
उत्तराखंड में बिजली चोरी और लाइन लॉस की समस्या वर्षों से उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी चुनौती रही है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (UERC) ने अब इस दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए ऊर्जा निगम को सख्त निर्देश दिए हैं कि वह लाइन लॉस को कम करने के लिए ठोस कार्रवाई करे। आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिजली चोरी का भार अब उपभोक्ताओं पर न पड़े और राज्य में ऊर्जा प्रबंधन में सुधार हो।
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14 प्रतिशत लाइन लॉस का मुख्य कारण बिजली चोरी
उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) द्वारा रिपोर्ट किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्य में लाइन लॉस की दर लगभग 14 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है, और इसका मुख्य कारण बिजली चोरी है। विभिन्न उद्योगों और उपभोक्ताओं ने विद्युत नियामक आयोग पर दबाव डाला था कि ऊर्जा निगम के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और लाइन लॉस को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।
उपभोक्ताओं के लिए राहत, बिजली चोरी और लाइन लॉस का डेटा अलग-अलग किया जाएगा
इंटीग्रेटेड इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रतिनिधि राकेश भाटिया ने इस मुद्दे पर जोर दिया कि बिजली चोरी और लाइन लॉस के आंकड़ों को अलग-अलग दर्शाया जाए। उनका मानना था कि यदि दोनों को अलग किया जाएगा, तो यह स्पष्ट हो सकेगा कि असल में कितनी बिजली चोरी हो रही है और लाइन लॉस की वास्तविक दर क्या है। इससे उपभोक्ताओं को सही जानकारी मिलेगी और समस्या का समाधान करना आसान होगा।
यूपीसीएल को सख्त निर्देश, बिजली चोरी पर काबू पाने की उम्मीद
विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष, एमएल प्रसाद ने उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) को सख्त निर्देश दिए हैं कि वह लाइन लॉस को कम करने के लिए तेजी से कार्रवाई करें। आयोग का लक्ष्य है कि राज्य में बिजली चोरी और लाइन लॉस को कम किया जाए, जिससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ न पड़े। यह कदम ऊर्जा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में सुधार की दिशा में कदम
उत्तराखंड में बिजली चोरी और लाइन लॉस की समस्या अब तक एक बड़ी चुनौती रही है, लेकिन आयोग द्वारा उठाए गए इन कदमों से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में इन समस्याओं पर काबू पाया जा सकेगा। यूपीसीएल को दिए गए सख्त निर्देशों से यह सुनिश्चित होगा कि बिजली चोरी और लाइन लॉस के मुद्दों को प्राथमिकता से हल किया जाएगा और उपभोक्ताओं को सस्ती और सुलभ बिजली मिलेगी।
उपभोक्ताओं को मिलेगा राहत, उम्मीदें बनीं
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग का यह कदम उपभोक्ताओं के लिए राहत की उम्मीद जगाता है। इससे न केवल बिजली चोरी पर काबू पाया जा सकेगा, बल्कि राज्य में ऊर्जा क्षेत्र का समुचित प्रबंधन भी सुनिश्चित होगा। विद्युत नियामक आयोग की कार्रवाई से राज्य में बिजली चोरी और लाइन लॉस की दर में गिरावट की संभावना है, जो अंततः उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाएगी।