
Hindi India HindiFarmers Will Get Electricity at Just Rs 1 Per Unit In Himachal Pradesh—इस घोषणा ने हिमाचल प्रदेश के हजारों किसानों के लिए राहत की नई किरण दिखाई है। प्रदेश सरकार ने कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा निर्णय लिया है। अब राज्य के किसान केवल ₹1 प्रति यूनिट की रियायती दर पर बिजली प्राप्त कर सकेंगे। यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा घोषित ₹4.04 प्रति यूनिट की सब्सिडी के माध्यम से संभव हुआ है, जिससे खेती के लिए उपयोग में लाई जाने वाली बिजली किसानों को बेहद कम कीमत पर उपलब्ध कराई जाएगी।
किसानों की आर्थिक मजबूती के लिए शुरू हुई योजना
हिमाचल प्रदेश सरकार का यह फैसला कृषि क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता लाने और किसानों को आर्थिक मजबूती देने के इरादे से लिया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार राज्य के किसानों को सशक्त बनाना चाहती है ताकि वे बदलते कृषि परिवेश में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर सकें।
रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy की दिशा में बढ़ाया कदम
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, यह योजना न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में सहायक होगी बल्कि इससे राज्य में हरित ऊर्जा (Green Energy) को भी बढ़ावा मिलेगा। रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy अपनाने की दिशा में किसानों को सोलर पंप और अन्य ऊर्जा कुशल उपकरणों की ओर आकर्षित किया जाएगा। इससे बिजली की खपत में कमी आएगी और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
₹4.04 प्रति यूनिट की सब्सिडी, किसानों को राहत
सरकार द्वारा दी जाने वाली ₹4.04 प्रति यूनिट की सब्सिडी का सीधा फायदा राज्य के उन किसानों को मिलेगा जो सिंचाई और खेती के लिए बिजली पर निर्भर हैं। पहले जहां उन्हें अधिक दरों पर बिजली के बिल चुकाने पड़ते थे, वहीं अब यह दर घटकर ₹1 प्रति यूनिट रह गई है। इससे न केवल उनकी लागत में भारी कमी आएगी बल्कि वे नई तकनीक अपनाने में भी सक्षम हो सकेंगे।
सब्सिडी का समायोजन अगले बिल में किया जाएगा
प्रवक्ता ने यह भी बताया कि सब्सिडी अधिसूचना में थोड़ी देरी के कारण कुछ किसानों को उच्च दरों पर बिल प्राप्त हुए हैं, लेकिन सरकार ने आश्वासन दिया है कि इस अंतर को अगले बिजली बिल में समायोजित कर दिया जाएगा। इससे किसानों पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा।
खेती में लागत घटेगी, आय में होगी बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह योजना राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक अहम प्रयास है। उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना से किसानों को आधुनिक उपकरणों और तकनीकों को अपनाने में सहायता मिलेगी, जिससे उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और खेती से होने वाली आमदनी में इज़ाफा होगा।
योजना के क्रियान्वयन के लिए सभी जिलों को भेजे गए निर्देश
बिजली सब्सिडी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने नजदीकी विद्युत कार्यालयों या कृषि विभाग से योजना की विस्तृत जानकारी प्राप्त करें। इस योजना का लाभ उठाने के लिए उन्हें अपने विद्युत कनेक्शन से जुड़े दस्तावेज और कृषि उपयोग का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
यह योजना केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर भारत योजना के अनुरूप है, जिसमें किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और कृषि को टिकाऊ बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश सरकार का यह निर्णय स्पष्ट रूप से इस सोच को साकार करता है कि जब किसान सशक्त होंगे तभी देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
सरकार की प्रतिबद्धता पर मुहर
इस निर्णय के माध्यम से सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह किसानों के हितों की रक्षा करने और उन्हें हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कदम न केवल वर्तमान कृषि परिदृश्य को बदलने वाला है बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी खेती को एक स्थायी और लाभकारी व्यवसाय बनाने की दिशा में प्रेरक होगा।