ब्रेकिंग न्यूज

अब ढहेंगी हजारों अवैध इमारतें! 3.7 मीटर से कम दूरी पर मकान और दुकानें होंगी ध्वस्त

बिजली लाइन के पास बना हर अवैध निर्माण अब खतरे में है! बिजली कंपनी ने दी सख्त चेतावनी छज्जा हो या पूरा मकान, नियम तोड़ा तो नहीं बचेगा कुछ भी। जानिए कौन सी गलती पड़ सकती है लाखों में भारी और कैसे बचा सकते हैं अपनी प्रॉपर्टी!

By Saloni uniyal
Published on
अब ढहेंगी हजारों अवैध इमारतें! 3.7 मीटर से कम दूरी पर मकान और दुकानें होंगी ध्वस्त
अब ढहेंगी हजारों अवैध इमारतें! 3.7 मीटर से कम दूरी पर मकान और दुकानें होंगी ध्वस्त

बिजली कंपनी (Electricity Company) मध्यप्रदेश में अब अवैध निर्माणों के खिलाफ नई मुहिम शुरू करने जा रही है। खासतौर पर सतना जिले में बिजली लाइनों के आसपास बने मकान, दुकान या अन्य किसी भी प्रकार की इमारतें अगर निर्धारित न्यूनतम दूरी से कम पाई गईं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई 3.7 मीटर की लंबवत दूरी और 2 मीटर की समानांतर दूरी के नियमों पर आधारित होगी, जो कि भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) के नियम 62 और 63 में स्पष्ट रूप से उल्लिखित हैं।

सतना में छज्जों और अवैध एक्सटेंशन पर बिजली कंपनी का अल्टीमेटम

सतना में बिजली कंपनी ने साफ कर दिया है कि मकानों और दुकानों में बिना अनुमति के किए गए छज्जा विस्तार या अन्य निर्माणों को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कंपनी ने उपभोक्ताओं को चेतावनी दी है कि वे स्वयं अपने निर्माण को बिजली लाइन से सुरक्षित दूरी पर ले जाएं, अन्यथा कंपनी खुद विध्वंस की कार्रवाई करेगी। इसके लिए बाकायदा नोटिस भेजे जा रहे हैं और कार्रवाई की शुरुआत के लिए एक रोडमैप तैयार किया जा चुका है।

क्यों जरूरी है 3.7 मीटर की दूरी? जानिए सुरक्षा का तकनीकी आधार

बिजली लाइन के आसपास यदि संरचनाएं तय सीमा के भीतर आ जाएं तो इससे न केवल विद्युत आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होती है, बल्कि यह सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहद खतरनाक होता है। असिस्टेंट इंजीनियर मेंटेनेंस कुलदीप मिश्रा के अनुसार, निर्धारित 3.7 मीटर लंबवत दूरी और 2 मीटर समानांतर दूरी का पालन न करने पर विद्युत आपूर्ति बाधित हो सकती है, साथ ही जानमाल का बड़ा खतरा भी बना रहता है। उन्होंने कहा कि कुछ उपभोक्ताओं ने इन नियमों की अनदेखी की, जिससे हाल ही में केशवनगर धवारी में आधी रात को विद्युत कर्मियों के साथ मारपीट की नौबत आ गई।

बिना अनुमति के निर्माण पर अब नहीं चलेगा बहाना

मध्यप्रदेश में अवैध कॉलोनियों पर पहले से ही बुलडोजर चल रहा है। अब बिजली विभाग ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि Unauthorized Construction या बिना मंजूरी के किए गए किसी भी तरह के निर्माण को बख्शा नहीं जाएगा। बिजली लाइन की दूरी से छेड़छाड़ करने वाले किसी भी उपभोक्ता को कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा। चाहे वह शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण, नियम सभी पर समान रूप से लागू होंगे।

लाखों इमारतें हैं खतरे में, गांवों में स्थिति और भी गंभीर

प्रदेशभर में लाखों मकान, दुकानें और अन्य बिल्डिंगें ऐसी हैं जो कि बिजली लाइनों की सुरक्षित दूरी के नियमों का उल्लंघन कर बनी हुई हैं। खासकर गांवों में स्थिति और भी भयावह है, जहां कई स्थानों पर बिजली लाइनें मकानों के ऊपर या भीतर से गुजर रही हैं। इन स्थानों पर ना केवल बिजली आपूर्ति बाधित होती है, बल्कि हादसों की आशंका भी बढ़ जाती है।

खुद करें सुधार, नहीं तो तोड़फोड़ के लिए तैयार रहें

बिजली कंपनी ने स्पष्ट कर दिया है कि भवन मालिकों को स्वेच्छा से अपने निर्माण हटाने का समय दिया जा रहा है। यदि इस अवधि में निर्माण नहीं हटाया गया तो बिजली विभाग खुद विध्वंस की कार्रवाई करेगा। इसके अंतर्गत छज्जे, दीवारें, एक्सटेंशन या अन्य कोई भी निर्माण जो तय सीमा के अंदर आता है, उसे गिरा दिया जाएगा।

अवैध निर्माण से विद्युत आपूर्ति भी बाधित, जनता को भी भुगतना पड़ रहा खामियाजा

हाल ही में छज्जे के कारण बिजली लाइन की मरम्मत नहीं हो सकी, जिससे एक पूरी कॉलोनी को रातभर अंधेरे में रहना पड़ा। यह स्थिति अब आम होती जा रही है। यही कारण है कि बिजली कंपनी अब सख्ती से पेश आ रही है और जल्द ही पूरे प्रदेश में एक बड़े स्तर पर सर्वे और कार्रवाई की शुरुआत हो सकती है।

यह केवल सतना की नहीं, पूरे मध्यप्रदेश की समस्या

बिजली कंपनी की यह सख्ती सिर्फ सतना तक सीमित नहीं है। पूरे मध्यप्रदेश में ऐसे हजारों नहीं बल्कि लाखों निर्माण हैं, जो कि Electricity Safety Norms के विपरीत हैं। इसलिए यह कदम पूरे प्रदेश में बिजली सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

क्या है समाधान? जानें उपभोक्ताओं के लिए विकल्प

बिजली कंपनी ने यह भी सुझाव दिया है कि जिन भवनों की दूरी तय मानकों से कम है, वे अपनी बिजली लाइन को शिफ्टिंग (Shifting) के जरिए सुरक्षित स्थान पर ले जा सकते हैं। इसके लिए संबंधित विभाग में आवेदन किया जा सकता है और नियमानुसार शुल्क देकर बिजली लाइन को हटवाया जा सकता है। यह न केवल निर्माण को बचा सकता है बल्कि सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।

Leave a Comment