
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ-EPFO) ने इस वित्तीय वर्ष में अपने कामकाज के तरीके में बड़े बदलाव किए हैं। इस बदलाव से ईपीएफओ के करोड़ों सदस्यों को सीधा फायदा मिल रहा है। ईपीएफओ ने ऑटोमेटिक सिस्टम को अपनाते हुए इस साल अब तक 2.16 करोड़ मामलों का निपटारा किया है। बीमारी, मकान, शिक्षा और शादी जैसे मामलों में एडवांस निकासी के दावे अब केवल तीन दिन में मंजूर हो जाते हैं। इतना ही नहीं, अब 99% से अधिक दावे ऑनलाइन जमा हो रहे हैं, जिससे लोगों के लिए पीएफ से पैसा निकालना और अपनी जानकारी अपडेट करना बेहद आसान हो गया है।
60% से ज्यादा दावों का ऑटोमेटिक निपटारा, प्रोसेस हुआ तेज़
इस वित्तीय वर्ष में ईपीएफओ ने 60% एडवांस निकासी दावों का निपटारा पूरी तरह ऑटोमेटिक तरीके से किया है। यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना से भी अधिक है। श्रम और रोजगार मंत्री शोभा करंदलाजे ने लोकसभा में जानकारी दी कि 6 मार्च 2025 तक ईपीएफओ ने रिकॉर्ड 2.16 करोड़ दावों का निपटारा किया है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह संख्या केवल 89.52 लाख थी। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जो दर्शाता है कि ईपीएफओ कैसे अपने कार्य प्रणाली को आधुनिक बना रहा है।
एडवांस निकासी की सीमा बढ़ी, अब मिलेगा ₹1 लाख तक
ईपीएफओ ने एडवांस निकासी की अधिकतम सीमा को भी बढ़ाकर ₹1 लाख कर दिया है। पहले यह सीमा इससे कम थी, जिससे कई बार सदस्यों को कठिनाई होती थी। अब लोग इलाज, मकान की खरीद या मरम्मत, बच्चों की शिक्षा या शादी के लिए बड़ी राशि आसानी से निकाल सकते हैं। यह बदलाव भी ऑटोमेटिक प्रोसेस के तहत किया गया है, जिससे दावा मंजूरी में समय नहीं लगता।
अब 99% दावे ऑनलाइन, डिजिटल भारत की ओर कदम
मार्च 2025 तक ईपीएफओ को 7.14 करोड़ दावे ऑनलाइन फाइल किए गए हैं। अब लगभग 99% से ज्यादा दावे डिजिटल माध्यम से ही जमा हो रहे हैं। यह दर्शाता है कि ईपीएफओ डिजिटल इंडिया की मुहिम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ऑनलाइन प्रक्रिया से लोगों को न केवल सुविधा मिल रही है, बल्कि दावों की स्थिति की जानकारी भी तुरंत मिल जाती है।
आधार वेरिफाइड UAN से खुद करें बदलाव, EPFO की भूमिका कम
ईपीएफओ ने सदस्यों की जानकारी में सुधार की प्रक्रिया को भी आसान बना दिया है। अब जिन सदस्यों का आधार वेरिफाइड है, वे खुद ही अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) में जरूरी बदलाव कर सकते हैं। अब इसके लिए EPFO कार्यालय की जरूरत नहीं होती। आज के समय में लगभग 96% सुधार ऐसे ही स्वतः संपन्न हो जाते हैं। इससे न केवल सदस्यों का समय बचता है, बल्कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता भी बढ़ाती है।
ट्रांसफर क्लेम पर भी बड़ा बदलाव, अटेस्टेशन की बाध्यता खत्म
पहले जब कोई कर्मचारी नौकरी बदलता था और ट्रांसफर क्लेम करना होता था, तो उसे अपने नियोक्ता से अटेस्टेशन करवाना पड़ता था। लेकिन अब इस प्रक्रिया को भी आसान बना दिया गया है। अगर किसी सदस्य का UAN आधार से वेरिफाइड है, तो उसे अब यह अटेस्टेशन करवाने की जरूरत नहीं है। इससे नौकरी बदलने पर पीएफ ट्रांसफर कराना काफी सरल हो गया है।
गलती से जुड़े खातों को अलग करना हुआ आसान
ईपीएफओ ने एक नई सुविधा की शुरुआत 18 जनवरी 2025 से की है, जिससे वे सदस्य जिनके खाते गलती से किसी गलत संस्थान से जुड़ गए थे, अब खुद ही अपना खाता अलग कर सकते हैं। फरवरी 2025 के अंत तक 55,000 से अधिक सदस्यों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि ईपीएफओ सदस्य अनुभव को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है।
अपफ्रंट वैलिडेशन से पता चलेगा दावा सही है या नहीं
दावों के फाइल करने से पहले ही अब सदस्य जान सकते हैं कि उनका दावा सही है या नहीं। ईपीएफओ ने “अपफ्रंट वैलिडेशन” नामक सुविधा शुरू की है, जिसके जरिए यह जानकारी पहले ही मिल जाती है। इससे गलत दावा फाइल करने से बचा जा सकता है और संसाधनों की भी बचत होती है।
लगातार सुधार की दिशा में बढ़ रहा है EPFO
ईपीएफओ ने अपने कार्यों में जो सुधार किए हैं, वे सिर्फ तकनीकी नहीं बल्कि व्यवहारिक रूप से भी सदस्यों को राहत देने वाले हैं। ऑटोमेशन, ऑनलाइन सुविधा, खुद से जानकारी अपडेट करने का अधिकार और ट्रांसफर क्लेम में आसानी जैसी सुविधाएं इस ओर संकेत करती हैं कि ईपीएफओ अब केवल एक संस्था नहीं बल्कि एक डिजिटल सेवा मंच बन गया है।