है। अगर आपने अभी तक अपनी गाड़ी पर यह स्टिकर नहीं लगाया है तो आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।
क्यों जरूरी है कलर कोडेड फ्यूल स्टिकर?
कलर कोडेड फ्यूल स्टिकर दरअसल एक होलोग्राम बेस्ड टैम्पर-प्रूफ स्टीकर है, जिसे एक बार विंडशील्ड पर लगाने के बाद हटाना आसान नहीं होता और हटाने पर यह क्षतिग्रस्त हो जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि ट्रैफिक पुलिस और पर्यावरण एजेंसियां तुरंत यह पहचान सकें कि वाहन किस फ्यूल टाइप से चलता है। इससे प्रदूषण पर नियंत्रण रखने में सहायता मिलेगी और साथ ही विभिन्न प्रकार के वाहनों के लिए अलग-अलग नियम लागू करने में भी आसानी होगी।
कितने प्रकार के होते हैं फ्यूल स्टिकर?
फिलहाल बाजार में तीन तरह के कलर कोडेड फ्यूल स्टिकर उपलब्ध हैं।
लाइट ब्लू रंग का स्टिकर पेट्रोल और CNG वाहनों के लिए है।
ऑरेंज कलर का स्टिकर डीज़ल वाहनों के लिए होता है।
जबकि ग्रे रंग का स्टिकर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, हाइब्रिड गाड़ियों और अन्य वैकल्पिक फ्यूल से चलने वाले वाहनों के लिए निर्धारित किया गया है।
इन तीन रंगों की मदद से ट्रैफिक पुलिस को वाहन का फ्यूल टाइप देखने मात्र से पता चल जाएगा, जिससे ट्रैफिक नियमों का पालन और प्रदूषण नियंत्रण में तेजी आएगी।
कैसे करें कलर कोडेड फ्यूल स्टिकर के लिए ऑनलाइन आवेदन?
अगर आपने अभी तक अपनी गाड़ी पर कलर कोडेड फ्यूल स्टिकर नहीं लगवाया है, तो आप इसे बेहद आसानी से ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए आपको https://bookmyhsrp.com/ वेबसाइट पर विजिट करना होगा।
यहां ‘HSRP and colour-coded stickers’ ऑप्शन पर क्लिक करना है। अगर आपके पास पहले से हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) है, तो आप ‘only colour-coded sticker’ के विकल्प को चुन सकते हैं।
इसके बाद स्क्रीन पर दिए गए निर्देशों के अनुसार फॉर्म भरें और वाहन से संबंधित विवरण जैसे रजिस्ट्रेशन नंबर (RC) और ड्राइविंग लाइसेंस (DL) नंबर दर्ज करें। फिर स्टिकर लगवाने के लिए एक सुविधाजनक टाइम स्लॉट बुक करें। ऑनलाइन पेमेंट करने के बाद आपके मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा, जिसे भरकर प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
कुछ दिनों बाद संबंधित विभाग आपसे संपर्क करेगा, OTP पूछेगा और निर्धारित स्लॉट पर बुलाकर आपकी गाड़ी पर स्टिकर लगा देगा।
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स्टिकर की लागत कितनी होगी?
HSRP और कलर कोडेड स्टिकर की लागत वाहन के प्रकार के अनुसार अलग-अलग निर्धारित की गई है। अगर आप टू-व्हीलर के लिए स्टिकर लगवा रहे हैं तो इसकी कीमत 200 से 400 रुपये के बीच होगी। वहीं फोर व्हीलर के लिए स्टिकर लगाने की लागत 500 से 1000 रुपये तक जा सकती है।
यह शुल्क वाहन श्रेणी, मॉडल और स्टेट के हिसाब से थोड़ा बहुत बदल सकता है, लेकिन कुल मिलाकर यह नियम पालन करना अब सभी वाहन मालिकों के लिए अनिवार्य हो गया है।
नियम न मानने पर कितना लगेगा जुर्माना?
अगर आप कलर कोडेड फ्यूल स्टिकर नहीं लगवाते हैं, तो दिल्ली परिवहन विभाग मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 192(1) के तहत आपके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। इस धारा के तहत आपको 5,000 रुपये तक का भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।
सरकार का उद्देश्य सिर्फ जुर्माना वसूलना नहीं है, बल्कि गाड़ियों की पहचान को सरल बनाना और प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित करना है। इसलिए समय पर स्टिकर लगवाना बेहद जरूरी है, ताकि आप अनावश्यक परेशानी से बच सकें।